जब व्यक्ति के सपने बड़े हों और वो सही तरीके से प्लानिंग करे, तो वो बड़े से बड़े लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं कारदेखो.कॉम के को-फाउंडर और सीईओ अमित जैन, जिन्होंने शुरुआती 5 सालों में बिना किसी फंडिंग के अपनी कंपनी को सफलता पूर्वक चलाया। अपने भाई अनुराग जैन के साथ मिलकर शुरू की गई इनकी कंपनी कारदेखो.कॉम को इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्षों का सामना करते हुए एक यूनिकॉर्न कंपनी बना दिया।
कारदेखो.कॉम से पहले अमित ने कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया और अपने फैमिली बिज़नेस को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन वे अपने फैमिली बिज़नेस में सफल नहीं हो पाए।
आइये जानते हैं फैमिली बिज़नेस की असफलता से एक यूनिकॉर्न कंपनी तक के अमित जैन के सफर के बारे में –
कौन हैं अमित जैन?
अमित जैन का जन्म 12 नवंबर 1976 को जयपुर में हुआ था, उनके पिता आरबीआई अधिकारी थे और रत्नों का बिज़नेस करते थे। अमित ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद अपनी पहली जॉब टाटा कंसल्टेंसी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर की। एक साल बाद उन्होंने इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी ट्राईलॉजी में सीनियर एसोसिएट के रूप में काम किया। इसी कंपनी में वे डिलीवरी मैनेजर और बाद में प्रोडक्ट मैनेजर बने।
जब वे अपने जीवन के सबसे अच्छे दौर में थे, तभी उनके पिता को कैंसर हो गया। इस कारण से दोनों भाइयों को अपनी जॉब छोड़कर अपने पिता के इलाज के लिए वापस आना पड़ा। कुछ समय बाद उनके पिता की मृत्यु हो गयी।
कैसे हुई कारदेखो की शुरुआत?
पिता की मृत्यु के बाद कुछ दिनों तक उन्होंने अपने पिता के रत्नों के बिज़नेस को चलाने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके। इसके बाद अमित और उनके भाई ने मिलकर 2007 में आईटी सर्विस कंपनी "गिरनारसॉफ्ट" शुरू की। गिरनारसॉफ्ट में आर्डर लेने के लिए उन्होंने कई कम्पनियों को ई - मेल लिखे, तब जाकर बड़ी मशक्कत के बाद उन्हें पहला आर्डर 50 हजार का मिला।
अमित और उनके भाई को गाड़ियों का शौक था, इसी कारण वे 2008 में दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंटरनेशनल ऑटोएक्सपो में गए थे। यहाँ उन्होंने अलग-अलग कारों की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 2008 में कारदेखो नामक पोर्टल की शुरुआत की, जिसके द्वारा आप कार के मूल्य, उसके मॉडल और विशेषताओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, इसके साथ ही आप इन सभी चीजों के बारे में 4 कारों की तुलना कर सकते हैं।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 2008 से 2013 तक इन्होंने बिना किसी फंडिंग के इस बिज़नेस को सफलतापूर्वक चलाया। इन्होंने पहली फंडिंग 2013 में ली थी, अलग-अलग 9 राउंड में कारदेखो ने 497. 5 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की है। इसके साथ ही इनकी वैल्यूएशन अब 1.2 बिलियन डॉलर हो गयी है और ये कंपनी अब यूनिकॉर्न बन गयी है।
कारदेखो की सफलता के बाद उन्होंने बाइकदेखो, प्राइसदेखो, टायरदेखो, कॉलेजदेखो जैसे ई कॉमर्स इकाइयों की भी शुरुआत की। इसके साथ ही उन्होंने 2015 में कारबे.माई की स्थापना मलेशिया और थाईलैंड के लिए की। आज इस कंपनी के 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी और हर महीने 3.5 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता हैं।
अमित जैन वर्तमान में शार्क टैंक इंडिया सीज़न 2 में जज की भूमिका निभा रहे हैं। एक समय था जब अमित अपने पिता के बिज़नेस को नहीं चला पाए थे, वहीं आज वे ना सिर्फ कई कम्पनियों के संस्थापक हैं, बल्कि कई सारे स्टार्टअप्स में इन्वेस्टर भी हैं। आज के समय में कई स्टार्टअप शुरू होते ही इन्वेस्टर्स की तलाश करने लगते हैं। ऐसे स्टार्टअप्स अमित जैन और उनकी कंपनी से ये सीख सकते हैं कि यदि हम सही प्लानिंग के साथ बिज़नेस शुरू करें, तो बिना किसी फंडिंग के भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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