मुंबई: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) पर कोरोना वायरस संकट का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है. लॉकडाउन से इस क्षेत्र पर बहुत बुरी मार पड़ी है. जिसके मद्देनजर महाराष्ट्र (Maharashtra) एमएसएमई (MSME) सेक्टर की मदद के लिए विचार कर रही है, जिससे सबसे अधिक रोजगार देने वाले इस सेक्टर को राहत पहुंचाई जा सके.

राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई (Subhash Desai) ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि “एमएसएमई क्षेत्र ने राहत की मांग की है. जिसमें ब्याज सबवेंशन, बिजली की ड्यूटी में राहत और लॉकडाउन के दौरान मजदूरी बांटने के लिए मदद शामिल है. इस मुद्दे के कैबिनेट में आने के बाद हम राहत पैकेज देने पर विचार करेंगे."

जबकि राज्य सरकार महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) के दायरे से बाहर आने वाली विभिन्न कंपनियों के लिए भी अलग-अलग खरीद पर सब्सिडी के लाभ सुश्निचित करने की प्लानिंग कर रही है. महाराष्ट्र में एमएसएमई के रूप में पंजीकृत 20 लाख इकाइयाँ हैं. इनमें से छह लाख मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़ी हैं और बाकी सर्विस क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं.

पिछले महीने ही महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि एमएसमएमई क्षेत्र की जरूरतों का अध्ययन किया जा रहा है. राज्य सरकार की योजना से उन्हें जरूर मदद पहुंचाई जाएगी. दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन के चलते एमएसएमई का उत्पादन ठप पड़ गया था. ऐसे में शून्य उत्पादन के बावजूद कर्मचारियों के वेतन भुगतान का बोझ उठाना पड़ा. जबकि न्यूनतम बिजली ने भी एमएसएमई को गहरे आर्थिक संकट में धकेलती गई.