देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एमएसएमई के पंजीकरण की प्रक्रिया के सरलीकरण की घोषणा की है. मंगलवार (15 जून) शाम एसएमई स्ट्रीट गेम चेंजर्स फोरम के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि अब एमएसएमई के पंजीकरण के लिए केवल पैन और आधार की आवश्यकता होगी. वर्ल्ड बैंक ने भारत के MSME सेक्टर की मदद के लिए 50 करोड़ डॉलर मंजूर किए
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पंजीकृत होने के बाद एमएसएमई इकाई को प्राथमिकता मिलेगी और साथ ही उसे वित्त मदद भी मिलेगी. उन्होंने कहा कि उद्यमिता और अन्य संबंधित पहलुओं के क्षेत्र में छोटी इकाइयों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है. उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया, और यह भी आशा व्यक्त की कि बैंक और एनबीएफसी भी छोटे व्यवसायों को पूर्ण समर्थन प्रदान करेंगे.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के महत्व पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई उद्यमिता को बढ़ावा देने और बड़े रोजगार के अवसर पैदा करके देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने के उद्देश्य से एमएसएमई का उद्देश्य एमएसएमई के लिए पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को बढ़ाने के लिए एक मददगार माहौल तैयार करना है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष प्रोत्साहन पैकेज 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की घोषणा की है.
एमएसएमई के अंतर्गत मिलते हैं कई लाभ
एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था के लगभग 45 प्रतिशत का हिस्सेदार है. यदि कोई भी उद्योगपति इसके अंतर्गत मिलने वाले लाभ को प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनके लिए सर्वप्रथम एमएसएमई में अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होता है. सूक्ष्म एवं मध्यम वर्गीय उद्योगपतियों को इस सेवा के अंतर्गत अनेकों प्रकार के लाभ जैसे कि कम ब्याज दर, उत्पादन शुल्क में छूट, योजना कर सब्सिडी प्राप्त होते हैं. इसके अलावा भी पंजीकरण करने वालों को कई अन्य छूट मिलती हैं. इनके लिए सर्वप्रथम एमएसएमई में अपना पंजीकरण करवाना बेहद जरूरी होता है.
पहले MSME रजिस्ट्रेशन के लिए कई डाक्यूमेंट्स की पड़ती थी जरुरत
इससे पहले तक एमएसएमई में पंजीकरण करवाने के लिए आवेदनकर्ता के पैन कार्ड की प्रतिलिपि, प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग, लाइसेंस आदि की प्रतिलिपि और पासपोर्ट साइज के फोटो की जरूरत पड़ती थी. इसके अतिरिक्त लाभार्थी को कई अन्य दस्तावेजों का विवरण देना पड़ता था, जिनमें किराए के संपत्ति में उद्योग का विवरण, लाभार्थी का शपथ प्रमाण पत्र, लाभार्थी का घोषणा दस्तावेज, एनओसी आदि शामिल हैं. इसके अतिरिक्त लाभार्थी को उसके साक्षी के रूप में दो व्यक्ति चाहिए होते हैं.