सपने उन्हीं के सच होत हैं जिनके अंदर अपने सपनों को पूरा करने का जुनून होता है। कई लोग केवल परिस्थितियों का बहाना बनाकर अपने लक्ष्य को पाने की चाह खो देते हैं। वहीं कुछ लोग हर परिस्थिति का डटकर सामना करते हैं और इतिहास रच देते हैं। इस बात को प्रमाणित करने का काम उत्तर प्रदेश के कल्याण सिंह ने हाल ही में एसडीएम बनकर किया है। बहराइच के रहने वाले कल्याण सिंह के पिता जवाहर लाल मौर्य, जिलाधिकारी के ड्राइवर पद पर तैनात हैं जबकि मां का करीब 5 साल पहले निधन हो चुका है। पिता के परिश्रम और कल्याण की लगन, मेहनत, पढ़ाई के प्रति रूचि के कारण ही आज ये सब संभव हो पाया है। कल्याण सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई बहराइच से हुई है जिसके बाद उन्होंने दिल्ली आईआईटी में एमएससी की पढ़ाई की और वहीं से एनटीपीसी में नौकरी करने लगे। लेकिन नौकरी करने के साथ ही उन्होंने पीसीएस की तैयारी शुरू की। अपनी लगन और मेहनत के बल पर कल्याण सिंह ने यह मुकाम हासिल कर लिया। हालांकि उनके लिए यह रास्ता इतना आसान नहीं था, उन्हें इस रास्ते में कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।
बचपन से ही पढ़ाई में थे तेज
उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले कल्याण सिंह मौर्य का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता जिलाधिकारी के ड्राइवर के पद पर कार्यरत हैं। हर पिता की तरह उनके पिता ने भी अपने बेटे के सुनहरे भविष्य का सपना शुरू से ही देखा था। कल्याण सिंह बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थे। कल्याण की शुरुआती पढ़ाई बहराइच के नानपारा में हुई। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उन्होंने केमिस्ट्री में MSc की। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली आईआईटी कॉलेज में एमएससी की पढ़ाई की और वहीं से एनटीपीसी में नौकरी करने लगे। लेकिन उनका मन शुरू से ही प्रशासनिक सेवा की ओर था। पढ़ाई में उन्हें उनकी मां हमेशा से गाइड करती रहती थी। लेकिन 5 साल पहले कल्याण सिंह की मां की मृत्यु के बाद उनके लिए राह कठिन हो गई। मां के जाने की कमी कल्याण को हर पल खल रही थी। लेकिन उन्होंने एक बार फिर से हिम्मत करके अपना सारा ध्यान अपने लक्ष्य पर ही केंद्रित किया।
नौकरी के साथ की यूपीपीएससी की पढ़ाई
कल्याण सिंह शुरू से ही प्रशासनिक सेवा करना चाहते थे। इसलिए वो नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की पढ़ाई करने लगे। यूपीएससी 2021 में इंटरव्यू राउंड में कल्याण सिंह का सिर्फ 5 नंबर कम होने की वजह से सेलेक्शन नहीं हुआ। लेकिन हार मानने की बजाय उन्होंने फिर से मेहनत की और आखिरकार ओबीसी कैटेगरी में 40वीं रैंक पाकर कल्याण सिंह एसडीएम के पद पर तैनात हुए।
कल्याण सिंह फिलहाल सोलापुर, महाराष्ट्र के एनटीपीसी में काम कर रहे हैं। उनकी इस सफलता से उनका पूरा परिवार खुशी से झूम रहा है। कल्याण सिंह ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पापा, मां, बड़े भाई और अपने टीचर्स को दिया। कल्याण सिंह मौर्य आज अपनी मेहनत के दम पर बड़ी सफलता पाने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे जिसका नतीजा यह हुआ कि आज वो एसडीएम बन गए हैं। वह अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखकर आज लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।
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