भारत आज सिर्फ़ मोबाइल से कॉल या चैट नहीं कर रहा, बल्कि लेन-देन, खरीदारी और कमाई भी उसी से कर रहा है। इस डिजिटल क्रांति के केंद्र में हैं — UPI, ONDC और RuPay और तीनों ही सरकार द्वारा प्रोत्साहित प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन हर एक की भूमिका अलग है:
अब सवाल ये है — क्या इन तीनों के साथ भारत खुद की डिजिटल इकोनॉमी खड़ा कर रहा है?
UPI: जिसने भारत को 'कैशलेस' रहना सिखाया
UPI (Unified Payments Interface) को 2016 में NPCI द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका लक्ष्य था — मोबाइल नंबर या QR कोड से पैसे भेजना इतना आसान बनाना, जैसे WhatsApp पर मैसेज भेजना।
UPI की ताकत:
2024 तक UPI की पहुंच 75 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों तक हो चुकी है।
UPI अब भारत में हर सेकंड में 5,000+ ट्रांजैक्शन करता है। यहां तक कि ऑटोवाले और सब्ज़ीवाले भी QR कोड लेकर बैठे हैं।
ONDC: Flipkart-Amazon के बादशाहत को चुनौती
ONDC यानी Open Network for Digital Commerce, भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य है:
हर दुकानदार को ऑनलाइन बेचने की ताकत देना, बिना किसी कंपनी के कंट्रोल के। जहाँ Amazon या Flipkart एक बंद प्लेटफॉर्म हैं, वहीं ONDC एक ओपन नेटवर्क है —
मतलब कोई भी ऐप (जैसे Paytm, PhonePe, Magicpin) उस नेटवर्क से जुड़कर सामान खरीद या बेच सकता है।
ONDC कैसे बदल रहा है गेम:
ONDC का विस्तार 2023–24
2024 में ONDC ने Zomato और Swiggy की तुलना में 60% सस्ते ऑर्डर प्रोसेस किए। इससे लाखों छोटे व्यापारियों को नया बाजार मिला।
RuPay: भारत का अपना डेबिट-क्रेडिट कार्ड
जब भी हम कार्ड से भुगतान करते हैं, अधिकतर कार्ड Visa और Mastercard के होते हैं — जो विदेशी कंपनियाँ हैं।लेकिन अब RuPay भारत का अपना card नेटवर्क बन चुका है, जिसे NPCI ने ही विकसित किया है।
RuPay का मकसद है:
2023 तक 70% से अधिक डेबिट कार्ड RuPay कार्ड बन चुके हैं। अब RuPay क्रेडिट कार्ड को भी UPI से जोड़ दिया गया है —
मतलब अब “tap and pay” भी सिर्फ़ भारत का अपना सिस्टम इस्तेमाल करेगा।
RuPay के फायदे:
- RuPay अब UAE, Singapore, Bhutan, और Nepal में भी चालू हो चुका है।
- UPI + ONDC + RuPay: एक यूनिक डिजिटल इकोनॉमी इकोसिस्टम
- अगर UPI “पेमेंट” का राजा है,
- ONDC “कॉमर्स” की आज़ादी है,
- और RuPay “ट्रांजैक्शन का पासपोर्ट” है —
- तो तीनों मिलकर बना रहे हैं भारत का अपना डिजिटल सिस्टम, जहाँ control विदेशी कंपनियों के पास नहीं, भारत के लोगों के हाथ में होगा।
क्यों जरूरी है ये देसी प्लेटफॉर्म?
- डाटा की सुरक्षा — अब हर लेन-देन का डाटा भारत में ही रहेगा
- कॉस्ट सेविंग — इंटरनेशनल कंपनियों को लाखों करोड़ का कमीशन देने की जरूरत नहीं
- लोकल इकॉनमी को ताकत — गांव से लेकर महानगर तक, हर कोई डिजिटल हो रहा है
- स्टार्टअप्स और MSMEs को बूस्ट — छोटे व्यापारियों को टेक्नोलॉजी और कस्टमर एक्सेस दोनों मिल रही है
डिजिटल भारत के नए हीरो
अब जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने की ओर बढ़ रहा है, तो ये साफ है कि इसमें सबसे बड़ा रोल Play कर रहे हैं — UPI, ONDC और RuPay
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