कहते हैं कि एक बूंद से सांगर को कुछ फर्क नहीं पड़ता, लेकिन बूंद-बूंद मिलकर ही पूरे सागर को भर देती हैं। इस दुनिया में समाज की कई समस्याएं है जिन्हें देखकर हर कोई कह देता है कि यह समस्या तो कभी खत्न नहीं होने वाली है। लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे भी लोग है जो खुद इस समस्या को कम करने के लिए सामने आते हैं और दुनिया के लिए मिसाल पेश करते हैं। कुछ ऐसा ही मिसाल पेश किया है सरकारी प्राइमरी स्कूल टीचर ममता मिश्रा ने। ममनता मिश्रा ने अपने संसाधनों से प्राइमरी कक्षा में ना केवल स्मार्ट क्लास बनाई बल्कि साथ ही यूट्यूब( YouTube), ग्रीन बोर्ड (green board) और मोबाइल एप दीक्षा (diksha app) के जरिए बच्चों को डिजिटल शिक्षा (digital education) दे रही हैं।

ममता के इस कार्य की प्रशंसा पीएम मोदी मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में भी कर चुके हैं। ममता मिश्रा प्रयागराज जिले यमुनापार इलाके में चाका ब्लाक के मॉडल प्राइमरी स्कूल तेदुंआवन में सहायक अध्याप​क के पद पर कारत है। 2015 में ममता की नियुक्ति भी बाकी शिक्षकों की तरह ही हुई थी लेकिन उन्होंने दूसरों से हटकर काम करना शुरु किया। ममता सरकारी स्कूल के बच्चों को कॉन्वेट स्कूल के बच्चों की तरह शिक्षा देना चाहती थी इसलिए उन्होंने डिजिटल तरीके से पढ़ाना शुरू किया।

ममता पहली कक्षा के बच्चों को घर में मोबाइल के जरिए पढ़ाई करने के गुर सिखाती हैं। जिससे बच्चे पहले से ही डिजिटल एजुकेशन से परिचित हो जाएं। ममता क्लास में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें मोबाइल में 'दीक्षा ऐप' के जरिए पढ़ने के तरीके भी सिखा रही हैं। ममता ने अपनी सैलरी के पैसों से डेस्क और बेंच मंगवाया था ताकि बच्चों को पढ़ाने में आसानी हो। यही नहीं उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में अपनी कक्षा के साथ ही दूसरी कक्षाओं में भी ब्लैक बोर्ड की जगह ग्रीन बोर्ड लगवाएं हैं।

ममता ने अपने प्रयासों के जरिए सरकारी प्राइमरी स्कूल को कान्वेंट स्कूल के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है। ममता मिश्रा के इस कार्यक्रम की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी। उन्होंने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में ममता के कार्य को सराहा था। ममता ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से खेल-खेल में गणित और विज्ञान की शिक्षा देती है।

ममता यू ट्यूब पर अपना चैनल भी चलाती हैं। जिस पर बच्चों को पढ़ाते हुए अब तक उन्होंने 487 वीडियो अपलोड किए हैं।  बच्चों को डिजिटल तरीके से ऑडियो विजुअल की मदद से होने वाली पढ़ाई बहुत पंसद आ रही है। उनके क्लास के बच्चे बताते हैं कि कई बार जब उनके गरीब माता-पिता फीस नहीं दे पाते हैं या कापी पेंसिल नहीं खरीद पाते हैं तो उनकी प्यारी टीचर ममता मिश्रा उनकी जरुरत पूरी कर देती हैं। ममता के स्कूल के दूसरे टीचर्स भी उनकी कार्यशैली से बेहद खुश हैं और उनसे प्रेरणा (Motivation) ले रहे हैं। ममता आज सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) बन चुकी हैं। ममता ने अपने कार्य और नई सोच के जरिए अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है।

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