आपने कई बार सुना होगा "लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।" इसी बात का जीता जगता उदाहरण हैं 2018 में सबसे कम उम्र के IPS अधिकारी बने सफीन हसन।
सफीन एक गरीब परिवार से आते हैं, इनके माता पिता हीरा काटने का काम करते हैं। इसके अलावा शाम के समय इनके माता पिता ठेले पर उबले अंडे और ब्लैक टी बेचते थे।
परिवार में इतनी गरीबी के बावजूद सफीन ने कड़ी मेहनत की और अपने पहले ही अटेम्प्ट में UPSC क्लियर की। आज सफीन गुजरात के जामनगर में सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त हैं।
आज जानिये IPS अधिकारी सफीन हसन की सफलता की कहानी –
जन्म: | 21 जुलाई 1995 पालनपुर, गुजरात |
पिता: | मुस्तफा हसन |
माता: | नसीम बानो |
Exam Cleared: | UPSC 2018, AIR 570th |
वर्तमान पद: | सहायक पुलिस अधीक्षक, जामनगर, गुजरात |
कौन है सफीन हसन?
सफीन का जन्म 21 जुलाई 1995 को गुजरात के पालनपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम मुस्तफा हसन और माता का नाम नसीम बानो है। उनके माता पिता हीरा काटने का काम करते थे। 2000 में आयी मंदी के चलते उन दोनों की नौकरी चली गयी थी। इसके बावजूद भी सफीन ने अपनी पढ़ाई पूरी की। उनकी शुरुआती शिक्षा गुजरात के सरकारी स्कूल में गुजराती माध्यम में हुई थी।
बचपन से देखी गरीबी।
सन 2000 में आई मंदी के दौर में सफीन के माता पिता की नौकरी चली गयी। तब उनके माता पिता दिन में मजदूरी करते थे और रात में ठेले पर उबले अंडे और ग्रीन टी बेचते थे। जब सफीन ने UPSC की तैयारी करने की ठानी, तो उन्हें इसकी कोचिंग के लिए अपने रिश्तेदार से उधर लेना पड़ा।
ऐसे मिली UPSC की प्रेरणा।
जब वे स्कूल में थे, तब एक बार जिला कलेक्टर उनके स्कूल में निरीक्षण के लिए आये। उस समय सभी ने कलेक्टर का खूब मान सम्मान किया, तब सफीन ने अपने एक रिश्तेदार से इस बारे में पूछा। उसके बाद सफीन ने नई दिल्ली के राजेंद्र नगर में अवध ओझा सर की कोचिंग में दाखिला लिया।
आगे थी और मुश्किल राह।
सफीन ने 2017 में प्रीलिम्स की परीक्षा पास की, जब वे मेन्स की परीक्षा देने जा रहे थे, तब उनका एक्सीडेंट हो गया। हालाँकि जिस हाथ से वो लिखते थे, वो सही सलामत था, तब सफीन ने पहले मेन्स का एग्जाम दिया और एग्जाम के बाद हॉस्पिटल में भर्ती हुए। उसके बाद वे अपने इंटरव्यू तक भर्ती रहे और इंटरव्यू के 1 सप्ताह पहले ही डिस्चार्ज हुए। इसके बाद उन्होंने 23 मार्च 2018 को इंटरव्यू दिया और अपने पहले ही अटेम्प्ट में 570वीं रैंक प्राप्त की।
आज सफीन जामनगर के सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त हैं। जब वे UPSC की तैयारी कर रहे थे, तब अपने खाली समय में दिल्ली के गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया करते थे। सफीन का यह जज़्बा सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को हासिल किया।
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