आज के समय में अधिकतर लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं और लगभग सभी कम्प्यूटर्स में माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम और दूसरे सॉफ्टवेयर होते हैं। माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना 1975 में बिल गेट्स और पॉल एलन ने की थी। लेकिन आज इस अमेरिकन कंपनी की कमान एक भारतीय के हाथ में है, जिनका नाम है सत्या नडेला

सत्या नडेला का जन्म हैदराबाद में हुआ था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे आगे की पढ़ाई करने अमेरिका चले गए और वहीं जॉब करने लगे। 1992 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया और आज वे इस कंपनी के प्रमुख बन गए हैं।

जानिये माइक्रोसॉफ्ट के CEO और चेयरमैन सत्या नडेला की सफलता की कहानी –

नाम: सत्या नडेला
जन्म: 19 अगस्त 1967, हैदराबाद
पिता: BN युगांधर
माता: प्रभावती
वर्तमान: Microsoft के CEO और चेयरमैन
संपत्ति: 305 मिलियन डॉलर

कौन हैं सत्या नडेला?

सत्या नडेला का जन्म 19 अगस्त 1967 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता BN युगांधर 1962 बैच के IAS अधिकारी थे, जिनका 2019 में निधन हो गया। सत्या की माता का नाम प्रभावती है, जो एक संस्कृत लेक्चरर थी। सत्या बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे, उनकी स्कूली शिक्षा हैदराबाद में हुई। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मनिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया और वहां से 1988 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद सत्या आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी विश्वविद्यालय से 1990 में कंप्यूटर साइंस में MS की डिग्री ली। उसके बाद उन्होंने 1990 में ही प्रसिद्ध आईटी कंपनी सन माइक्रोसिस्टम्स की टेक्नोलॉजी टीम में काम किया, प्रसिद्ध कंप्यूटर लैंग्वेज जावा इसी कंपनी के द्वारा विकसित की गयी थी।

ऐसा रहा माइक्रोसॉफ्ट में नडेला का सफर

1992 में जब नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की सर्वर टीम को जॉइन किया, तब किसे पता था कि एक दिन वे माइक्रोसॉफ्ट की कमान संभालेंगे। उसके बाद नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की सॉफ्टवेयर डिवीज़न, ऑनलाइन सर्विसेस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म जैसे कई डिपार्टमेंट्स में काम किया। 

माइक्रोसॉफ्ट जल्द ही क्लाउड कंप्यूटिंग में कदम रखने वाली थी, तब नडेला ने कंपनी के इस डिवीज़न की कमान संभाली। माइक्रोसॉफ्ट को दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में से एक बनाने में नडेला की महत्वपूर्ण भूमिका थी, इसलिए उन्हें क्लाउड गुरु भी कहते हैं। इसी दौरान नडेला ने 1996 में शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिज़नेस से MBA किया।

नडेला को बाद में बिज़नेस डिवीज़न का वाईस प्रेसिडेंट और सर्वर एंड टूल्स डिवीज़न का प्रेसिडेंट भी बनाया गया। 4 फरवरी 2014 को नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का CEO बनाया गया, वे बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद कंपनी के तीसरे CEO थे। नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट में क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल ऍप्लिकेशन्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस किया। 2021 में नडेला को CEO के साथ साथ कंपनी का चेयरमैन भी नियुक्त किया गया। 

2022 में नडेला को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया।

नडेला के नेतृत्व में माइक्रोसॉफ्ट ने 2023 में Copilot नाम से अपना AI chatbot लॉन्च किया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2023 में नडेला की सैलरी 403 करोड़ रुपये थी, वहीं उनकी कुल संपत्ति 305 मिलियन डॉलर है।