सपने उन्हीं के सच होते हैं जिनके अंदर कुछ कर दिखाने की जिद्द होती है। जिद्द से ही कोई भी व्यक्ति इतिहास रचता है। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं हरियाणा कैडर की आईपीएस संगीता कालिया। जिनके तेज़ तर्रार तरीकों से हर कोई खौफ खाता है।

संगीता के पिता एक कारपेंटर हैं। अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने आईपीएस बनने की ठानी। आईपीएस बनने का जुनून उन पर इस कदर सवार था कि उन्होंने 6 नौकरियों को ठुकरा दिया था और आखिरकार आईपीएस बनकर ही दम लिया।

यही नहीं वे अपने कड़े फैसलों से अक्सर लोगों को चौंकाती रहती हैं। लेकिन आईपीएस बनने का यह सफर संगीता कालिया के लिए आसान नहीं था। उन्होंने बहुत संघर्ष किया।

संगीता कालिया के जीवन सफर

आइए जानते हैं कैसा रहा है संगीता कालिया के जीवन का प्रेरक सफर

बचपन से ही कियां संघर्ष:

मूल रूप से हरियाणा के भिवानी की रहने वाली संगीता कालिया ने बचपन से ही कड़ा संघर्ष किया। उनके पिता कारपेंटर थे। उनके घर की आर्थिकि स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन उनके पिता का सपना था कि संगीता आईपीएस बने। अपने पिता के सपने को पूरा करने की दिशा में संगीता ने अपनी शुरूआती शिक्षा हरियाणा के ही प्राइवेट स्कूल से की। जिसके बाद अशोका यूनिवर्सिटी से उन्होंने इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। संगीता ने पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा होने से पहले ही सोच लिया था कि वह अपने पिता के सर्विस से रिटायर होने से पहले ही खुद को सक्षम बना लेंगी। यह निर्णय लेने के बाद संगीता कालिया ने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया।

तीसरे प्रयास में बनीं IPS:

संगीता कालिया ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करनी शुरू कर दी। हांलाकि पहली बार में वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त नहीं कर पाईं। लेकिन उन्होंने फिर से प्रयास किया और अपने दूसरे चांस में UPSC क्रैक कर लिया। हालांकि उन्हें ऐसा कैडर मिला जो उन्हें पसंद नहीं था। लेकिन संगीता ने हार नहीं मानी। उन्होंने आईआरएस का पद छोड़ दिया और फिर तीसरी बार यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अपने तीसरे प्रयास में वो आईपीएस ऑफिसर बन गईं।

उड़ान सीरियल से ली थी प्रेरणा:

आईपीएस संगीता कालिया को पुलिस में आने की प्रेरणा उड़ान सीरियल देख कर और उनके पिता से मिली है। संगीता कालिया ने आईपीएस बनने के लिए छह नौकरियों के ऑफर को ठुकरा दिया था।  बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि जिस पुलिस विभाग में उनके पिता कारपेंटर हुआ करते थे, उसी विभाग में बतौर एसपी उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी। पिता धर्मपाल जिस वर्ष में पुलिस विभाग से रिटायर हुए, उसी वर्ष 2010 में हरियाणा पुलिस में संगीता कालिया ने आईपीएस का पद संभाला।

आज आईपीएस संगीता कालिया बेहद ईमानदार अफसर मानी जाती हैं। अपने काम करने के तरीकों को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। संगीता ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखी है। वे आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।