ऐसा बहुत कम होता है जब कोई किसी के ताने सुनकर ऐसा काम कर जाता है, जिससे पूरी दुनिया आश्चर्यचकित हो जाती है। कुछ ऐसा ही कारनामा किया है वेंकटेश अय्यर ने। जिन्होंने परिवार के तानों को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और आज व़ड़ा पाव बेचकर 50 करोड़ से अधिक की कंपनी खड़ी कर दी है। उनकी कामयाबी के किस्से केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैले हुए हैं जिसका नतीजा यह हुआ है कि हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईएमडी स्विट्जरलैंड और आईएसबी हैदराबाद जैसे संस्थानों ने उनकी कामयाबी पर केस स्टडी की हैं। आइए वेंकटेशन की सफलता की कहानी (Success Story) को जानते हैं।

वेंकटेश का जन्म मध्यमवर्गीय तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वेंकटेश को बचपन में कहा जाता था कि यदि आप अच्छे से नहीं पढ़ोगे तो अंत में आपको वड़ा पाव ही बेचना पड़ेगा। जो बच्चे ठीक से पढाई नहीं करते अक्सर उन्हें ऐसे ताने सुनने को मिलते हैं क्योंकि हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छी तरह से पढ़ाई करें। इंजीनियर, डॉक्टर या चार्टर्ड एकाउंटेंट बनें। वेकटेंश के परिवारजन भी यही चाहते थे। उनके परिवार वालों ने यह कभी नहीं सोचा था कि वड़ा पाव बेचकर ही वो इतनी सफलता को प्राप्त कर लेगें।

करीब 14 साल पहले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल यानी उस समय के वीटी स्टेशन पर मैक्डोनल्ड के 40 फीट लंबे बैनर को देखकर एक वेंकटेश के ज़हन में सवाल पैदा हुआ था कि जब विदेशी बर्गर यहां इतना फेमस हो सकता है तो फिर देसी वड़ा पाव क्यों नहीं फेमस हो सकता? बस इसी बात को सोच उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी। वेकंटेश ने करीब 20 साल तक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का बिजनेस किया लेकिन उनका मन कुछ अलग करने का था। इसलिए उन्होंने साल 2004 में गोली वड़ा पाव के नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत की।

गोली वड़ा पाव कंपनी के संस्थापक वेंकटेश अय्यर ने 2004 में ‘बॉम्बे बर्गर’ कहे जाने वाले वड़ा पाव  बनाने के लिए एक कंपनी की शुरुआत की थी। आज इस कंपनी के देशभर में 350 आउटलेट्स हैं। वेकंटेश जरुरतमंद लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करना चाहते थे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ठाणें में अपना पहला स्टोर ओपन किया। वेंकटेश अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि हम सभी अपने घरों में इडली, डोसा और पोंगल खाते हैं। लेकिन मुंबई में उनके लिए वड़ा पाव फिल्मों में एक ‘आइटम नंबर’ के जैसा था। कॉलेज पार्टियों से लेकर क्रिकेट मैच तक, वड़ा पाव सभी आयोजनों में शामिल रहता था। इसलिए वेकंटेश ने वड़ा पाव को ही अपने बिज़नेस के रुप में चुना। हालांकि वड़ा पाव हर किसी के दिलों में सालों से मजबूत जगह बनाए हुए है। वहीं पनीर वड़ा पाव, शेज़वान, मिक्स वेज, पालक मकई, पनीर और यहाँ तक कि आलू टिक्का जैसे वड़ा पाव भी इस फ्रैंचाइज़ी में लोकप्रिय हो रहे हैं। इसलिए हम भी यह निश्चित करना चाहते थे कि हमारे प्रोडक्ट का स्वाद हर आउटलेट में समान रहे, चाहे कोई भी इसे किसी भी दिन चखे। सभी को एक जैसा स्वाद मिले।

वेकंटेश ने अपने वड़ा पाव कंपनी का नाम रखने के लिए भी बहुत गहन विचार किया था। मुंबई में आलू की पैटी, को गोला कहा जाता है। आलू की पैटी को खरीदते समय अक्सर पूछा जाता था कि ‘क्या गोल दे रहा है?’ यह बात वेकंटेश के मन में बस गई थी और उन्होंने इसे ही अपनी कंपनी के नाम में प्रयोग किया। गोली वड़ा पाव के आउटलेंट्स आज देश के हर जगह आपको देखने को मिल जाएंगे। छोटे से दिखने वाले इस आउटलेट्स का टर्न ओवर सालाना 50 करोड़ रुपए है। आज इस कंपनी का टर्नओवर 350 करोड़ से भी ऊपर है। इसकी कामयाबी पर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईएमडी स्विट्जरलैंड और आईएसबी हैदराबाद जैसे संस्थानों ने इस पर केस स्टडी की है। वेंकटेश कंपनी के काम के अलावा जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के बारे में भी कदम बढ़ा रहे हैं। वो स्कूल छोड़ चुके दसवीं पास छात्रों को कंपनी में काम करने का मौका देने के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए कंपनी में ‘थ्री ई’ का बड़ा स्थान है। यहां थ्री ई का अर्थ है – एजुकेशन, एंप्लॉयमेंट और आंत्रप्रेन्योरशिप।

वेंकटेश इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति को अपने जीवन का आदर्श मानते हैं। एक छोटी सी कंपनी से शुरूआत करने वाले वेंकटेश आज 350 करोड़ की कंपनी के मालिक है। उन्होंने अपने नए नजरिए और मेहनत के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। उनकी यह कहानी सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। यदि आप भी वेंकटेश अय्यर की तरह अपने करियर में सफल होना चाहते हैं एवं खुद का बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आप हमारे Problem Solving Couse को ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। हमारे Problem Solving Course को ज्वाइन करने के लिए इस लिंक https://www.badabusiness.com/psc?ref_code=ArticlesLeads पर क्लिक करें और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/?ref_code=ArticlesLeads पर Visit  करें।