हर साल लाखों स्टूडेंट्स यूपीएससी की परीक्षा देते हैं लेकिन उनमें केवल कुछ स्टूडेंट ही परीक्षा को पास कर सेलेक्ट हो पाते हैं। यूपीएससी को देश की सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक माना जाता है, जिसे पास करना किसी चुनौती से कम नहीं होती है। शायद इसलिए अफसर बनते ही हर किसी का उस व्यक्ति के प्रति नज़रिया बदल जाता है। अभी हाल ही में सिविल सेवा 2022 का रिजल्ट आया है जिसमें इशिता किशोर ने अपने तीसरे प्रयास में न केवल इस कठिन परीक्षा को पास किया है बल्कि टॉपर बनकर सफलता की नई कहानी लिखी है।
इशिता स्कूल के समय से ही पढ़ाई में काफी तेज थी और इसकी झलक यूपीएससी की परीक्षा में भी देखने को मिली है। हालांकि इशिता को ये सफलता ऐसे ही नहीं मिल गई, इसके लिए उन्होंने दो बार असफलता भी देखी है। उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों से सीखते हुए उन्होंने फिर से तैयारी की और आज वे टॉपर बन गई हैं।
इशिता किशोर के बचपन से UPSC 2022 टॉपर तक का सफर
आइए जानते हैं कैसा रहा हैं इशिता किशोर के जीवन का यह प्रेरक सफर।
बचपन से ही पढ़ाई में थी तेज
मूल रूप से बिहार की रहने वाली इशिता किशोरी ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से ही की। वे बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी। उनके पिता एयरफोर्स में विंग कमांडर थे, इसलिए उन्होंने एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल की है। इशिता को बचपन से ही खेल का बहुत शौक था। वे फुटबॉल की खिलाड़ी रह चुकी हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिल गई। उन्होंने 2 साल तक नौकरी की जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने की ठानी।
पिता की मौत के बाद मां ने निभाई जिम्मेदारी
इशिता जब छोटी थी तभी हार्ट अटैक के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां के कंधो पर आ गई। इशिता की मां ने अपने बच्चों के पालन-पोषण में कोई कमी नहीं छोड़ी। इशिता ने जब अपने घर में बताया कि वे नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करना चाहती हैं तो उस समय उनकी मां ने उनका भरपूर साथ दिया।
पहले दो अटेम्प्ट में हो गई थी फेल
इशिता ने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की पढ़ाई करने की ठानी। लेकिन शुरुआती दो प्रयास में वे प्रिलिम्स एग्जाम भी नहीं निकल पाई। ये वो समय था जब उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये वक्त उनके लिए बहुत मुश्किल था। लेकिन हार मानने की बजाय उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और फिर से तैयारी शुरू की। इस कड़ी में उनका साथ उनके परिवार और दोस्तों ने खूब दिया और उन्हें एहसास दिलाया कि वे यूपीएससी क्रैक कर सकती हैं। इशिता ने शुरू से ही टारगेट सेट कर रखा था कि वे पहली रैंक ही लेकर आएंगी। इस कड़ी में वे लगातार तैयारी करती रहीं।
कड़ी मेहनत के बाद बनी टॉपर
इशिता दिन में 8 से 10 घंटे लगातार पढ़ाई करती थी। उनकी मेहनत रंग लाई और वे अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की टॉपर बन गईं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह परीक्षा पास की। यूपीएससी की तैयारी करने के लिए इशिता कहती हैं कि आजकल जरूरत से ज्यादा सूचनाएं उपलब्ध हैं इसलिए एस्पिरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे अपने हिसाब से चुनें कि उनके लिए क्या बेहतर है। यूपीएससी की तैयारी करने वालों को खुद के मजबूत पक्ष और कमजोरी को समझना चाहिए, उसी हिसाब से तैयारी करनी चाहिए। हम नौकरी करने जाते हैं, तब भी हफ्ते में करीब 45 घंटे काम करते हैं। पढ़ाई को लेकर भी इतना ही संजीदा होना जरूरी है।
इंटरव्यू में दिया हर सवाल का सटीक जवाब
इंटरव्यू में इशिता से कई कठिन सवाल भी पूछे गए जिनका उन्होंने बड़ी सरलता से जवाब दिया। यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए इशिता कहती हैं कि UPSC की तैयारी के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है, ये लिस्ट बनते-बनते बढ़ती रहती है। हर किसी को अपने हिसाब से ये लिस्ट बनानी चाहिए। आमतौर पर धारणा होती है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले लोग सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखते हैं लेकिन उन्होंने इसका प्रयोग अपनी ज़रूरत के अनुसार ही किया। साथ ही वे कहती हैं कि ज़िंदगी में बैलेंस होना बहुत ज़रूरी है।
इशिता किशोर ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखी है। आज वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं। उन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी और लगातार आगे बढ़ती गई। आज यूपीएससी की टॉपर बनकर उन्होंने इतिहास रचा है।