पहले यह एक फैशन और लाइफस्टाइल ऑनलाइन मार्केटप्लेस था, लेकिन बाद में यह फर्नीचर के लिए प्रमुख ब्रांड बन गया।

  • दोनों फाउंडर्स को eBay इंडिया में काम करने का एक दशक से ज्यादा अनुभव था, जिसे उन्होंने अपने स्टार्टअप में लगाया।
  • शुरुआत में उनकी टीम में 25 लोग थे, लेकिन ना ब्रांड का नाम तय था और ना ही ऑफिस की जगह। फंडिंग की जरूरत थी और जब कंपनी के अकाउंट में सिर्फ 10 लाख रुपये बचे थे, तो उन्होंने टीम को गोवा ले जाकर छुट्टियां मनाई यह सोचकर कि अगर पैसा खत्म हो रहा है, तो आखिरी समय साथ बिताना बेहतर है।
  • आज यही स्टार्टअप करोड़ों की कंपनी बन चुका है, जो उनके जज्बे और दूरदर्शिता का नतीजा है।
  • लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस ट्रिप के कुछ हफ्तों बाद 'पेपरफ्राय' को वो पचास लाख डॉलर की फंडिंग मिल गई, जिसका पूरी टीम को इंतजार था। फंडिंग मिलते ही पूरी टीम काम में जुट गई और अगस्त 2012 में 'पेपरफ्राय' को ग्राहकों के सामने प्रस्तुत किया गया।
  • लेकिन लॉन्चिंग के कुछ ही घंटों में 1500 ऑर्डर आ गए और ज्यादा ट्रैफिक के कारण वेबसाइट क्रैश हो गई। तब यह वेबसाइट फैशन और लाइफस्टाइल में डील कर रही थी। पेपरफ्राई का पहला फॉर्मल ऑफिस 2012 में कोहिनूर कॉमर्शियल कॉम्पलैक्स खोला गया। ये एक 25-सीटर था।
  • 2013 में आशीष शाह और अंबरीश मूर्ति ने एक बड़ा फैसला लिया और 45 फीसदी के मार्जिन वाली फर्नीचर कैटेगरी पर अपना ध्यान लगाया गया। इस बदलाव से पहले ही दिन 35 फीसदी धंधा खत्म हो गया।
  • टीम ने बेचने वालों और ग्राहकों से बात की लेकिन इस आईडिया को छोड़ा नहीं।

  • आशीष कहते हैं कि ग्राहक अक्सर शिकायत करते थे कि उन्हें सेकेंड हैंड पीस मिलता है, और टीम को यह समझाने में काफी दिक्कत आती थी कि यह एक विंटेज कलेक्शन होता है। वो खुद ग्राहकों से बात करते थे।
  • जिसके बाद धीरे-धीरे ग्राहक लौटने लगे। डिलेवरी से लेकर डैमेज तक तमाम मोर्चों पर दिक्कतें आईं। इस सबसे जूझते हुए 'पेपरफ्राय' ने अपने पैर जमाए और आठ साल में करीब 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग जमा कर ली है।
  • धीर-धीरे पेपरफ्राई एक बड़ी कपंनी के रुप में स्थापित हो चुकी है। आज टीम में 500 से ज्यादा लोग हैं। टीम के बुरे दौर में साथ देने वाले टॉप मैनेजमेंट के 15 लोग आज भी टीम का हिस्सा हैं। अब ये लोग 400 ट्रक्स की मदद से अपना सामान डिलिवर कर रहे हैं।
  • पेपरफ्राई के संस्थापकों का मानना है कि अगर आपको लगता है कि आपके पास सही रणनीति है, तो आपको इसे नहीं बदलना चाहिए। आशीष शाह और अंबरीश मूर्ति ने अपने नए नजरिए और दूरगामी सोच के साथ अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। उनकी यह कहानी सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है।

यदि आप अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, एवं अपना बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आप हमारे Problem Solving Couse को कों ज्वॉइन कर सकते हैं। ज्वाइन करने के लिए इस लिंक

https://www.badabusiness.com/psc?ref_code=ArticlesLeads पर क्लिक करें और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com  पर Visit  करें।