किस्मत कब पलटी मार जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ लोग किस्मत के भरोसे बैठे रहते हैं, तो कुछ अपनी मेहनत और साहस के दम पर अपनी किस्मत को भी बदल कर रख देते हैं। ऐसा ही कुछ किया है Big boy Toyz के संस्थापक जतिन आहूजा ने। जतिन कभी 3 रुपये का पेन बेचा करते थे और आज वो करोड़ों की कंपनी के मालिक बन गए हैं।

महज 10 साल की उम्र में 3 रुपये का पेन दोस्त को बेचकर लाभ कमाने वाले जतिन आज मशहूर रिटेल ब्रांड Big boy Toyz के मालिक बन गए हैं। आज इनके पास बीएमडब्लू (BMW), रेंज रोवर, लैंबोर्गिनी जैसी कई लग्जरी गाड़ियों की लाइनें लगी हुई है। आइए जानते हैं जतिन की सफलता की कहानी (Success Story)-

बिग बॉय टॉयज़ के फाउंडर जतिन आहूजा का सफर बेहद दिलचस्प है। जतिन आहूजा गुरुग्राम के रहने वाले हैं। छोटी-सी उम्र से ही जतिन ने प्रॉफिट कमाना सीख लिया था और मात्र 23 साल की उम्र में मशहूर रिटेल ब्रांड बीबीटी के मालिक बन गए थे। जतिन गुरुग्राम के रहने वाले हैं लेकिन बीबीटी के शोरुम्स दिल्ली, गुरुग्राम के साथ-साथ मुंबई और हैदराबाद में भी हैं। बिग बॉय टॉयज़ वो ब्रांड है, जो यूज़्ड-कार्स को लग्जरी कार्स में बदलकर अपने ग्राहकों का दिल जीत लेता है।

जतिन के पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। जतिन बचपन से ही बाकी बच्चों से अलग थे। वो हमेशा अपने हमउम्र के बच्चों से ऊपर उठकर सोचते थें। जतिन को कारों का शौक बचपन से ही था। जब वो छठी क्लास में थे तभी उनके दिमाग में खुद की कार कंपनी खोलने का विचार आया था। बस फिर क्या था अपने सपनों का पीछा करते हुए सचिन ने 17 साल की उम्र में ही बिज़नेस वेंचर खड़ा कर दिया। कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी, लेकिन ये खयाल काफी दिलचस्प है कि जिस तरह कुछ बच्चे सोने की चम्मच साथ लेकर पैदा होते हैं, उसी तरह जतिन लग्ज़री कार हाथ में लेकर पैदा हुए थे। तभी तो मात्र 12 साल की उम्र में उन्होंनो अपनी कंपनी का नाम 'बिग बॉय टॉयज़' रखना तय कर लिया था।

जतिन की जिंदगी में बड़ा मोड़ 17 साल की उम्र में आया उन्होंने मर्सिडीज एस क्लास को खरीदा। उन्होंने उस कार को रिफर्बिश्ड किया और एक अच्छे प्रोफिट पर उसे बेच दिया। जतिन आहूजा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की जिसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए किया। जतिन ने बिग बॉय टॉयज़ की शुरुआत अपने पिता से 70,000 रुपये उधार लेकर की थी। उस पैसों से जतिन ने साल 2009 में दिल्ली में एक छोटा-सा स्टूडियो खोला। आज उस स्टूडियों में 150 से ज्यादा लोग काम करते हैं। जतिन ने अपनी पहली डील 2005 में की थी। यह डील काफी दिलचस्प थी, जिसमें मुंबई बाढ़ में खराब हुई मर्सिडीज को उन्होंने सही किया। कार की रिपेयरेंग कर उन्होंने उसे 25 लाख की कीमत में बेच दिया था।

जतिन ने बरसों से पनप रहे अपने पैशन को बिज़नेस में बदलने का काम किया है। यही नहीं जतिन ने कार के साथ-साथ नए मोबाइल नंबर पर भी ध्यान दिया था। उन्होंने 2006 में फैन्सी मोबाइल नंबर की डिमांड को देखते हुये 1200 सिम कार्ड 99999 की सीरीज वाले खरीदे, जिनसे 24 लाख का बिजनेस किया और 2007 में उनकी कमाई का आंकड़ा 2 करोड़ तक पहुंच गया था। जतिन ने प्री-ओन्ड लग्जरी कार्स के बिज़नेस में उन दिनों कदम रखा था, जब प्रीमियम कारों के डीलर भारतीय बाजार में उतरने से हिचकिचा रहे थे। लेकिन जतिन ने खुद पर भरोसा रख अपने सपनों को पूरा किया।

जतिन ने बीबीटी की शुरूआत करने से पहले बहुत जानकारी एकत्र थी। उन्होंने काफी रिसर्च भी की थी। जतिन ने ऑटो इंडस्ट्री की संभावनाओं पर गंभीर रिसर्च और ग्राउंडवर्क किया और उन लोगों से जुड़े जो लग्ज़री कारों को खरीदने के शौकीन थे। 2009 के बाद जतिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जतिन अब तक भारत के विभिन्न शहरों में 6,000 से भी अधिक लोगों तक अपनी कारें पहुंचा चुके हैं।

जतिन की कंपनी BBT एक नियम के तहत काम करती है। वह अपने ग्राहकों को ऐसी कार बेचती हैं जो अच्छी हालत में हो। जिसे देखकर कोई यह कह ही नहीं सकता है कि यह प्री-ओन्ड कार्स हैं और ऐसे में इस बात का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है कि इन गाड़ियों को सचमुच ही 151 बार चैक करके ग्राहक को बेचने के लिए शोरूम में खड़ा किया गया है।

जतिन की कंपनी BBT विभिन्न मॉडलों की कार तैयार करती है जिसमें लेम्बोर्गिनी गैलार्डो, एवेंटाडोर, बेंटले जीटी / जीटीसी, रेंज रोवर्स के साथ-साथ अन्य लग्जरी ब्रांड जैसे रोल्स रॉयस, मैसेराटी, फरारी, एस्टन मार्टिन, लैंबोर्गिनी और बेंटले की प्री-ओन्ड कारें भी बेचती है। तभी तो विराट कोहली से लेकर रोहित शर्मा तक, प्रिटी ज़िंटा से लेकर नेहा धूपिया तक, बीबीटी यानि कि बिग बॉय टॉयज़ ने सभी को अपना दीवाना बना दिया है। BBT कंपनी जिसने महज एक साल में 6 करोड़ से अधिक की कमाई की थी। आज के समय में जतिन की यह कंपनी 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर रही है।

जतिन अपनी इस सफलता की कहानी (Success Story) बताते हुए कहते हैं कि वो इसलिए सफल हुए हैं क्योंकि आपको पूरी लगन और अपने पैशन के साथ आगे बढ़ना चाहिए, सफलता यकीनन आपके कदम चूमेगी। सचिन की सफलता की कहानी सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है।

 

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