आज के समय में लगभग हम सभी लोग मोबाइल फ़ोन और सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं, ऐसे में यदि कोई अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं करता है, तो उसे आधुनिक समय में साधू ही कहा जायेगा। ऐसी ही एक उदहारण हैं IAS परी बिश्नोई, जिन्होंने UPSC की परीक्षा पास करने के लिए तैयारी के समय सोशल मीडिया और मोबाइल फ़ोन से दूरी बना ली थी।

जन्म: 26 फरवरी 1996, काकड़ा, बीकानेर
माता: मनीराम बिश्नोई
पिता: सुशीला देवी
Exam Cleared: UPSC 2019, AIR 30th

UPSC की परीक्षा पास करने में 1 साल का समय लगता है और परी ने यह परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की। इस हिसाब से उन्होंने 3 सालों तक मोबाइल और सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया और सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाकर कड़ी मेहनत करती रहीं। जानिये परी बिश्नोई के त्याग, संघर्ष और सफलता की कहानी

कौन है परी बिश्नोई?

परी का जन्म 26 फरवरी 1996 को बीकानेर के काकड़ा गाँव में हुआ था। इनके पिता मनीराम एक वकील हैं और माता सुशीला देवी RPF में इंसपेक्टर हैं। परी की प्रारंभिक शिक्षा अजमेर में हुई, फिर आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली गयीं। दिल्ली से उन्होंने ग्रेजुएशन किया और अजमेर से राजनीति विज्ञान में मास्टर किया।

ऐसे बनीं IAS

स्तुति के माता पिता दोनों पढ़े लिखे और अच्छे प्रोफेशन में हैं, अतः उन्होंने परी को हमेशा ही अपने मनमुताबिक काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। जब वे ग्रेजुएशन में थी, तभी से परी ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। UPSC क्लियर होने से पहले वे 2 बार असफल हुई थी। इस दौरान उन्होंने खुद को सोशल मीडिया और मोबाइल फ़ोन से दूर कर लिया था और एक साधू की तरह जीवन जिया। उनकी यह तपस्या जल्द ही रंग लाई और 2019 में अपने तीसरे प्रयास में परी ने 30वीं रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास की। इससे पहले वे NET JRF की परीक्षा भी पास कर चुकी थी, लेकिन उनका लक्ष्य IAS बनकर देश और समाज की सेवा करना था।

परी वर्तमान में सिक्किम गंगटोक में पदस्थ हैं। परी का कहना है कि वे अपने माता पिता के काम के प्रति समर्पण को देखकर ही प्रेरित हुई थी। जब भी वे निराश होती, तब उनकी माता उन्हें प्रोत्साहन देती थी। परी कहती हैं कि जीवन की कठिनाइयों से परेशान होने की बजाय कड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ उनका सामना करना चाहिए।

आज के युवाओं को परी से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिस प्रकार परी ने कुछ समय के लिए फ़ोन और सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी, ठीक उसी प्रकार हमें भी सिर्फ अपने लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए।


आपको परी बिश्नोई की यह प्रेरणादायी कहानी कैसी लगी और आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किन चीजों और आदतों को कुछ समय के लिए छोड़ सकते हैं, हमें कमेंट करके अवश्य बताएं।