इंसान अगर चाहे तो वो क्या कुछ नहीं कर सकता। अपने जुनून को अपना पेशा बनाने का काम बहुत कम लोग कर पाते हैं। कुछ लोग अपनी सफलता की कहानी खुद लिखते हैं। ऐसे ही अपनी किस्मत खुद बदलने वाले एवं अपनी सफलता की कहानी लिखने वाले शख्स हैं कारपेंटर राजू जांगिड़ (Carpenter Raju Jangid)। राजू को हिन्दी से इतना प्यार था कि कारपेंटर का काम करते हुए वो विकिपीडिया के लिए लेख लिखने लगे। आश्चर्य कि बात यह है कि राजू ने यह सभी लेख कीपैड वाले फोन से लिखे हैं।
एक कारपेंटर जिसने अपना स्कूल छोड़ दिया था उसका विकिपीडिया का एडिटर बनने का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। राजू जांगिड़ जोधपुर जिले के एक छोटे से गांव ठाडिया के रहने वाले हैं। उन्हें शुरू से ही अपनी मातृभाषा हिन्दी के प्रति काफी प्रेम रहा है। जांगिड़ ने खराब आर्थिक हालात की वजह से 10वीं के बाद ही स्कूल छोड़ दिया और उसके बाद दूरस्थ शिक्षा से बीए पास की। 2015 में उन्होंने बीए की परीक्षा देते हुए विकिपीडिया के लिए लिखना शुरू किया। जांगिड़ ने देखा था कि हिंदी भाषा के प्रति लोगों की रुचि कम होने लगी है। हिंदी भाषा के कंटेट की भी कमी है। इसी कमी को पूरा करने के उद्देश्य से वो संपादक और कंटेट क्यूरेटर के रुप में काम करने लगे। ताकि लोगों के लिए चीज़े आसान हो जाए।
हिन्दी के प्रति इसी प्रेम ने उन्हें विकिपीडिया एडिटर बना दिया। उन्होंने वेबसाइट के लिए 1800 लेख लिखे हैं और विकीपीडिया में लगभग 57,000 पेज को संपादित किया है। राजू ने यह सभी काम अपने कीपैड वाले पुराने फोन से किया। राजू के द्वारा लिखे हुए विकिपीडिया की वेबसाइट पर अब तक लगभग 1.4 लाख हिन्दी पेज हैं और उनका लक्ष्य इसे और भी अधिक बढ़ाना है।
22 वर्षीय राजू कहते हैं कि मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि ऐसे समय में जब भारत में हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, तो इस भाषा में भी विकिपीडिया पर ज्यादा जानकारी मिलनी चाहिए थी जो नहीं थी। राजू अपनी आजीविका चलाने के लिए 10 से 12 घंटों तक कारपेंटर का काम करते थे। जिसके साथ ही वो विकिपीडिया के पेजों पर लिखना और संपादित करने का काम करने लगे।
राजू कहते हैं कि उन्होंने इस काम को करने के लिए अपने बेसिक फोन सैमसंग s5610 पर काम किया। उनके लिए टाइप करना मुश्किल था, लेकिन वो चाहते थे कि उनके गांव की जानकारी लोगों के साथ शेयर की जाए। इसलिए उन्होंने पहले जानकारी एकत्र की और फिर उसे विकीपिडिया के माध्यम से शेयर किया।
धीरे-धीरे राजू के काम की पहचान होने लगी। एक वेबसाइट ने उनकी मेहनत को पहचाना और उन्हें एक लैपटॉप और साथ ही मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन भी दिया। वर्तमान में वह 'विकी स्वस्थ' पर काम कर रहे हैं, जो एक प्रोजेक्ट है जिसमें स्वास्थ्य संबंधी लेख डाले जा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने एक और प्रोजेक्ट शुरू किया है जहां उन्होंने अपने पसंदीदा खेल, क्रिकेट के बारे में लेख डाले हैं। राजू ने हिन्दी में विकीक्रिकेट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है और उसी पर 700 से अधिक लेख लिखे हैं। राजू कहते हैं कि क्रिकेट पर हिन्दी में बहुत कम लेख हैं और इसलिए उनके लिए यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है। ताकि लोगों को ज्यादा जानकारी मिल पाए।
राजू जांगिड़ ने हिन्दी के प्रति अपने प्यार को अपना काम बनाते हुए 1800 आर्टिकल विकीपीडिया पेज के लिए लिखे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने मोबाइल के हिंदी वर्णमाला वाले कीपैड से विकीपीडिया पर 57,000 पेजों की एडिटिंग भी की है। जहां लोगों को एक से ज्यादा मैसेज फोन से टाइप करने में दिक्कत महसूस होने लग जाती है वहीं इस युवा कारपेंटर ने फोन से ही 750 पेज हिंदी में टाइप किए हैं। राजू ने लैपटॉप मिलने के बाद 1130 पेज लैपटॉप से टाइप किए हैं।
राजू ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। उनकी यह कहानी सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। राजू जांगिड़ उन सभी के लिए एक मोटिवेशन (Motivation) है जो संसाधनों के अभाव को अपने जीवन का कारण मानकर सफलता प्राप्त नहीं करते।
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