महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं है। आज ऐसी कोई फील्ड नहीं है जहां महिलाएं नहीं पहुंच सकती। खेल, व्यापार से लेकर आर्मी तक हर जगह महिलाओं का वर्चस्व कायम है। महिलाओं को कमजोर समझने की प्रथाओं को तोड़ते हुए आज ऐसी कई महिलाएं जिन्होंने ना केवल खुद की पहचान बनाई है बल्कि भारतवर्ष का नाम भी रोशन किया है। इसी कड़ी में एक और नाम है गीता गोपीनाथ का जिन्होंने ना केवल IMF की पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट होने का गौरव हासिल किया है बल्कि कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) भी बन चुकी हैं। गीता गोपीनाथ पहली बार चर्चा में तब आईं जब उन्होंने भारत की जीडीपी को लेकर एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू के दौरान गीता गोपीनाथ ने इंटरनेशनल इकोनामिक डेवलपमेंट यानी कि वैश्विक आर्थिक विकास में जो गिरावट आ रही है उसे लेकर अपनी बात सामने रखी थी।

गीता गोपीनाथ देखने में एक आम महिला की तरह ही है लेकिन उनकी सोच उन्हें खास बनाती है। गीता गोपीनाथ का जन्म 8 दिसंबर 1971 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था। गीता ने अपनी शुरूआती शिक्षा कर्नाटक के मैसूर में स्थित निर्मला कान्वेंट स्कूल ग्रहण की थी। गीता के माता-पिता मूल रूप से केरल के कन्नूर के रहने वाले हैं। गीता ने स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपनी आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से पूरी की। उन्होंने इक्नोमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

गीता अपने आगे की शिक्षा के लिए वॉशिंगटन चली गईं। वहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। अपने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और हावर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशंस एंड इकोनॉमिक्स में प्रोफ़ेसर के पद पर कार्य किया। गीता ने अपनी पीएचडी की पढ़ाई साल 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स में की। जिसके बाद वो वहीं प्रोफेसर के पद पर काम करने लगी।

गीता गोपीनाथ की काबिलियत को देखते हुए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री यानी चीफ इकोनॉमिस्ट के तौर पर उन्हें 1 जनवरी 2019 में जिम्मेदारी दी गई। गीता को इसके साथ ही आई एम एफ यानी इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के अनुसंधान विभाग की निदेशक की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। गीता IMF में इस पद को संभालने वाली पहली महिला है।

49 वर्षीय गीता एक भारतीय-अमेरिकी हैं, जो IMF में अनुसंधान विभाग और आर्थिक परामर्शदाता के रूप में भी कार्य कर रही हैं। 2011 में, गीता को विश्व आर्थिक मंच द्वारा एक युवा वैश्विक नेता के रूप में मान्यता दी गई थी और 2014 में, वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा 45 के तहत शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों में सूचीबद्ध हुई थी। 2019 में गीता को भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा भारतीय मूल के व्यक्ति के लिए सर्वोच्च सम्मान, प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया था। गीता ने 2016 और 2018 के बीच केरल के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया है। अर्थशास्त्री भारत में वित्त मंत्रालय के लिए G-20 मामलों पर प्रख्यात व्यक्ति सलाहकार समूह की सदस्य भी थी।

गीता गोपीनाथ ने अपनी नई सोच और साफ विचारों के जरिए महिलाओं के लिए एक मोटिवेशन (Motivation) का काम किया है। गीता गोपीनाथ की सफलता की कहानी (Success Story) सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। गीता की पहचान आज देश-विदेश हर जगह हो चुकी है। गीता ने अपने दम पर अपनी सफलता को प्राप्त किया है। यदि आप भी गीता गोपीनाथ की तरह कुछ अलग करना चाहते हैं, यदि आप अपने करियर में सफल होना चाहते हैं एवं खुद का बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आप हमारे Problem Solving Couse को ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। हमारे Problem Solving Course को ज्वाइन करने के लिए इस फॉर्म को भरें। फार्म भरने के लिए इस लिंक https://www.badabusiness.com/psc?ref_code=ArticlesLeads पर क्लिक करें और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/?ref_code=ArticlesLeads पर Visit  करें।