नई दिल्ली: स्टार्टअप के क्षेत्र में देश को नए शिखर पर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार कई सराहनीय कदम उठा रही है. इसी क्रम में स्टार्टअप परिवेश में विस्तार करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) ने इंडिया स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर के साथ साझेदारी की है. इसके जरिए देश में इनोवेशन की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही भारतीय उद्यमियों की क्षमता को और मजबूत किया जाएगा. जबकि देश में एक जीवंत स्टार्टअप परिवेश को मजबूती देने में मदद मिलेगी.
एआईएम और इंडिया स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर ने गुरुवार को एक वर्चुअल स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए. इस मौके पर नीति आयोग के मिशन निदेशक (एआईएम) आर रमणन ने कहा, 'हमें गर्व है कि इंडिया स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर भारत में इनोवेशन एवं उद्यमिता के मौजूद परिवेश को पोषित करने के हमारे प्रयासों में साझेदारी कर रहा है. साथ ही इससे स्वीडन के समकक्षों के साथ इनोवेशन सहयोग करने में मदद मिलेगी. इस प्रकार के तालमेल से विश्वस्तरीय भारतीय स्टार्टअप्स की जीवंत वृद्धि सुनिश्चित होगी. जो वैश्विक साझेदारी और स्वीडन की कंपनियों के नेटवर्क के जरिये भारतीय और वैश्विक अवसरों का फायदा उठाने में समर्थ होंगे.'
वर्तमान में एआईएम के तहत देश में विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं. इसमें अटल न्यू इंडिया चैलेंज (एएनआईसी), अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी),अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआईसी),अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) और अटल रिसर्च एंड इनोवेशन फॉर स्मॉल एंटरप्राइजेज (एआरआईएसई) आदि शामिल है. इस नई साझेदारी के जरिये इन कार्यक्रमों में इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा.
रमणन ने कहा कि इंडिया स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर के साथ यह साझेदारी एआईएम की उन तमाम हालिया पहलों के अनुरूप है जिनके तहत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के जरिये देश के उद्यमशीलता एवं इनोवेशन नेटवर्क को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है. उन्होंने एसओआई के बारे में और अधिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि एआईएम इनोवेशन चैलेंजेज, इनक्यूबेशन, मेंटरशिप, वित्तपोषण नेटवर्क तक पहुंचने, इनोवेशन के प्रदर्शन और कार्यक्रम आदि आयोजित करने में मदद करेगा.
गौर हो कि इंडिया स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर एम्स दिल्ली, एम्स जोधपुर और बिजनेस स्वीडन का एक साझा प्लेटफॉर्म है. इसका उद्देश्य खुले इनोवेशन का एक परिवेश तैयार करना है. एआईएम नीति आयोग द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से उम्मीद है कि देश में नवाचार और स्टार्टअप अर्थव्यवस्था का भविष्य बेहतर होगा.