तारीख 23 अगस्त, साल 2023 का वो दिन था, जब पूरा देश जश्न मना रहा था। उस दिन भारत ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। उपलब्धि थी कि उस दिन भारत ने चंद्रयान-3 की मदद से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाला पहला देश बन एक नया इतिहास रच दिया था। इस उपलब्धि के लिए हजारों वैज्ञानिकों के साथ ही ISRO प्रमुख एस सोमनाथ को भी श्रेय दिया गया।

सोमनाथ एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जब वो कॉलेज में थे, तो खटारा साइकिल से जाते थे। पढ़ाई में अच्छे होने के कारण वे कॉलेज में टॉपर रहे और कॉलेज में ही उन्हें अपने स्पेशलाइजेशन के बारे में पता चला।

आज एस सोमनाथ ISRO के प्रमुख हैं, जानिये उनकी सफलता की कहानी –

जन्म: जुलाई 1963, अलाप्पुझा, केरल
पूरा नाम: श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ
पिता: वी श्रीधर पणिक्कर
माता: थंगम्मा
वर्तमान पद: ISRO प्रमुख

कौन है एस सोमनाथ (S. Somanath)?

एस सोमनाथ (S. Somanath) का जन्म जुलाई 1963 में केरल के अलाप्पुझा में हुआ था। इनका पूरा नाम श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ है। इनके पिता का नाम वी श्रीधर पणिक्कर हैं, जो एक हिंदी शिक्षक थे और उनकी माता का नाम थंगम्मा है। सोमनाथ की स्कूली शिक्षा स्थानीय स्कूल से मलयालम भाषा में हुई, क्योंकि उनके पिता हिंदी शिक्षक थे, इसलिए सोमनाथ हिंदी भी अच्छी जानते थे। स्कूल के समय से ही सोमनाथ सूरज, चाँद - तारों की कल्पना किया करते थे और यहीं से उनके मन में स्पेस की जिज्ञासा ने जन्म लिया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कोल्लम के TKM कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और पूरे कॉलेज में दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बैंग्लोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर की और गोल्ड मेडलिस्ट रहे। इसके बाद सोमनाथ ने आईआईटी मद्रास से PHD की।

डॉ. कलाम के साथ भी किया काम

सोमनाथ ने 1985 में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर जॉइन किया। उस समय PSLV के लिए इंजीनियर्स की भर्ती चल रही थी, सोमनाथ फाइनल ईयर में थे और उन्होंने इसमें अप्लाई किया। क्योंकि वे पढ़ाई में अच्छे थे। इसलिए उनका चयन इस प्रोजेक्ट में हो गया। उस समय भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ. कलाम PSLV के प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे। सोमनाथ ने डॉ. कलाम के साथ काम किया, PSLV भारत के स्पेस प्रोग्राम में गेम चेंजर साबित हुआ और सोमनाथ ने इसके योगदान में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके बाद अलग अलग प्रोजेक्ट और पदों पर काम करते हुए डॉ. एस सोमनाथ विराम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर भी बने। आपको बता दें कि डॉ. के सिवान के समय बने चंद्रयान 2 के लैंडर के इंजिन की डेवलप करने में भी सोमनाथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ISRO के पूर्व चीफ डॉ. के सिवान के रिटायर होने के बाद जनवरी 2022 को डॉ. एस सोमनाथ ISRO के नए प्रमुख बने। 

उन्हीं की अगुआई में भारत ने चंद्रयान-3 की उपलब्धि हासिल की। इसके अलावा भारत के आगामी 2 प्रमुख प्रोजेक्ट आदित्य L1 और गगनयान की कमान भी एस सोमनाथ ही संभालेंगे।