भारत में कई आईएएस ऑफिसर उनके उद्देश्यों के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन एक आईएएस ऑफिसर का नाम ऐसा है जिसकी खुद की पहचान है, और अब उन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कई ऐसे कारनामे किये हैं जो हर किसी के लिए करना आसान नहीं है।

हम बात कर रहे हैं पीपुल्स ऑफिसर की पहचान रखने वाली स्मिता सभरवाल की, जो 22 साल की उम्र में आईएएस (IAS) ऑफिसर बनीं। साथ ही उन्होंने अपने संघर्ष और प्रतिबद्धता के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है।

अपनी इसी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर, वे आज एक उदाहरण के रूप में लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

कौन है स्मिता सभरवाल

स्मिता सभरवाल 2001 बैच की तेलंगाना कैडर की भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं।

कैसे तय किया दार्जिलिंग से दिल्ली तक का सफर?

स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुआ था। स्मिता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के एक विद्यालय से प्राप्त की और फिर वह आईएएस की तैयारी करने के लिए दिल्ली में एक कोचिंग केंद्र में चली गईं। स्मिता के पिता रिटायर्ड सेना अधिकारी कर्नल प्रणब दास हैं और उनकी मां का नाम पुरबी दास है।

उन्होंने आईपीएस ऑफिसर डॉ. अकुन सभरवाल से विवाह किया और उनके दो बच्चे हैं, जिनके नाम हैं नानक और भुविश। स्मिता सभरवाल सोशल मीडिया पर एक चर्चित व्यक्ति हैं।

कम उम्र में बन गईं आईएएस अधिकारी.

स्मिता सभरवाल ने अपनी दूसरी ही एटेम्पट में परीक्षा में बेहद शानदार प्रदर्शन किया और आईएएस सर्विस में चयनित हो गईं। उन्होंने 2001 में इस सेवा में शामिल होकर एक सरकारी अधिकारी के रूप में काम करना शुरू किया।

स्मिता सभरवाल का कार्यकाल एक सामान्य आईएएस अधिकारी के मुकाबले कुछ खास था। वे तेलंगाना राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान की और सुधार कार्यों में अपनी बेहतरीन योगदान दिया।

CM ऑफिस में पहली बार तैनात होने वाली महिला अधिकारी.

वैसे तो इस अधिकारी के नाम पर कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय में पहली बार किसी महिला ऑफिसर को तैनात किए जाने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम पर है। आपको बता दें कि स्मिता तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने वाली पहली आईएएस अधिकारी हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल हैं।

लेकिन, उन्हें वहाँ खुद को प्रमोट करने के बजाय अपने काम के लिए प्रसिद्ध किया जाता है। उनके काम करने के अंदाज और गरीबों की मदद के प्रति उनका अद्वितीय जुनून हर किसी के द्वारा सराहा जाता है।

सामाजिक सेवा में भी दिया योगदान.

उन्होंने अपने कार्यकाल में सामाजिक और आर्थिक विकास के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया, विशेष रूप से महिलाओं के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में। स्मिता सभरवाल की मेहनत, निष्ठा, और सेवा भावना ने उन्हें एक प्रेरणा स्रोत बना दिया है।

उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता का परिणाम है कि वे आज तेलंगाना के एक शिखर आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं और लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हैं, जो हमें यह सिखाती है कि मेहनत, संघर्ष, और समर्पण से हम किसी भी क्षेत्र में बड़ी से बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकते हैं।

लोगों को शामिल करके नागरिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए स्मिता सभरवाल को पीपुल्स ऑफिसर के रूप में जाना जाता है।


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