किस्मत भी बहादूर का ही साथ देती है। जो अपनी किस्मत के आगे हार नहीं मानते, किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है। इन्हीं बहादूर लोगों में से एक हैं गणेश कामथ जिन्होंने अपने दोनों हाथ गंवाने के बाद भी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी। मूदबिदरी-कर्कला की जानी-मानी फर्म जीके डेकोरेटर्स के मालिक गणेश कामथ एक सफल बिज़नेसमैन है। उन्हें मंगलुरू प्रेस क्लब अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।

गणेश कर्नाटक के कर्कला में जीके डेकोरटर्स नाम की एक फर्म चलाते हैं, जो बहुत प्रसिद्ध है। गणेश के दोनों हाथ नहीं है, सफलता तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा।

गणेश कामथ का जन्म गरीब परिवार में हुआ था। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण उन्हें 7वीं कक्षा में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। लेकिन उन्होंने इसे अपनी किस्मत नहीं माना और इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रेक्टर के रूप में काम करना शुरू कर दिया। साल 2001 कार्कला में एक आयोजन में गणेश को बल्ब ठीक करने को कहा गया। गणेश को एक फ्लड लाइट पर लाइट बल्ब ठीक करने के लिए 29 फीट ऊंचे मंच पर चढ़ने को कहा गया। जब वो लाईट ठीक कर रहे थे तभी उनका संतुलन बिगड़ा और वो नीचे आ गिरे। जब उन्हें होश आया तो उन्होंने देखा कि कंरट के कारण वो अपने दोनों हाथ खो चुके हैं।

गणेश पास के पोल से लगे तार के संपर्क में आ गए थे। जिसकी वजह से उन्हें करंट लगा। अपने दोनो हाथ खो देने के कारण वो बहुत परेशान रहने लगे। घर-परिवार की जिम्मेदारियां सिर पर थी और नौकरी पर से भी उन्हें निकाल दिया गया था। 13 साल तक जिस फर्म के लिए उन्होंने काम किया था उन्होंने भी विपरित परिस्थिति में उनका साथ नहीं दिया। उन्होंने आत्महत्या करने का विचार किया।

लेकिन कहते हैं जिंदगी अपनी अलग कहानी लिखती है। एक रिश्तेदार ने उन्हें आत्महत्या करने से रोका और कहा कि तुम्हारी किस्मत में राज योग है। गणेश कहते हैं कि वो जानते थे कि उन्होंने यह सब बातें उन्हें खुश करने के लिए ही कही थी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह सब सच हो जाएगा।

करंट लगने के बाद गणेश को एक्सीडेंटल बीमा से जो पैसा मिला, उससे उन्होंने काम शुरू किया। गणेश ने दो म्यूजिक सिस्टम्स खरीदे और उन्हें शादी और अन्य आयोजनों में उन्हें किराए पर देना शुरु कर दिया। शुरुआत में तो उन्हें 350 रुपय तक मिल जाते थे। लेकिन धीर-धीरे उनका यह बिज़नेस चल पड़ा और आज उनकी फर्म जीके डेकोरेटर्स का टर्न ओवर लाखों में है। वो लाखों में पैसा कमा रहे हैं।

गणेश कामथ तकरीबन 16 सालों से शादी और अन्य आयोजनों में अपनी सेवाएं दे रहें है। उनकी इस फर्म में 40 लोग काम करते हैं। वो कहते हैं कि आज भले ही वो अपने हाथ से खाना नहीं खा पाते लेकिन उनकी कंपनी आज 40  से ज्यादा लोगों का पेट पर भरी है।

गणेश कामथ ने अपनी परिस्थिति के आगे हार नहीं पानी। अपने संघर्ष और लगन से उन्होंने अपनी सफलता की कहानी (Success Stork) लिख कर सभी के लिए एक मोटिवेशन (Motivation) का काम किया है। गणेश की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणास्त्रोतत (Inspiration) है।

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