अगर कोई व्यक्ति समय से आगे सोच सकता है तो उसका सफल होना तय है। ऐसा ही एक नाम है इंडियामार्ट (IndiaMART) के संस्थापक दिनेश अग्रवाल का, जिन्होंने सालों पहले ही इंटरनेट की ताकत को पहचान कर इंडियामार्ट की शुरुआत कर दी थी और आज ये कंपनी 17000 करोड़ का अपना बिजनेस वेंचर खड़ा कर चुकी है। इस सफलता को हासिल करने के लिए दिनेश अग्रवाल ने ना सिर्फ समय से आगे सोचने की अपनी दूरदर्शिता का प्रयोग किया बल्कि बड़े रिस्क भी उठाए।

दिनेश अग्रवाल का जन्म 19 फरवरी 1969 को हुआ था, कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इन्होंने कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन किया और फिर कई कंपनीज में अनुभव हासिल करने के लिए काम भी किया। ये अनुभव हासिल करने के बाद उन्होंने सीएमसी कंपनी के साथ काम करना शुरू किया जहां उन्होंने भारत की पहली रेलवे आरक्षण प्रणाली को बनाया, बाद में इस कम्पनी को टाटा की टीसीएस कंपनी ने खरीद लिया था।

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इंडियामार्ट शुरू करने के लिए उठाया बड़ा रिस्क

दिनेश अग्रवाल ने हमेशा को नया और अलग करते रहे, सीएमसी छोड़ने के बाद उन्होंने सैम पित्रोदा के साथ काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलिमेटिक्स के लिए काम किया। इसके बाद बेहतर करियर की तलाश में वो 1992 में अमेरिका की HCL कम्पनी में काम करने लगे। अमेरिका में रहकर उन्होंने इंटरनेट की ताकत को समझ लिया था इसीलिए जैसे ही 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने भारत में इंटरनेट लेकर आने की घोषणा की तो दिनेश अग्रवाल अपनी HCL की जॉब छोड़ परिवार सहित वापस लौट आए।

हालांकि उस समय पूरे भारत में सिर्फ 1500 इंटरनेट यूजर्स ही थे लेकिन फिर भी दिनेश अग्रवाल ने अपनी नौकरी को छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने का रिस्क उठाया। भारत लौटने के बाद उन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल को समझा और भारत के निर्यातकों के लिए वेबसाइट बनाने का फैसला किया। 1996 में उन्होंने अपने भाई बृजेश अग्रवाल के साथ मिलकर इंडियामार्ट की शुरुआत की ताकि भारत के निर्यातक आसानी से विदेशों तक पहुंच सकें।

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40 हज़ार से शुरू की कंपनी को 17000 करोड़ तक पहुंचाया

दिनेश अग्रवाल ने इंटरनेट की ताकत को 1995 में ही समझ लिया था जिसका पूरा प्रभाव आज के समय में नज़र आता है। साल 2007 के बाद से भारत में मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने लगा, जिसके बाद इंडियामार्ट का बिजनेस और ज्यादा तेज़ी से आगे बढ़ने लगा। दिनेश अग्रवाल सिर्फ 40 हज़ार रुपए का निवेश करके इस कंपनी को शुरू किया था और आज ये कम्पनी 1,70,000 करोड़ की हो चुकी है।

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