नई दिल्ली: स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी), दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा साल 2016 से एक उप-योजना के रूप में लागू किया गया है. इसका उद्देश्‍य ग्रामीणों को गरीबी से बाहर निकालना, उनकी उद्यम स्‍थापना में मदद करना और उद्यमों के स्थिर होने तक सहायता उपलब्‍ध कराना है.

एसवीईपी उद्यमों को प्रोत्‍साहन देने के लिए वित्‍तीय सहायता और व्यवसाय प्रबंधन में प्रशिक्षण और स्‍थानीय सामुदायिक कैडर बनाते समय स्‍व-रोजगार अवसरों को उपलबध कराने पर ध्यान केंद्रित करता है. एसवीईपी ग्रामीण स्टार्टअप्‍स की तीन प्रमुख समस्‍याओं- वित्त, इन्‍क्‍युबेशन और कौशल पारिस्थितिक तंत्र का निवारण करता है. एसवीईपी के तहत गतिविधियों को रणनीतिक रूप से तैयार किया गया है, ताकि ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा दिया जा सके.

इसका एक प्रमुख क्षेत्र एक समुदाय संसाधन व्यक्तियों - उद्यम संवर्धन (सीआरपी-ईपी) को विकसित करना है, जो स्थानीय है और ग्रामीण उद्यमोंकी स्थापना करने में ग्रामीण उद्यमियों की मदद करता है. एक अन्य प्रमुख क्षेत्र एसवीईपी ब्लॉकों में ब्लॉक संसाधन केंद्रों (बीआरसी) को बढ़ावा देना है. यह सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों की निगरानी और प्रबंधन करता है और एसवीईपी ऋण आवेदनों का मूल्यांकन करता है तथा संबंधित ब्लॉक में उद्यम संबंधी जानकारियों के भंडार के रूप में कार्य करता है. बीआरसी प्रभावी और स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए स्‍थायी राजस्व मॉडल की सहायता करने की भूमिका निभाते हैं.

कार्यान्वयन के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, एसवीईपी ने संस्थान संरचनाओं को स्‍थापित करने, मजबूत बनाने के लिए ग्रामीण समुदायों को प्रेरित करने, बीआरसी सदस्यों के लिए व्यवसाय प्रबंधन पहलुओं पर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर निवेश करने, सीआरपी-ईपीएस का पूल बनाने और उन्हें गहन प्रशिक्षण देने, उद्यमियों को अपने मौजूदा उद्यमों को आगे बढ़ाने में सहायता करने के साथ-साथ नए उद्यमों की स्थापना पर भी ध्‍यान केन्द्रित किया है.

इन वर्षों में एसवीईपी ने प्रभावशाली प्रगति की है और अगस्त 2020 के अनुसार 23 राज्यों के 153 ब्लॉकों में व्‍यवसाय सहायता सेवाओं और पूंजी प्रेरित करने के बारे में सहायता प्रदान की है. अगस्‍त 2020 के अनुसार सामुदायिक संसाधन व्यक्ति-उद्यम संवर्धन (सीआरपी-ईपी) के लगभग 2000 प्रशिक्षित कैडर ग्रामीण उद्यमियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है., लगभग 100,000 उद्यमी उनसे सहायता प्राप्‍त कर रहे हैं. भारतीय उद्यमिता विकास संस्‍थान (ईडीआईआई), अहमदाबाद एसईवीपी का तकनीकी सहयोगी है.

भारतीय गुणवत्‍ता परिषद ने सितंबर 2019 में एसवीईपी की मध्यावधि समीक्षा की थी, जिसमें बताया गया है कि देश के सभी ब्‍लॉकों में स्‍थापित उद्यमियों में लगभग 82 प्रतिशतउद्यमी एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के हैं, जो सामाजिक समावेश का संकेत देते हैं. ऐसे 75 प्रतिशत उद्यम महिलाओं के स्वामित्व और प्रबंधन में है तथा इनका औसत मासिक राजस्व विनिर्माण के मामले में 39,000 रुपये से 47,800 रूपये, सेवाओं के मामले में 41,700 रूपये और व्‍यवसाय के मामले में 36,000 था. अध्ययन से यह भी पता चलता है कि उद्यमियों की कुल पारिवारिक आय का लगभग 57 प्रतिशत एसवीईपी उद्यमों के माध्यम से प्राप्‍त हुआ है.

एसवीईपी व्यक्तिगत और समूह उद्यमों दोनों को बढ़ावा देता है. यह मुख्‍य रूप सेविनिर्माण, व्यवसाय और सेवा क्षेत्रों में उद्यमों की स्‍थापना और प्रोत्‍साहन देता है. इस कार्यक्रम के तहत मुख्‍य रूप से स्थानीय मांग औरपर्यावरण-प्रणाली के आधार पर लाभदायक व्‍यवसायों को चलाने के लिए उद्यमियों के क्षमता निर्माण पर बड़े पैमाने पर निवेश किया जाता है. सीआरपी-ईपी प्रमाणित हैं और उद्यमियों को व्यावसायिक सहायता सेवाएं उपलब्‍धकराते हैं. व्यवसाय योजना, लाभ और हानि लेखा तैयार करने जैसे तकनीकी पहलुओं में संचरण हानि को न्‍यूनतम करने के लिए मानक ई-लर्निंग मॉड्यूल के सृजन में आईसीटी के उपयोग के बारे में एसवीईपी के तहत निवेश भी किया जाता है.