आज के समय में अधिकतर लोग खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं। Horses Stable और शार्क टैंक जैसे शो के आने से लोगों के मन में इस बारे में और रूचि जागी है। आज लोग स्टार्टअप के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं, जैसे स्टार्टअप किस प्रकार से करें, उसके लिए फंडिंग कहाँ से मिलेगी, कौन सा स्टार्टअप करना चाहिए, इसको शुरू करने के रूल्स एंड रेगुलेशंस क्या हैं, आदि।


स्टार्टअप क्या होता है?

कोई भी बिज़नेस पहले ही दिन से सफल नहीं होता। जब भी 1 या 1 से ज्यादा लोग कोई कंपनी, साझेदारी फर्म या प्रोप्राइटरशिप के रूप में नया बिज़नेस शुरू करते हैं, तो उसे स्टार्टअप कहते हैं। डिक्शनरी में स्टार्टअप का सामान्य अर्थ "शुरू करना" होता है। इसलिए कोई इंसान जब किसी नए आईडिया पर काम करके नया बिज़नेस शुरू करता है, तो इसे स्टार्टअप कहते हैं।

स्टार्टअप शुरू करने से पहले की तैयारी

आप भी स्टार्टअप शुरू करना चाह रहे हैं, तो उससे पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखें :

  1.  बिज़नेस प्लान :

    आपको सबसे पहले अपने स्टार्टअप के लिए एक सॉलिड बिज़नेस प्लान तैयार करना होगा। आप इसे शुरू करने के बाद किस तरह से बिज़नेस बढ़ाएंगे, इसे कैसे सफल बनाएंगे, इसके लिए किन-किन लोगों को हायर करना होगा, इन सब बातों की प्लानिंग करना ज़रूरी है। यदि आप बिना किसी बिज़नेस प्लान के स्टार्टअप शुरू कर देते हैं, तो आप जल्द ही असफल हो जाएंगे।

  2. मार्केट रिसर्च :

    स्टार्टअप को सफल बनाने के लिए मार्केट की रिसर्च करना भी बहुत ज़रूरी है। आपको यह देखना होगा कि आपके कॉम्पिटिटर्स कौन-कौन हैं, आपके टार्गेटेड कंस्यूमर्स कौन होंगे, उन्हें क्या पसंद आएगा और क्या नहीं, इन सब बातों की रिसर्च करके ही आप अपने स्टार्टअप्स को सफल बना सकते हैं।

  3. सही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी :

    स्टार्टअप की सफलता में आईडिया से ज्यादा मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ज़रूरी होती है। आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं, उसी से आपके बिज़नेस में बढ़ोतरी होगी। आज के समय में ट्रेडिशनल मार्केटिंग के अलावा डिजिटल मार्केटिंग, एफिलिएट मार्केटिंग, इंफ्लुंसर्स मार्केटिंग जैसे तरीके उभर रहे हैं। इनमें आप कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुँच बना सकते हैं।

  4. मजबूत नेटवर्क :

    किसी भी स्टार्टअप की सफलता उसके लोगों की नेटवर्किंग पर निर्भर करती है। सरकार स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत साल में 2 बार स्टार्टअप कार्निवल आयोजित करती है, आपको उसमें ज़रूर हिस्सा लेना चाहिए। इसके अलावा आपको लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी जॉइन करना चाहिए। इसके अलावा एंटरप्रेन्योर्स के लिए आयोजित होने वाली मीटिंग्स और सेमिनार्स में भी आपको हिस्सा लेना चाहिए।


स्टार्टअप शुरू करने के स्टेप्स

यदि आप भी स्टार्टअप के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं स्टार्टअप शुरू करने के कुछ स्टेप्स।

स्टॉर्टअप का यूनिक नाम :

आप चाहे सोलोप्रेन्योरशिप, पार्टनरशिप या कंपनी के रूप में स्टार्टअप की शुरुआत करना चाह रहे हों, आपको अपने स्टार्टअप का यूनिक नाम तय करना होगा। जब भी आप अपना कोई स्टार्टअप शुरू करते हैं, तो आपको यह देखना होगा कि आपके स्टार्टअप का नाम पहले से मौजूद किसी कंपनी से मिलता हुआ ना हो, वरना आप इसका रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाएंगे। यूनिक नाम तय करने के बाद आपको अपने स्टार्टअप के नेचर के हिसाब से उसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

यदि आप सोलोप्रेन्योरशिप (प्रोप्राइटरशिप) के रूप में स्टार्टअप करना चाहते हैं, तो

सोलोप्रेन्योर स्टार्टअप को शुरू करने के स्टेप :

जब कोई एक इंसान अकेला ही अपना स्टार्टअप शुरू करता है तो उसे सोलोप्रेन्योर (प्रोप्राइटरशिप) कहते हैं। कई स्टार्टअप जैसे होम किचन या छोटे स्तर का कोई बिज़नेस सोलोप्रेन्योरशिप के अंतर्गत आते हैं।

सोलोप्रेन्योर स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन :

सोलोप्रेन्योर स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आप इसे अपने शहर के स्थानीय विभाग (जैसे नगर पालिका/नगर निगम, नगर परिषद आदि) में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए आपकी पहचान और पते का प्रमाण पत्र, जगह आपकी है तो उसकी रजिस्ट्री या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी इत्यादि ज़रूरी होती है

ज़रूरी डाक्यूमेंट्स :

  • पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पहचान का मान्यता प्राप्त कोई भी डॉक्यूमेंट)
  • पते का प्रमाण पत्र (आधार, मतदाता या कोई अन्य प्रमाण पत्र)
  • स्थान की रजिस्ट्री या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी

स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन :

सोलोप्रेन्योरशिप को रजिस्टर करवाने के बाद आपको स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत सरकार भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सुविधाएँ देती है। इनका लाभ आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर रजिस्टर करवाने से मिल जाएगा।


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यदि आप पार्टनरशिप के रूप में स्टार्टअप करना चाहते हैं, तो

पार्टनरशिप स्टार्टअप को शुरू करने के स्टेप :

जब दो या दो से ज्यादा इंसान साथ में आकर कोई बिज़नेस करते हैं, तो उसे पार्टनरशिप कहते हैं।

पार्टनरशिप स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन :

पार्टनरशिप स्टार्टअप को शुरू करने के लिए आपको कंपनी एक्ट 2013 के अंतर्गत रजिस्टर करवाना होगा। इसके लिए आप मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट https://www.mca.gov.in/content/mca/global/en/home.html पर जाकर रजिस्टर करवा सकते हैं।

ज़रूरी डाक्यूमेंट्स :

  • साझेदारी की प्रमाणित फोटोकॉपी
  • सभी साझेदारों के पैन कार्ड
  • सभी साझेदारों के आधार कार्ड/ मतदाता परिचय पत्र/ड्राइविंग लाइसेंस
  • बिज़नेस का पैन कार्ड
  • स्थान की रजिस्ट्री या रेंट एग्रीमेंट की कॉपी

स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन :

पार्टनरशिप फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत सरकार भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सुविधाएँ देती है। इनका लाभ आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर रजिस्टर करवाने से मिल जाएगा।

यदि आप प्राइवेट कंपनी  के रूप में स्टार्टअप करना चाहते हैं, तो

प्राइवेट कंपनी के रूप में स्टार्टअप को शुरू करने के स्टेप :

कंपनी के रूप में स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत रजिस्टर करवाना होगा।

कंपनी के रूप में स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन :

इसके लिए आप मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट https://www.mca.gov.in/content/mca/global/en/home.html पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। आपको सभी ज़रूरी डाक्यूमेंट्स और प्रोसेस के बारे में वेबसाइट पर जानकारी मिल जायेगी। इन सभी डाक्यूमेंट्स को पूरा करके आप स्टार्टअप को एक कंपनी के रूप में रजिस्टर कर सकते हैं।

ज़रूरी डाक्यूमेंट्स :

  • Incorporation/Registration Certificate of your startup (आपके स्टार्टअप का पंजीकरण प्रमाणपत्र)
  • Proof of funding, if any (फंडिंग का प्रमाण, यदि कोई हो)
  • Authorisation letter of the authorised representative of the company, LLP or partnership firm (कंपनी, एलएलपी या साझेदारी फर्म के अधिकृत प्रतिनिधि का प्राधिकरण पत्र)
  • Proof of concept like pitch deck/website link/video (in case of a validation/ early traction/scaling stage startup) (पिच डेक/वेबसाइट लिंक/वीडियो का प्रमाण)
  • Patent and trademark details, if any (पेटेंट और ट्रेडमार्क विवरण, यदि कोई हो)
  • List of awards or certificates of recognition, if any (पुरस्कारों या मान्यता प्रमाणपत्रों की सूची, यदि कोई हो)
  • PAN Number (पैन नंबर)

स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन :

प्राइवेट लिमिटेड कम्पनीका रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको स्टार्टअप इंडिया के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। भारत सरकार भारत में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सुविधाएँ देती है। इनका लाभ आपको स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट https://www.startupindia.gov.in/ पर रजिस्टर करवाने से मिल जाएगा।

वर्किंग कैपिटल :

अपने स्टार्टअप (सोलोप्रेन्योरशिप, पार्टनरशिप या प्राइवेट कंपनी) का रजिस्ट्रेशन आदि करने से लेकर दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है। आपको स्टार्टअप शुरू करने के लिए कितनी पूंजी की ज़रूरत होगी, यह आपके आईडिया पर निर्भर करता है। आपको कम से कम अगले एक साल तक के खर्चों का अनुमान लगाकर पूंजी और वर्किंग कैपिटल की व्यवस्था कर लेनी चाहिए।

यदि आप इन सब स्टेप्स का ध्यान रखकर अपने स्टार्टअप की शुरुआत करते हैं, तो आप ना सिर्फ स्टार्टअप की अच्छे से शुरुआत कर पाएंगे, बल्कि मेहनत और सही मैनेजमेंट के साथ अपने स्टार्टअप को सफल भी बना सकते हैं।