किस्मत कब किस पर मेहरबान हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ लोग किस्मत से ज्यादा अपनी मेहनत पर भरोसा रखते हैं। वो किस्मत के बदलने का इंतजार नहीं करते बल्कि खुद अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपने नसीब को बदल कर रख देते हैं। इन्हीं लोगों में से एक हैं रेणुका आराध्या जो कभी गलियों में भीख मांगने को विवश थे लेकिन आज उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर 40 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है। उनकी सफलता का यह सफर काफी दिलचस्प है। आइए जानते हैं।

50 साल के रेणुका आराध्या ने इस बात को सबित कर दिखाया है कि सफलता उन्हीं के कदम चूमती है जिनके हौसलों में जान होती है। जिनके पास ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए ऊंची सोच के साथ-साथ ऐसे उद्देश्य के लिए उनका पक्का इरादा होता है। एक वक्त था जब रेणुका आराध्या (Renuka Aradhya) अपने पिता के साथ गांव-गांव गली-गली जाकर भीख मांगते थे, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत ही आज उन्होंने 40 करोड़ का कारोबार स्थापित कर लिया है। रेणुका आराध्या बेंगलुरु के पास स्थित एक छोटे से गावं के रहने वाले हैं। उनका जन्म एक गरीब पुजारी परिवार में हुआ था। उनका बचपन बेहद गरीबी में गुजरा था। बचपन से ही उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना किया था।

रेणुका आराध्या के घर की स्थिति इनती बुरी थी कि उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए दूसरों के घर में नौकर की तरह काम करना पड़ता था। किसी तरह रेणुका आराध्या ने दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की । जिसके बाद वो एक बूढ़े अनाथ व्यक्ति के घर पर रहकर उसकी सेवा करने लगे। बजुर्ग की सेवा करने का साथ ही वो पास के ही मंदिर में पूजारी के रूप में काम किया करते थे। उन्होंने वहीं करीब एक साल तक काम किया। जिसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर की ओर रुख किया। उनके पिता ने उनका नाम एक आश्रम में लिखवा दिया था। उस आश्रम में उन्हें सिर्फ दो बार सुबह के समय 8 बजे और शाम के समय 8 बजे ही खाना खाने को मिलता था। पूरा दिन भूखा रहने के कारण रेणुका ढंग से पढ़ाई भी नहीं कर पाते थे जिसके कारण वो फेल हो गए औऱ उन्हें वापस अपने घर लौटना पड़ा।

 

नतीजा यह हुआ कि वह परीक्षा में असफल हो गए और मजबूरी मे उन्हें घर वापस लौटना पड़ा। घर वापस आते ही Renuka Aradhya के पिता इस दुनिया से चल बसे और घर की सारी जिम्मेदारी रेणुका पर ही आ गई। उन्होंने घर चलाने के लिए काम ढूंढना शूरू किया लेकिन कहीं काम नहीं मिला। काफी मशक्कतो के बाद उन्हें एक फैक्ट्री में नौकरी मिली। उन्होंने वहां एक साल तक काम किया। इसके बाद वो दूसरी फैक्ट्री में करने लगे। उस फैक्ट्री में प्लास्टिक और बर्फ बनाने का काम होता था। इसके बाद उन्होंने बैग की ट्रेडिंग करने वाली कंपनी में भी काम किया। इस तरह दिन-ब-दिन उन्हें कारोबार का अनुभव होने लगा और बाद में वह खुद एक ऐसे धंधे की शुरुआत किये जिससे वह गरीबी से उबर सके। उन्होंने पहले सूटकेस कवर का व्यापार शुरू किया। लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें अपने इस व्यापार में तीन लाख का नुकसान हुआ।

इसके बाद फिर से रेणुका सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करने लगे लेकिन उनके जीवन में हमेशा से जीवन में कुछ बड़ा करने की ललक थी। इसी के चलते Renuka Aradhya ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी और ड्राइविंग सीखे। अपने रिश्तेदारों से कुछ पैसे उधार लेकर रेणुका ने ड्राइविंग का काम सीखना शुरू कर दिया।लेकिन इस बार भी किस्मत उनके साथ नही थी एक बार पार्किंग के दौरान कार से टक्कर हो जाती है। लेकिन इस बार भी रेणुका हार नही मानते और दिन-रात ड्राइविंग की प्रैक्टिस कर के एक सफल ड्राइवर बन गये।

कुछ दिनों बाद उन्होंने एक Travel Agency  ज्वाइन की और वहां पर बतौर ड्राइवर काम करने लगे। इस ट्रेवल एजेंसी में वह विदेशी पर्यटकों को घुमाने का काम करते थे जिससे उन्हें अच्छी टिप्स भी मिल जाया करती थी। करीब 4 साल तक बतौर ड्राइवर उन्होंने काम किया इसके बाद उन्होंने खुद की एक ट्रेवल कंपनी खोलने का विचार किया। अपनी खुद की सेविंग और बैंक से कुछ मदद लेकर उन्होंने अपनी पहली कार खरीदी और Pravasi Cabs Pvt.Ltd. नाम से एक कंपनी की शुरुआत की।

इस कार को एक साल चलाने के बाद उन्होंने एक और कार खरीदी और उसी समय एक कैब कंपनी की स्थिति खराब चल रही थी जिसके बारे में उन्हें पता चला कि यह कैप कंपनी अपनी खराब स्थिति के चलते अपने बिज़नेस को बेचना चाहती है। तब Renuka Aradhya ने करीब 6 लाख मे उस कंपनी को खरीद लिया। उस समय उस कंपनी के पास करीब 35 कैब थी। यहीं से उनके सफलता की कहानी (Success Story) शुरू होती है।

इनकी सफलता तब शुरू हुई जब अमेज़न इंडिया ने खुद को प्रमोशन के लिए इन्हें चुना। धीरे-धीरे वॉलमार्ट, जनरल मोटर जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियां Renuka Aradhya के साथ काम करने लगी। वक्त बीतने के साथ उनकी कंपनी का टर्नओवर 40 करोड़ के पार हो गया। आज उन्होंने इस कारोबार के जरिए डेढ़ सौ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है। रेणुका महिला सशक्तिकरण के मद्देनजर महिलाओं को ड्राइवर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें खुद की कार खरीदने के लिए 50 हजार की मदद भी करते हैं।

 

रेणुका आराध्या की सफलता की कहानी (Success Story) सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। उनकी यह कहानी हर किसी को प्रेरित (Motivate) करती है। फर्श से अर्श तक का सफर तय करने वाले रेणुका आराध्या सभी के लिए एक मिसाल है। यदि आप भी रेणुका आराध्या की तरह कुछ अलग करना चाहते हैं, यदि आप अपने करियर में सफल होना चाहते हैं एवं खुद का बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आप हमारे Problem Solving Couse को ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। हमारे Problem Solving Course को ज्वाइन करने के लिए इस लिंक https://www.badabusiness.com/psc?ref_code=ArticlesLeads पर क्लिक करें और अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/?ref_code=ArticlesLeads पर Visit  करें।