चांस पर डांस तो हर कोई करना चाहता है, लेकिन किस्मत भी उनका ही साथ देती है जिन्हें खुद की मेहनत पर भरोसा होता है। कोशिश तब तक जारी रखनी चाहिए जब तक कामयाबी ना मिल जाए। इस बात को सच कर दिखाया है मशहूर कोरियोग्राफर धर्मेश येलांडे ने। एक चाय बेचने वाले के बेटे ने आज देश-विदेश में अपने डांस का परचम लहराया है। धर्मेश आज किसी के परिचय का मोहताज नहीं है। उन्हें बच्चे से लेकर वयस्क तक सभी जानते हैं और सब उनके और उनके डांस के फैन है।

 

लेकिन धर्मेश के लिए यह डांस का सफर इतना आसान नहीं था। इसके पीछे उनका कड़ा संघर्ष छिपा है। धर्मेश येलांडे का जन्म 31 अक्टूबर 1983 को गुजरात के बड़ोदा में हुआ था। बचपन में धर्मेश के घर की आर्थिक हालात अच्छी नहीं थी। उनके पिता  चाय की दुकान लगाते थे। वहीं दूसरी तरफ धर्मेश भी वड़ा-पाव का ठेला लगाते थे। धर्मेश बचपन से ही डांस के लिए पागल थे। घर चलाने के लिए वो पापा की दुकान पर काम करके उनका हाथ बटांते थे ताकि घर का खर्चा चल सके।

 

धर्मेश ने एक सफल डांसर बनने के लिए 18 सालों तक संघर्ष किया था। धर्मश बूगी-वूगी कॉम्पिटिशन जीतने के बाद काफी खबरों में आ गए थे।  उसके बाद डांस इंडिया डांस में उन्होंने पार्टिसिपेट किया। सही मायनों में ‘डांस इंडिया डांस से धर्मेश को असली पहचान मिली और इंडस्ट्री में ब्रेक मिला था। धर्मेश ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत रेमो डिसूजा निर्देशित फिल्म एबीसीसीडी से की थी। मशहूर निर्देशक फराहा खान ने धर्मेश को अपनी फिल्म 'तीस मार खान' के लिए बतौर कोरियोग्रफर हायर किया था।

 

धर्मेश अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि उनकी जिंदगी पर तब तूफान आ गया था जब नगरपालिका ने उनके पापा की दुकान को तोड़ दी थी। तब उनके पापा ने चाय की दुकान खोली। दिनभर में वह 50 से 60 रुपये तक की चाय बेचते थे। परिवार में 4 सदस्य थे और इतने कम पैसों में गुजारा कर पाना बहुत ही मुश्किल था। लेकिन धर्मेश के पापा ने कभी भी उनकी पढ़ाई नहीं छुड़वाई।

 

धर्मेश डांसर बनना चाहते थे और इसलिए टीवी के सामने बैठ जाते और गोविंदा को देख-देखकर उनकी नकल करते रहते। उनका घर बहुत ही छोटा था, इसलिए वो गलियों में चले जाते थे और वहां दिल खोलकर नाचते थे। छठी क्लास में डांस कॉम्पिटिशन में फर्स्ट आने पर उनके पापा ने उनका एडमिशन डांस क्लास में करा दिया। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी उनके पापा ने उनका एडमिशन कराया। डांस क्लास ज्वाइन करने के बाद पढ़ाई में धर्मेश के ग्रेड बहुत कम आए। 19 साल की उम्र में इन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और चपरासी का काम करना शुरु कर दिया। धर्मेश ने लेकिन डांस के प्रति अपने जूनून को कम नहीं किया। वो काम के साथ बच्चो को डांस भी सिखाते थे। जिससे उनकी कमाई हो जाती थी। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने फिल्मों में बैकअप डांसर के रुप में काम करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।

 

धर्मेश इसके बाद पॉप्युलर डांस शो 'बूगी वूगी' में पहुंचे। उन्हें वहां पहला स्थान मिला और उन्होंने 5 लाख रुपये जीते। उन पैसों से उन्होंने अपना कर्च चुकाया जो उनके पिता ने उनके लिए लिए थे। लेकिन 2 साल तक कोशिश करने के बावजूद भी उन्हें लीड रोल नहीं मिला। वो घर वापस आ गए।

 

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। धर्मेश को डांस इंडिया डांस में काम करने का मौका मिला जिससे उनकी जिंदगी ही बदल गई। इसके बाद उन्हें ऐक्ट्रेस कटरीना कैफ को कोरियोग्राफ करने का मौका भी मिला है। उसके बाद उन्हें डांस शोज में गेस्ट अपीयरेंस के लिए लाखों में रुपये मिलने लगे। धर्मेश आज कोरियोग्राफर होने के साथ फिल्मों में एक्टिंग भी करते हैं लेकिन उनके पिता आज भी चाय की दुकान चलाते हैं। धर्मेश कहते हैं कि मैं अभी भी वही लड़का हूं जो गोविंदा के गानों की धुनों पर बेफिक्र होकर नाचता है।'

 

धर्मेश हिंदी सिनेमा में अपने कंटेम्पररी और हिप-हॉप स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। धर्मेश ने अपने संघर्ष और मेहनत के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। धर्मेश की यह कहानी सभी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। अगर दिल में हौसला हो तो कुछ भी नामूमकिन नहीं है।  यदि आप भी धर्मेश की तरह अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं एवं अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारी लाईफ टाईम मेंबरशिप कों ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको करियर और बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/life-time-membership?ref_code=ArticlesLeads पर Visit  करें।