नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने देश के उद्योग जगत को बहुत नुकसान पहुंचाया है. जिसके मद्देनजर राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है. इसी क्रम में भारत के व्हाइट गुड्स मैन्युफैक्चरर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) यानी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना से संबंधित दिशानिर्देश जारी किया गया है. भारत की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को PLI से मिलेगा बड़ा फायदा, यहां जानिए सबकुछ

भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) निर्माताओं के लिए पीएलआई योजना को अधिसूचित किया है. इस योजना का उद्देश्य भारत में इन वस्तुओं के निर्माण के लिए एक संपूर्ण ईकोसिस्टम तैयार करना और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनाना है.

उद्योग और अन्य हितधारकों के साथ उचित परामर्श के साथ, डीपीआईआईटी ने योजना के प्रभावी संचालन और सुचारू कार्यान्वयन के लिए विस्तृत योजना दिशानिर्देश जारी किए. इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, विनिर्माण बढ़ाने और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 के बीच कुल 6,238 करोड़ रुपए की खर्च सीमा में कार्यान्वित किया जाएगा. 1 अप्रैल, 2021 या उसके बाद किए गए योग्य निवेश के लिए योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रोत्साहन राशि पर विचार किया जाएगा. योजना के लिए आवेदन 15 जून 2021 से 15 सितंबर 2021 तक खुले रहेंगे. यहां क्लीक कर देखें विस्तृत योजना दिशानिर्देश.

विभिन्न टारगेट सेगमेंट के लिए पूर्व-योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियां योजना में भाग लेने के लिए पात्र होंगी. ब्राउन फील्ड या ग्रीन फील्ड निवेश करने वाली कंपनियों के लिए प्रोत्साहन योजना मान्य होगी. प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए आधार वर्ष में संचयी वृद्धिशील निवेश और विनिर्मित वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री की सीमा को पूरा करना होगा.

सरकार की अन्य पीएलआई योजना में लाभ ले रही संस्था केंद्र और राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं का लाभ भी उठा सकती है. कई एमएसएमई सहित कई वैश्विक और घरेलू कंपनियों को इस योजना से लाभ होने की उम्मीद है. इस योजना से एसी और एलईडी उद्योगों के लिए मौजूदा विकास दर की तुलना में बहुत अधिक विकास दर हासिल करने, भारत में संपूर्ण ईकोसिस्टम विकसित करने और देश में इस क्षेत्र के मैनुफैक्चरिंग लीडर्स पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है.