केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को White Goods (एसी और एलईडी) पर उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर उद्योग के साथ बातचीत की. इस योजना के बारे में उद्योग की प्रतिक्रिया जानने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी. इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए के लिए आवेदन की अवधि 15 जून से तीन महीने के लिए खुली रहेगी. PLI Scheme: 5 साल में 1.68 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन तथा 64 हजार करोड़ रुपये के निर्यात का अनुमान
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग जगत के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना राष्ट्रीय विनिर्माण चैंपियन बनाने के लिए शुरू की गई है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के विकास की कहानी उसकी प्रमुख पीएलआई योजना पर आधारित होगी. यह लागत प्रतिस्पर्धात्मकता, गुणवत्ता, कुशलता एवं प्रौद्योगिकी को लेकर आएगी. मंत्री ने कहा कि पीएलआई के जरिये भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अपना दावा करने के लिए अपने प्रतिस्पर्धात्मक एवं तुलनात्मक लाभ का फायदा उठाएगा. यह योजना क्षमता एवं दक्षता तैयार करने के लिए भारतीय विनिर्माण को नए सिरे से शुरू करेगी. गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत पात्र कंपनियों का चयन पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से किया जाएगा.
बजट 2021-22 में 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई थी. पीएलआई के तहत 5 वर्षों के दौरान न्यूनतम उत्पादन 500 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. केवल पीएलआई पिछले 5 वर्षों के कुल विनिर्माण आउटपुट के एक चौथाई का विस्तार कर सकती है. इस योजना के जरिये 5 वर्षों के दौरान न्यूनतम 1 करोड़ रोजगार अपेक्षित है. ह्वाइट गूड्स के लिए पीएलआई योजना को इसी साल 16 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था. यहां क्लीक कर जानिए पूरी डिटेल्स और आवेदन लिंक
भारत में ह्वाइट गुड्स निर्माताओं के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लिए 4 जून 2021 को योजना दिशानिर्देश जारी किए गए थे. सरकार इस योजना में 2021-22 से 2028-29 के बीच लागू की जाएगी. इसके लिए 6,238 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत 5 वर्षों के लिए वृद्धिशील बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत का प्रोत्साहन दिया जाता है.
इलेक्ट्रिकल सामानों के लिये PLI योजना के दिशानिर्देश
एसी और एलईडी लाइट के लिये पीएलआई योजना में परियोजना को लेकर जमीन और इमारत में निवेश शामिल नहीं होगा. इस आधार पर कार्यक्रम का लाभ लेने के लिये कंपनी की पात्रता पर विचार नहीं किया जाएगा. योजना का लाभ उठाने के लिए केवल पात्र आवेदक ही आवेदन कर सकते हैं.
दिशानिर्देश के अनुसार, पीएलआई योजना के तहत लाभ के लिये पात्रता उत्पादों की बिक्री में शुद्ध वृद्धि सीमा पर निर्भर करेगा और इसके लिये आधार वर्ष 2019-20 रखा गया है. इसके अलावा, उपभोग योग्य सामग्रियों और विनिर्माण के लिए प्रयुक्त कच्चे माल पर व्यय को निवेश के रूप में नहीं माना जाएगा.
दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘संबंधित उत्पादों के निर्माण के लिए किसी भी पुराने / प्रयुक्त नवीनीकृत संयंत्र, मशीनरी या उपकरण का उपयोग नहीं किया जाएगा.’’ इसी तरह प्रतिबद्ध निवेश का 15 प्रतिशत तक ही अनुसंधान व विकास पर खर्च किया जा सकेगा. इसके लिए 15 सितंबर 2021 तक आवेदन किए जा सकेंगे.