नई दिल्ली: कोरोना वायरस का कहर कम होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. सरकार भी आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कई योजनाएं भी पेश की गई है. इसी क्रम में अब सरकार रसायन क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाने पर विचार कर रही है. इससे घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. डिजिटल मार्केटिंग का फलता-फूलता बाजार! जानें सफलता के वे सूत्र, जिन्हें अपना कर आप भी बन सकते हैं बड़े कारोबारी
‘बजट घोषणाओं 2021-22 के क्रियान्वयन की रणनीति’ पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी वी सदानंगद गौड़ा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार देश के रसायन एवं पेट्रो रसायन क्षेत्र के लिए नीतियां बनाने के लिए बातचीत का रुख अपना रही है.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं का क्रियान्वयन अकेले सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता. ‘‘हमें उद्योग को भरोसे में लेना होगा, जिससे अप्रैल के पहले सप्ताह से क्रियान्वयन शुरू हो सके.’’ वेबिनार का आयोजन फिक्की के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग ने किया था.
वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विनिर्माण और निर्यात बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई पीएलआई (Production Linked Incentive) योजना से उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ अगले पांच साल के दौरान उत्पादन में 520 अरब डालर की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये सुधारों को आगे बढ़ा रही है. प्रधानमंत्री ने उद्योगों से देश की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही विदेशों के लिये भी माल का उत्पादन करने की अपील की.
उद्योग और अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) और नीति आयोग द्वारा आयोजित वेबिनार में पीएम मोदी ने बताया कि 2021- 22 के बजट में पीएलआई योजना के लिये अगले पांच साल के दौरान दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.