नई दिल्ली: एक अनुमान है कि उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) से अगले पांच वर्षों के दौरान 7,920 करोड़ रुपये का इंक्रीमेंटल निवेश होगा. जबकि 1,68,000 करोड़ रुपये का इंक्रीमेंटल उत्पादन होगा और 64,400 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं का निर्यात होगा. इसके साथ ही 49,300 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष राजस्व प्राप्ति होगी एवं रोजगार के 4 लाख प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष अवसर तैयार होंगे. भारत की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को PLI से मिलेगा बड़ा फायदा, यहां जानिए सबकुछ
पीएलआई योजना का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्र आधारित अक्षमताओं को दूर करके, बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था का निर्माण और दक्षता को सुनिश्चित करते हुए भारत में विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है. इसकी रूपरेखा भारत में उपकरणों व कल-पुर्जों के सम्पूर्ण इको-सिस्टम को ध्यान में रखते हुए तैयार की गयी है, ताकि भारत को वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जा सके. इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है.
उल्लेखनीय है कि एक फरवरी 2020 को पेश केंद्रीय बजट 2021-22 में वित्त मंत्री ने 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण चैंपियन बनाने और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की. पीएलआई योजनाएं आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार के कठोर प्रयत्न का आधार है. इसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना और विनिर्माण में वैश्विक चैंपियंस बनाना है.