जब भी कोई व्यक्ति या कंपनी कोई नया प्रोडक्ट बनाते हैं या उसके निर्माण के लिए नई प्रक्रिया अपनाते हैं, तो उसे पेटेंट (Patent) करवाना होता है। इसके लिए भारत में बौद्धिक सम्पदा अधिकार (Intellectual Property Rights) के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।

पेटेंट किसी भी व्यक्ति या कंपनी की बौद्धिक संपत्ति होती है और हर व्यक्ति या कंपनी ये चाहते हैं कि उनकी इस संपत्ति का दुरुपयोग ना हो। - विस्तार से जानने के लिए इसे पढ़ें, पेटेंट क्या है? पेटेंट कितने प्रकार के होते हैं?

पेटेंट पंजीकरण

इसके लिए ज़रूरी है कि आप पेटेंट का रजिस्ट्रेशन करवाए। आज के इस आर्टिकल में जानिये कि पेटेंट के लिए अप्लाई करने के क्या क्राइटेरिया है और क्या है इसके लिए आवेदन करने की प्रक्रिया –

पेटेंट पंजीकरण के आवेदन करने से पहले की प्रक्रिया

किनको है पेटेंट की ज़रूरत?

पेटेंट लेने के लिए किसी भी व्यक्ति या बिज़नेस को इन कसौटियों पर खरा उतरना होगा -

  1. यूटिलिटी पेटेंट :

    जब भी कोई व्यक्ति या बिज़नेस कुछ नई इन्वेंशन या चेंजेस कर दे, जिससे किसी प्रोडक्ट या प्रोसेस में इम्प्रूवमेंट होता है, तो वह अपना पेटेंट करवा सकते हैं।

  2. डिज़ाइन पेटेंट :

    जब कोई व्यक्ति या कंपनी किसी एक्सिस्ट प्रोडक्ट के डिज़ाइन में कुछ ऐसा बदलाव कर दे, जिससे उस प्रोडक्ट की यूटिलिटी बढ़ जाए या उसकी कीमत कम हो जाए तो, ऐसे डिज़ाइन को पेटेंट करवाया जा सकता है।

  3. टेक्नोलॉजी पेटेंट :

    टेक्नोलॉजी पेटेंट में ऐसा कोई भी इन्वेंशन होता है, जो किसी टेक्नोलॉजी से रिलेटेड कंपनी के प्रोडक्ट या डिज़ाइन को सुरक्षित करने का काम करता है।

क्या है पेटेंट का क्राइटेरिया

पेटेंट सिर्फ उन्हीं आइडियाज़ को मिलता है, जो निम्न क्राइटेरिया को पूरा करता है –

  1. पहले से ना हो :

    जिस प्रोडक्ट या आईडिया का पेटेंट लिया जाना हो, वह दुनिया में पहला होना चाहिए। इसका मतलब है कि यह ना तो किसी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हो और पेटेंट होने तक इसके बारे में कहीं भी डिस्कशन न हुआ हो।

  2. इन्वेंटिव स्टेप :

    जब भी आप किसी प्रोडक्ट के लिए पेटेंट करवाते हैं, तो यह ध्यान देना ज़रूरी है कि यह एक इन्वेंटिव स्टेप हो, मतलब उस प्रोडक्ट से किसी ना किसी प्रॉब्लम का सोल्यूशन मिलना चाहिए।

  3. औद्योगिक एप्लीकेशन हो :

    जिस भी प्रोडक्ट या प्रोसेस का पेटेंट करवाना हो, उनका मैन्युफैक्चरिंग होना आवश्यक है। यदि वह प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर नहीं हो सकता, तो उसे पेटेंट नहीं मिलेगा।

पेटेंट पंजीकरण के आवेदन करने की प्रक्रिया

क्या है पेटेंट की प्रोसेस।

अपने किसी भी आईडिया या प्रोडक्ट को पेटेंट करवाने के लिए आपको किसी एक देश के नियमों का पालन करना होगा। यदि आप भारत में पेटेंट करवाना चाहते हैं, तो आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा –

  1. आईडिया को डिटेल में लिखना :

    जिस आईडिया या प्रोडक्ट को आप पेटेंट करवाना चाहते हैं, सबसे पहले उसको डिटेल में डॉक्यूमेंट कीजिये। इसके लिए आप या तो पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं या कंप्यूटर में वर्ड प्रोसेसर के एप्लीकेशन जैसे एमएस वर्ड में लिख सकते हैं।

    आप जितना ज्यादा इसके बारे में लिखेंगे, उतना ज्यादा आपको इसके बारे में क्लैरिटी होगी। इसके बाद आपको पेटेंट की संस्था के सामने अपने आईडिया को डिटेल में प्रेजेंट करना है। यहाँ प्रेजेंट करने से पहले आपको नोन डिस्क्लोज़र एग्रीमेंट साइन करना होगा।

  2. आईडिया नया है या नहीं :

    सभी आईडियाज़ या प्रोडक्ट्स को पेटेंट अधिनियम के अंतर्गत नवीनता के मानदंडों को पूरा करना होता है। इसके अंतर्गत यह देखा जाता है कि आईडिया या प्रोडक्ट नया है या नहीं।

  3. पेंटेंट के लिए आवदेन करना :

    अब आपको फॉर्म 1 में के अनुसार अपना आवेदन तैयार कर सरकारी पेटेंट कार्यालय में जमा करना होगा। इसके अंतर्गत कोई व्यक्ति, स्टार्टअप, स्मॉल कंपनी या शिक्षण संस्था को 1600 रूपये की फीस देनी होगी, इसके अलावा सभी को 8000 रुपये की फीस निर्धारित है।

  4. जाँच के लिए अनुरोध :

    इसके बाद आवेदक को फॉर्म 18 के द्वारा अपने पेटेंट आवेदन की जांच के लिए अनुरोध करना होगा, इसके बाद कंट्रोलर आपके आवेदन की जांच की जांचकर्ता को सौंपता है।

  5. आपत्तियों का जवाब :

    आवेदन की जांच के बाद यदि पेटेंट कार्यालय के द्वारा कोई आपत्ति उठाई जाती है, तो आपको लिखित में इसका जवाब देना होगा।

  6. पेटेंट की ग्रांट :

    इन सब के बाद यदि आपका आईडिया या प्रोडक्ट पेटेंट की सभी योग्यताओं को पूरा करता है, तो आपको पेटेंट मिल जाता है।

ऊपर बताई गई सभी प्रक्रियाओं को अपनाकर आपके आईडिया या प्रोडक्ट को पेटेंट मिल जाएगा। इसके बाद यदि किसी अन्य को इस आईडिया या प्रोडक्ट का कमर्शियल इस्तेमाल करना है, तो आपसे अनुमति लेकर और रॉयल्टी देकर इसका इस्तेमाल कर सकता है।


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