आज के समय में बिज़नेस तो हर कोई करना चाहता है लेकिन सही मायने में बिज़नेस क्या है इससे अधिकतर लोग अंजान हैं। बिज़नेस करना जितना आसान है उसे सफल बनाना उतना ही मुश्किल है। किसी भी बिज़नेस को तभी सफलता दिलाई जा सकती है जब आपको इसके बारे में पूरी जानकारी हो। सामान्य भाषा में कहें तो किसी भी प्रकार की वस्तु या सर्विस लोगों को देना या बेचना जिसके बदले में आपकी कमाई हो, इसी प्रक्रिया को बिज़नेस कहा जाता है।

मानव की उत्पत्ति के बाद सभ्यता के विकसित होने के बाद से ही इंसान बिज़नेस करता आ रहा है। पहले के समय में लोग जो भी कुछ बनाते या फिर अपने खेतों में उगाते थे, उन वस्तुवों को मंडियों में जाकर बेचते थे और वस्तु के बदले वस्तु का आदान प्रदान करते थे। यह भी एक तरह का बिज़नेस ही था। किसी को कुछ देना और बदले में कुछ लेना ही बिज़नेस की प्रक्रिया है।

बिजनेस जो की एक अंग्रेजी शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ (Business meaning in Hindi) "व्यवसाय" (vyavsay) होता है।

आज के इस लेख में हम आपको बिज़नेस के बारे में बताएंगे जिसे समझ कर आप भी अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।

बिज़नेस की परिभाषा

"आसान शब्दों में कहें तो बिज़नेस लाभ कमाने के लिए वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन, खरीद-बिक्री की गतिविधि को संदर्भित करता है।"

बिज़नेस के कई रूप हो सकते हैं जिनमें सिंगल ऑनर, पार्टनरशिप, लिमिटेड और सहकारी समितियां शामिल हैं। बिज़नेस की प्रकृति और कार्यक्षेत्र व्यापक रूप से भिन्न हो सकती हैं, यह छोटे स्थानीय उद्यमों से लेकर बड़े बहुराष्ट्रीय निगमों तक हो सकती हैं। इसमें प्रोफिटेबल बिज़नेस, नोन-प्रोफिटेबल बिज़नेस, नो प्रोफिट नो लोस बिज़नेस शामिल हैं।

प्रोफिटेबल बिज़नेस जिसे लाभदायक बिज़नेस भी कहते हैं, ये वो बिज़नेस होते हैं जो ज्यादा से ज्यादा प्रोफिट कमाने के उद्देश्य से ही किये जाते हैं। इसमें जैसे कोई टीचर पैसे कमाने के लिए शिक्षा देने का काम करता है, कोई बिज़नेसमैन मुनाफा कमाने के लिए काम करता है।

नोन प्रोफिटेबल बिज़नेस यानि कि गैर लाभकारी बिज़नेस, इनका एक सामाजिक उद्देश्य होता है।  इन बिज़नेस की इनकम का उपयोग अलग-अलग फंड के लिए किया जाता है। इसमें लगभग सभी व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी जाती है।

वहीं नो प्रोफिट नो लॉस बिज़नेस की बात करें तो ये वो बिज़नेस होते हैं जो अपनी सर्विस बिना किसी प्रोफिट और लॉस के देते हैं।

आज बाजार में कई तरह के बिज़नेस उपलब्ध हैं, जिन्हें शुरु करके लोग अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। बिज़नेस की परिभाषा समझने के बाद आइए जानते हैं कि ये कितने प्रकार के होते हैं।

बिज़नेस कितने प्रकार के होते हैं?

बिज़नेस एक्सपर्ट्स की माने तो बिज़नेस को अमूमन 5 भागों में बांटा जा सकता है। लेकिन कई स्कॉलर्स ने इसे अन्य भागों में भी वर्गीकृत किया है। इसलिए यह कहना कठिन होगा कि कौन सी थ्योरी सही है और कौन सी गलता क्योंकि इसमें सभी स्कॉलर्स अलग-अलग मत में अपने विचार रख रहे हैं। लेकिन आज हम बात करेंगे बिजऩेस के उन पांच प्रकारों के बारे में जिन पर सभी एक्सपर्ट्स की लगभग सहमती है।

  • मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस:

    बिज़नेस के कई प्रकार में से एक मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस है। यह वह बिज़नेस है जहां किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट का प्रोडक्शन किया जाता है जो ग्राहकों की सुविधा और जरूरतों को देखते हुए होता है। इस तरह के बिज़नेस को करने मे लिए बड़े पूंजी की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें आपको कच्चा माल खुद ही तैयार करना होता है। इसलिए आपको बड़ी जगह की ज़रूरत होती है ताकि आप कारखाना खोल सकें। यही नहीं प्रोडक्शन में काम आने वाली मशीन तथा मेटेरियल को रखने के लिए भी इन जगहों का प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही इस तरह के बिज़नेस में आपको यह ध्यान रखना होता है कि आपके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट की क्वालिटी मार्केट में मिलने वाले अन्य प्रोडक्ट से बेहतर हो। ग्राहक आपके प्रोडक्ट को पसंद करें। इसलिए इस बिज़नेस में कई तरह की रिसर्च की ज़रूरत होती है। मैन्यफैक्चरिंग बिज़नेस में कार, कपड़ा, चीनी, अगरबत्ती इत्यादि का निर्माण करने वाले बिज़नेस विशेष रूप से आते हैं।

  • सर्विस बिज़नेस:

    सर्विस बिज़नेस में किसी चीज़ को बेचना नहीं बल्कि मुख्य रूप से लोगों को सेवा देना होता है। इस बिज़नेस के ज़रिए आप लोगों को सेवा देकर उनसे पैसे कमा सकते हैं। जैसे आपने देखा होगा कि लोग टिकट, बिजली बिल भरने या होटल बुकिंग करने के लिए साइबर कैफे या कंप्यूटर की शॉप पर जाते हैं। यह बिज़नेस उसी श्रेणी में आता है। आप पैसों के बदले में लोगों को सेवा देते हैं। इस तरह के बिज़नेस में आपको न तो किसी समान को बेचना होता है न तो उत्पादन करना है बल्कि मार्केट में मौजूद पहले से मिल रहे प्रोडक्ट की मदद से लोगों को सहायता प्रदान करना होता है। अगर आप बिज़नेस करने की सोच रहे हैं तो यह बिज़नेस कम पैसों में भी शुरू किया जा सकता है।

  • रिटेल बिज़नेस:

    कम पैसों में शुरू करने वाले बिज़नेस में से एक है रिटेल बिज़नेस जिसे खुदरा व्यापार भी कहा जाता है। इस तरह के बिज़नेस में आपको न तो किसी तरह के प्रोडक्ट को निर्माण करने की जरूरत होती है न तो उसकी मार्केटिंग की। आप इसे अपने घर से दुकान खोलकर शुरू कर सकते हैं। आप दूसरों के द्वारा निर्माण किये गए प्रोडक्ट को थोक विक्रेता द्वारा खरीद कर खुदरा ग्राहकों को बेचकर उसपर मुनाफा कमा सकते हैं। आप अपने आस-पास भी देख सकते हैं कि कई रिटेलर शॉप पर कैसे अच्छी कमाई करते हैं। वह दूसरों के प्रोडक्ट को सीधा रिटेलर मार्केट में कस्टमर को बेचते हैं। इस बिज़नेस में किराना दुकान, कपड़ा दुकान, इलेक्ट्रिक दुकानें इत्यादि आती है। आप इसे शुरू करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।

  • फ्रेंचाइजी बिज़नेस:

    बिज़नेस के विभिन्न प्रकारों में से एक है फ्रेंचाइज़ी बिज़नेस। जिसमें आप दूसरों के द्वारा स्थापित किए गए बिज़नेस की फ्रेंचाइज़ी लेकर बिज़नेस कर सकते हैं। इस बिज़नेस  में मुख्य रूप से चाय सुट्टा बार, डोमिनोज, केएफसी, मेक्डॉनाल्ड इत्यादि का नाम है जिनकी फ्रेंचाइज़ी हर जगह मौजूद है। आज कई बड़ी कंपनियां इस तरह के बिज़नेस से जुड़ी हुई हैं। इस बिज़नेस का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको मार्केटिंग करने या ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं करना पड़ता। आपको एक ब्रांड का नाम पहले से ही मिल जाता है। बस आपको मेहनत करके पैसे कामाने होते हैं।

  • मल्टी लेवल मार्केटिंग बिज़नेस:

    इस प्रकार के बिज़नेस में किसी एक विनिर्माण बिज़नेस से जुड़ कर उसके प्रोडक्ट को बेचना होता है और साथ ही अपने साथ कई सदस्यों को जोड़ना होता है। यदि आपके द्वारा जुड़े सदस्य उस कंपनी के प्रोडक्ट की खरीददारी करते हैं तो आपको कमीशन भी मिल जाती है। आज मार्केट में कई बड़ी कंपनियां मल्टी लेवल मार्केटिंग का बिज़नेस करती हैं।

बिज़नेस के इन प्रकार को समझ कर आप अपनी रूचि और समझ के अनुसार बिज़नेस कर सकते हैं। ध्यान रखें आप जिस भी चीज़ का बिज़नेस करें उसकी जांच-परख अच्छे से कर लें। बिना किसी रिसर्च के बिज़नेस शुरू ना करें। अगर आप पूरी सोच-समझ के साथ बिज़नेस शुरू करते हैं तो आपको सफलता ज़रूर मिलेगी।