किसी भी तरह का बिज़नेस शुरू करने से पहले सबसे जरूरी बात कौंन-सी होती है? आप कहेंगे कि बज़ट किसी भी बिज़नेस की शुरूआत में सबसे पहली जरूरत है।

दरअसल बज़ट किसी भी बिज़नेस का महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन सबसे पहली बात बिज़नेस मॉडल की होती है क्योंकि बिज़नेस मॉडल के अभाव में कोई भी कारोबार लंबी पारी नहीं खेल सकता है।

आपने शार्क टैंक जैसे सीरियल में भी देखा होगा कि जब भी कोई नया स्टार्टअप आता है, तो जजेस उनसे बिज़नेस मॉडल के बारे में ही पूछते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे कि बिज़नेस मॉडल क्या है और यह कितने तरह के होते हैं।

बिज़नेस मॉडल क्या होता है

"बिजनेस मॉडल" शब्द उस व्यवसाय की लाभ रणनीतियों को संदर्भित करता है।

बिज़नेस मॉडल वह होता है, जिसके जरिए आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में बताते हैं।

आपका प्रोडक्ट या फिर सर्विस क्या है और किन लोगों के लिए है? आपके द्वारा दी गई सर्विस या प्रोडक्ट कस्टमर के लिए किस तरह की वैल्यू (Value) बनाता है? बिज़नेस मॉडल में इन सभी बातों का जिक्र होता है।

बिज़नेस मॉडल के प्रकार

बिजनेस मॉडल मुख्य तौर पर चार तरह के होते है -

  1. बिज़नेस टू बिज़नेस मॉडल (B2B)
  2. बिज़नेस टू कस्टमर मॉडल (B2C)
  3. कस्टमर टू बिज़नेस मॉडल (C2B)
  4. कंज्यूमर टू कंज्यूमर बिज़नेस मॉडल (C2C)

आइए इनके बारे में विस्तार से जानें।

  1. बिज़नेस टू बिज़नेस मॉडल (B2B):

    इस तरह के बिज़नेस मॉडल में कंपनी अपने प्रोडक्ट या फिर सर्विस को किसी दूसरी कंपनी को बेचती है। वह दूसरी कंपनी प्राप्त किए गए प्रोडक्ट या सर्विस को फाइनल कस्टमर तक पहुंचाती है। इस तरीके को बिज़नेस टू बिज़नेस मॉडल (Business to Business Model)  या फिर बीटूबी मॉडल (B2B Business Model)  कहा जाता है।

  2. बिज़नेस टू कस्टमर मॉडल (B2C):

    इस तरह के बिज़नेस मॉडल में कंपनी सीधे तौर पर अपने प्रोडक्ट या सर्विस को कस्टमर तक पहुंचाती है। यह काम विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के द्वारा किया जाता है। इसका एक उदाहरण ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़ान (Amazon)  है। इस बिज़नेस मॉडल में कस्टमर डॉयरेक्ट वेबसाइट पर जाकर सर्विस या प्रोडक्ट को प्राप्त कर लेता है। इस मॉडल में किसी बिचौलिये (Middleman) की जरूरत नहीं होती है। इसलिए ही इस मॉडल को बिज़नेस टू कस्टमर मॉडल (Business to Costumer Model) या फिर बीटूसी मॉडल (B2C Business Model)  कहा जाता है।

  3. कस्टमर टू बिज़नेस मॉडल (C2B):

    बिज़नेस का यह मॉडल बीटूबी (B2B) और बीटूसी (B2C) से बिल्कुल अलग होता है। इस तरह के बिज़नेस मॉडल में कस्टमर अपनी सर्विस या फिर प्रोडक्ट को कंपनी को बेचता है। इस मॉडल में कस्टमर को अपने प्रोडक्ट या सर्विस का प्राइस (Price) खुद तय करने का मौका मिल जाता है। इस मॉडल को कस्टमर टू बिज़नेस मॉडल (Costumer to Business Model) या फिर सीटूबी बिज़नेस मॉडल (C2B Business Model) कहा जाता है।

  4. कस्टमर टू कस्टमर बिज़नेस मॉडल या कंज्यूमर टू कंज्यूमर बिज़नेस मॉडल (C2C):

    इस तरह के बिज़नेस मॉडल (Business Model)  में कस्टमर सीधे तौर पर क्लाइंट (Client)  से किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्राप्त करता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई कस्टमर साइट पर जाकर किसी मकान को रेंट पर लेने के लिए खोज़ता है तो इस तरह का बिज़नेस कंज्यूमर टू कंज्यूमर बिज़नेस मॉडल (Consumer to consumer Business Model)  या सीटूसी बिज़नेस मॉडल में (C2C Business Model) आता है।

मुख्य रूप से यही बिज़नेस मॉडल होते हैं। जब हम अपने बिज़नेस मॉडल को तय कर लेते हैं, तब हम अपने बिज़नेस को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं।


आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।

इसके अलावा अगर आप एक Businessman हैं और अपने Business में Problems का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि startup business को आगे बढ़ाने में आपको एक business coach का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Leadership Funnel Program को जरूर Join करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को कई गुना बढ़ा सकते हैं।