बिज़नेस करना जितना आसान है, बिज़नेस को सफल बनाना उतना ही मुश्किल। आज के समय में सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह बन जाता है कि कौन सा बिज़नेस किया जाए और कौन सा नहीं। बिज़नेस के क्षेत्र में लगातार कॉम्पिटिशन बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण अच्छे बिज़नेस आइडिया की कमी हो गई है। लेकिन पिछले कुछ सालों में रिटेल बिज़नेस में तेजी से उछाल देखने को मिला है।
छोटे शहरों में रिटेल बिज़नेस ने तेज़ी से जोर पकड़ा है। यही कारण है कि कई दिग्गज कंपनियां भी रिटेल बिज़नेस से जुड़ गई हैं। आने वाले समय में रिटेल बिज़नेस के अंदर बहुत संभावनाएं नज़र आ रही हैं। अगर आप भी कोई बिज़नेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको 5 ऐसे रिटेल बिज़नेस के बारे में बताएंगे जिससे आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। साथ ही आप रिटेल बिज़नेस से जुड़े सभी पहलुओं को भी समझ जाएंगे।
रिटेल बिज़नेस क्या है?
स्टोर खोलकर या ऑनलाइन से वस्तुओं और सेवाओं की छोटी मात्रा में बिक्री ही रिटेल बिज़नेस कहलाता हैं।
आसान शब्दों में कहें तो रिटेल बिज़नेस आप बहुत ही कम पैसों में शुरू कर सकते हैं। यह खुदरा व्यापार आप किराना शॉप, मोबाइल शॉप, खिलौनों की दुकान खोलकर शुरू कर सकते हैं। रिटेल का मतलब ही दुकान और दुकानदार से होता है। आप अपने पास ही के गांव या शहर में इन दुकानों को खोलकर अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खासियत यह है कि इसे शुरू करने के लिए आपको विशेष कौशल की आवश्यकता नहीं होती आपके पास मात्र व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए। रिटेल बिज़नेस में चीजें ग्राहक को सीधे फायदे कमाने के दृष्टिकोण से बेची जाती हैं। इस बिज़नेस में किसी भी तरीके का बैकप्रोफिट नहीं होता है। सीधे मैन्युफैक्चर से चीजें खरीदी जाती हैं और अपना मार्जिन जोड़कर अपने स्टोर पर रखकर ग्राहकों को बेच दी जाती हैं।
रिटेल बिज़नेस कितने प्रकार के होते हैं?
रिटेल बिज़नेस के अगर प्रकारों की बात की जाए तो ये सामान्यत: तीन प्रकार के होते हैं।
- स्टोर रिटेलिंग: स्टोर रिटेलिग में एक तय जगह पर सामान बेचते हैं। ये किसी भी तरह की दूकान या स्टोर हो सकता है। इसके लिए डिपार्टमेंटल स्टोर ग्राहकों को आकर्षित करने का सबसे अच्छा स्वरूप है। स्टोर रिटेलिंग में अपने अलग-अलग कंपटीटर के हिसाब से सामानों के दाम के लिए रणनीति अपनाई जाती है। जिससे आप अपने स्टोर को सफलतापूर्वक चलाने में सफल हो सकें।
- नॉन स्टोर रिटेलिंग: जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि जब माल या सामान किसी स्टोर या दुकान के माध्यम से न बेचकर वैसे ही बेचा जाता है, तो इसे नॉन स्टोर रिटेलिंग कहा जा सकता है। नॉन स्टोर रिटेलिंग भी अनेक प्रकार की होती है जिन्हें इन रूपों में बांटा जा सकता है -
- डायरेक्ट मार्केटिंग: डायरेक्ट मार्केटिंग नॉन स्टोर रिटेलिंग का ही एक स्वरूप है। इसमें माल या सामान किसी दुकान के माध्यम से नहीं बेचा जाता है। बल्कि इस प्रक्रिया में कंपनी द्वारा नियुक्त कर्मचारी उपभोक्ताओं के दरवाजे तक माल या सामान को डिलीवर करते हैं। इस प्रक्रिया में डायरेक्ट मेल मार्केटिंग, कैटलॉग मार्केटिंग, टेलीमार्केटिंग, ऑनलाइन शॉपिंग इत्यादि शामिल हैं।
- डायरेक्ट बिक्री: डायरेक्ट सेलिंग को बहुस्तरीय बिक्री या फिर नेटवर्क बिक्री के रूप में भी जाना जा सकता है। इसी में घर-घर जाकर उत्पाद या सामान बेचना शामिल है। इस प्रक्रिया में कंपनी द्वारा या कंपनी के किसी एजेंट द्वारा किसी विशेष एरिया में एक होस्ट नियुक्त किया जाता है। और वह होस्ट उस एरिया में उपस्थित लोगों को किसी एक स्थान पर आमंत्रित करता है। उसके बाद कंपनी का सेल्स पर्सन वहां पर जाकर उत्पादों को दिखाता है और आर्डर लेता है।
- ऑटोमैटिक वेंडिंग: अपने सामान एवं उत्पाद की बिक्री के लिए अपने ग्राहकों को ऑटोमैटिक वेंडिंग मशीन प्रदान करना भी नॉन स्टोर रिटेलिंग में शामिल है। यद्यपि कम्पनियों द्वारा इन्हें ऑफिस, फैक्ट्री, गैसोलीन स्टेशन, बड़े स्टोर को ही दिया जाता है क्योंकि इनकी उपभोग क्षमता व्यक्तिगत व्यक्ति से कहीं अधिक होती है। ये अपने कर्मचारियों या ग्राहकों को विभिन्न उत्पाद जैसे चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक इत्यादि ऑफर कर रहे होते हैं।
- कॉर्पोरेट रिटेलिंग: कॉर्पोरेट रिटेलिंग से हमारा आशय उस प्रक्रिया से है जब कोई कंपनी या व्यक्ति एक नहीं बल्कि अनेकों रिटेल स्टोर को एक चेन के तरीके से संचालित करता है। इसमें इंडिपेंडेंट रिटेलर की तुलना में कॉर्पोरेट रिटेलर की संख्या थोड़ी होती है लेकिन उपभोक्ता बाजार का एक बहुत बड़ा हिस्सा कमाने में ये सक्षम होते हैं।
कॉर्पोरेट रिटेलिंग आम तौर पर कम्पनी या किसी बिज़नेस इकाई द्वारा फंडेड और संचालित होती हैं। कहने का मतलब यह है कि इसमें कॉर्पोरेट चेन स्टोर, फ्रैंचाइज़ी, रिटेलर और कंज्यूमर को ऑपरेटिव जैसे संगठन शामिल हैं।
कैसे कर सकते है अच्छी कमाई?
रिटेल बिज़नेस के रूप में आप किसी भी तरीके की दुकान खोल सकते हैं। इसके लिए आपको सामान खरीदना है और अपना मुनाफा जोड़ कर उसे बेचना है। इसके लिए आप चाहें तो खिलौने की शॉप या कस्टमाइज्ड गिफ्ट शॉप खोल सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो कॉस्मेटिक और परप्यूम शॉप भी खोल सकते हैं। मोबाइल स्टोर, किराने की दुकान या फिर स्टेशनरी की शॉप जैसी कोई भी दुकान खोल कर आप अच्छे पैसे कमा सकते हैं।
रिटेल बिज़नेस शुरू करने के बाद इसके आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। लेकिन किसी भी बिज़नेस की शुरूआत करने से पहले उसके बारे में अच्छे रिसर्च ज़रूर कर लें। आप इन बिज़नेस आइडिया की मदद से अपना बिज़नेस शुरू कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं।