हाल ही में चैटबॉट 'चैटजीपीटी' ने बाजार में हलचल मचा दी है, जब से यह चैटबॉट लाइव हुआ है तब से आज तक लगातार चर्चा में बना हुआ है। 2 महीने से भी कम समय में इस चैटबॉट ने वो कर दिखाया जो बड़े टेक दिग्गज नहीं कर पाए। लेकिन इसी कड़ी में टेक कंपनी गूगल ने अपने एआई चैटबॉट मॉडल बार्ड को लेकर नया एलान किया है।

गूगल ने बार्ड के पब्लिक एक्सेस को ओपन करने की जानकारी दी है। वहीं दूसरी ओर, ओपनएआई के चैटबॉट चैटजीपीटी के नए एडिशन को पेश किया गया है। चैट जीपीटी के लॉन्च होने के बाद से ही गूगल और ज्यादा सतर्क हो गया था और उसने अपने एआई प्रोजेक्ट के काम को तेज कर दिया था।

बार्ड हो या चैटजीपीटी दोनों ही आज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी क्रांति के रूप में सामने आए हैं। ऐसे में आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि गूगल बार्ड और चैटजीपीटी किस तरह एक दूसरे से अलग और ख़ास हैं।

बार्ड और चैटजीपीटी क्या है?

चैटजीपीटी को ओपन एआई ने विकसित किया है। यह मशीन लर्निंग पर आधारित एआई टूल है जिसमें सभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा को फीड किया गया है।

ChatGPT-AI

आंकड़ों के मुताबिक यह किसी भी सवाल का जवाब गूगल से बेहतर दे सकता है। वहीं गूगल पिछले 6 सालों से एआई टूल बार्ड पर काम कर रहा था।

दरअसल 'बार्ड' गूगल द्वारा डेवलप एक एआई डिवाइस है, जो कि चैट जीपीटी की तरह सभी सवालों के जवाब देगा।

bard-google
Bard AI Chat

लेकिन इसमें पेंच ये है कि इसकी मदद से आपको सिर्फ वेब पर उपलब्ध जानकारी ही मिल सकेगी। यानी इंटरनेट पर जो भी नई जानकारी आ रही है, यह एआई टूल आपके सवालों का जवाब उसी हिसाब से देगा। जबकि चैट जीपीटी की जानकारी 2021 तक सीमित है। मतबल चैट जीपीटी ने 2021 तक का डेटा दिया है और उसी हिसाब से सवालों के जवाब दिए हैं। वहीं Google के AI टूल के साथ ऐसा नहीं है।

चैटजीपीटी और बार्ड में क्या है मुख्य अंतर

  • चैट जीपीटी और बार्ड के बीच मुख्य अंतर यह है कि जहां चैट जीपीटी आपको वह जानकारी देता है जो आप जानना चाहते हैं, वहीं गूगल का नया एआई टूल 'बार्ड' वेब पर नई जानकारी के आधार पर प्रश्नों के बेहतर उत्तर दे सकता है।
  • चैट जीपीटी, टेक्स्ट फॉर्म में इंसान की तरह सवालों के जवाब देता है, वहीं गूगल का नया एआई टूल इंसान द्वारा सर्च किये गये डेटा को रिफाइन कर के और वेब पर उपलब्ध नई जानकारी के आधार पर सवालों के जवाब दे सकता है।
  • फिलहाल चैट जीपीटी के दुनिया भर में लाखों उपयोगकर्ता हैं, Google का नया एआई टूल शुरू में केवल कुछ बीटा परीक्षकों के लिए जारी किया गया था। गूगल ने पहले लोगों से फीडबैक लिया और फिर इसे आम यूजर्स के लिए जारी किया।
  • चैटजीपीटी में कोडिंग को लेकर दावा किया जाता है कि एआई मॉडल कॉम्प्लेक्स कोड भी क्रिएट करने में सक्षम है। इसी कड़ी में मॉडल की टेस्टिंग भी रिसर्चर्स द्वारा की गई। दूसरी ओर, गूगल बार्ड को लेकर जानकारी दी गई है कि मॉडल अभी कोडिंग के लर्निंग प्रॉसेस में है। वर्तमान में गूगल बार्ड में यह फीचर नहीं मिलता, न ही भविष्य में मिलने की संभावना है।
  • चैटजीपीटी मॉडल की बात करें तो कंपनी का दावा है कि एआई मॉडल स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी, मंदारिन, इतालवी, जापानी और कोरियाई भाषाओं का ज्ञान रखता है। जबकि मॉडल इंग्लिश प्राइमरी भाषा के साथ आता है। वहीं दूसरी ओर, बार्ड फिलहाल इंग्लिश की ही जानकारी रखता है।
  • बार्ड यूजर्स को हर प्रोम्प्ट का अलग-अलग वर्जन देता है, यानी यूजर के पास पूछे गए सवाल के जवाबों में से किसी एक बेहतर जवाब को सुनने की सहूलियत होती है। लेकिन दूसरी ओर, चैटजीपीटी यूजर को पूछे गए सवाल पर केवल एक ही रिस्पॉन्स देता है।
  • पुरानी बातचीत को याद रखने के मामले में ओपनएआई का चैटजीपीटी बेहतर काम करता है। मॉडल को पुरानी बातचीत 3000 शब्दों के डेटा के साथ याद रखने का फीचर दिया गया है। वहीं भविष्य में पुरानी बातों को ना दोहराने की कंडीशन पर काम करता है। लेकिन, बार्ड में यह खूबी अभी लिमिटेड है, कंपनी का दावा है कि भविष्य में क्षमता को और विकसित किया जाएगा।

आज हर कोई अपडेटेड और नई जानकारी चाहता है, इसलिए इस मामले में गूगल का नया AI टूल ChatGPT से बेहतर साबित हो सकता है। ऐसे में देखा जाए तो दोनों टूल्स आने वाले समय में टेक्नोलॉजी को और आसान बनाने का दम रखते हैं। इनके आने से काफी सहायता मिलेगी। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने में किस टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हैं।


आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसके अलावा अगर आप स्टूडेंट हैं, खुद का कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या बिजनेस कर रहे हैं या आप किसी भी प्रकार से कमाई करना चाहते हैं, तो आपको बिज़नेस कोच डॉ विवेक बिंद्रा के Free "Anybody Can Earn" वेबिनार का हिस्सा ज़रूर बनना चाहिए।