देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक पहल की है. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने द्वारा सोमवार को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (एसआईएसएफएस) की शुरूआत की गई. इस फंड का उद्देश्य स्टार्टअप्स की अवधारणा, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षणों, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के प्रमाणीकरण को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 16 जनवरी को स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल के 5 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य के मौके पर की थी. इसके तहत पूरे भारतवर्ष में पात्र इनक्यूबेटरों के माध्यम से पात्र स्टार्टअप्स को बीज का वित्तपोषण प्रदान करने के लिए 945 करोड़ की राशि का विभाजन अगले 4 वर्षों में किया जाएगा. इस योजना में 300 इनक्यूबेटर के माध्यम से अनुमानित रूप से 3,600 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करने की संभावना है. Startup Tips: इन 4 वजहों से एक साल में ही फेल हो जाते है अधिकांश नए स्टार्टअप्स, जानिए उपाय
रेल, वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस योजना की शुरूआत इसकी घोषणा के तीन महीने के भीतर ही जा रही है, जो हाल के समय में सबसे तीव्र गति से शुरू की गई योजना है. उन्होंने कहा कि समय बहुत कठिन है लेकिन हमारा संकल्प भी बहुत मजबूत है और हमने इससे पहले कभी भी अपने स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने की दिशा में इतना ज्यादा महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है.
उन्होंने कहा कि यह एसआईएसएफएस योजना, बीज वित्तपोषण, नवाचार प्रोत्साहन, परिवर्तनकारी विचारों का समर्थन, कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने और स्टार्टअप क्रांति की शुरूआत करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम करेगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से, विशेष रूप से, भारत के द्वि-स्तरीय और त्रि-स्तरीय शहरों में एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा, जो शहर प्रायः आवश्यक धन से वंचित रह जाते हैं. उन्होंने कहा कि वे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के इनोवेटर्स को आगे आने और इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में, डीपीआईआईटी ने भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में तकनीकि बदलाव लाने की दिशा में बहुत ही कठिन परिश्रम किया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि यह विभाग अपने खुले विचार, मुक्त हस्त और खुले दिमाग के साथ, अभिनव गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी के स्तर को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करते हुए एक सहायता प्रदानकर्ता के रूप में काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि रोजगार की इच्छा रखने वालों से लेकर नौकरी प्रदान करने वालों तक की मानसिकताओं में बदलाव आया है, जो कि नए भारत के लिए स्टार्टअप्स को एक नए आधार बनाने की दिशा में सहायता प्रदान कर रहा है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना विचारों और उनके कार्यान्वयन के बीच एक सेतु का काम करेगी. यह स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में, एक स्वतंत्र और महत्वाकांक्षी विचारों वाली उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगी और एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करेगी जो नवाचार को मान्यता प्रदान करेगी.
गोयल ने कहा कि वर्ष 2020, भारतीय स्टार्टअप के लिए परिवर्तनकारी क्षमताओं का एक प्रमाणपत्र है- जो कि अपनी ऊर्जा और उत्साह के साथ अपने स्टार्टअप्स की कुशलताओं और लागत प्रभावी समाधानों को साथ लेकर आए हैं और उन्होंने पूरे भारत में आवश्यक वस्तुओं की अंतिम आवश्यकताओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है. उन्होंने हमारे युवा उद्यमियों को उनकी क्षमता, दक्षता और समर्पण के लिए सराहना की. उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स न केवल अपने देश के लिए बल्कि मानवता के लिए भी समावेशन, इनक्यूबेटिंग और नवाचार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि संपर्क, सहयोग और उत्प्रेरक के आदर्श वाक्यों के साथ, सरकार द्वारा स्टार्टअप इनोवेशन चुनौतियां, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, राज्यों की रैंकिंग, एससीओ स्टार्टअप फोरम और प्रारंभ आदि जैसी पहलों की शुरूआत की गई है.