अधिकांश नए स्टार्टअप शुरू होने के बाद पहले ही साल में विफल हो जाते हैं. क्या आप इससे बचना चाहते हैं? अधिकांश स्टार्टअप के असफल होने का कारण गलत आईडिया नहीं होता है, और न ही बाजार की स्थिति के कारण ही बिजनेस असफल होते हैं. लेकिन वे ऐसे कारकों के कारण असफल हो जाते हैं जिन्हें नियंत्रण में रखना बेहद महत्वपूर्ण होता है.
किसी भी स्टार्टअप को मजबूत रखने के लिए संस्थापक टीम में एकजुटता (Cohesion) बनाए रखना बहुत जरुरी होता है. टीम के गठन से पहले समय लेना बेहतर समझा जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीम बॉन्डिंग के अधिकांश पहलु शामिल हो जो हर स्थिति में स्टार्टअप को मजबूती प्रदान करें. संस्थापक टीम में आदर्श रूप से उन माहिर लोगों को शामिल करना चाहिए जिन्होंने उस संबंधित क्षेत्र में लंबा समय बिताने के साथ ही काबिलियत प्रूफ की है.
बिजनेस की दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने या चलाने के लिए नकद की जरुरत होती है. आमतौर पर स्टार्टअप बढ़ाने के लिए उद्यमी और अधिक ग्राहकों तक पहुंच बनाने का प्रयास करते है. इस प्रक्रिया में वे उन शर्तों की पेशकश करते हैं, जिससे पैसे आते हुए दिखते है लेकिन असल में तत्काल मिलते नहीं. ऐसे में नकदी की कमी के चलते स्टार्टअप चलाने में दिक्कत होने लगती है. यदि केवल कागज पर व्यवसाय मजबूत लग रहा है, तो यह स्टार्टअप के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए हर बिजनेस में नकदी प्रवाह का बने रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है.
हर स्टार्टअप को मजबूती से चलने के लिए कम से कम बुनियादी प्रणालियों पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए. प्रणाली समय के साथ विकसित हो सकती है लेकिन शुरुआत से ही विचारों को सही से क्रम में रखना फायदेमंद होता है. उचित रूप से डिजाइन किए गए सिस्टम से बिजनेस में हमेशा बरकत ही होती है. क्योकि इससे स्टार्टअप की व्यर्थ चीजे बाहर हो जाती है. एक बिजनेस प्रणाली जितनी सरल हो उतना बेहतर रहता है. मूल्य निर्धारण की रणनीति का डॉक्यूमेंटिंग करने वाली एक प्रणाली एक व्यक्ति के मूल्य निर्धारण के फैसले के बाद भी बहुत अधिक समय और प्रयासों को बचा सकती है.
स्टार्टअप के बेहतर परिणामों को हासिल करने के लिए लंबे समय तक की योजना बनानी चाहिए. बिजनेस बिल्डिंग एक परिश्रमी प्रक्रिया है. इसके लिए उद्यमियों को कड़ी मेहनत करने के साथ धैर्य होना जरुरी है. किसी उद्यमी को अपनी क्षमता का एहसास होने में 2-3 साल का समय भी लग सकता हैं. हर बिजनेस एक निश्चित स्थान पर पहुंचने के बाद स्वयं ही बढ़ने के काबिल हो जाता है.