7 महीनों में MSME को 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान
नई दिल्ली: कोरोना काल में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) की आर्थिक बेहतरी के लिए मोदी सरकार की सक्रियता के परिणाम दिखने लगे है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को भुगतान की स्थिति की समीक्षा की और संतोष व्यक्त किया है. उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय के शानदार कार्य की सराहना की. प्रधानमंत्री के इंडिया विजन के हिस्से के रूप में वित्त मंत्री ने इसी साल मई महीने में आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी. यह भी कहा गया था कि एमएसएमई को बकाया का भुगतान 45 दिनों में कर दिया जाएगा. जिसके बाद से मई से इन बकायों के भुगतान के लिए भारत सरकार विशेषकर एमएसएमई मंत्रालय द्वारा निरंतर प्रयास किए गए. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) तथा केन्द्रीय सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसएमई को बकाया भुगतान पर विशेष फोकस किया गया. परिणामस्वरूप मई से केंद्रीय सरकार की एजेंसियों तथा सीपीएसई द्वारा एमएसएमई को 21,000 हजार करोड़ रुपये बकाया का भुगतान किया गया है.
अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक एमएसएमई से सबसे अधिक खरीद अक्टूबर महीने में 5100 करोड़ रुपये की हुई. 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. नवंबर के लिए पहले 10 दिनों में प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार उत्कृष्टता स्तर पार हो जाएगा क्योंकि पहले ही 4700 करोड़ रुपये की खरीद हुई है और 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. आत्मनिर्भर भारत 3.0 में उद्योग जगत के लिए ये 5 बड़े ऐलान, MSME को भी होगा फायदा
एमएसएमई को बकाया का भुगतान करने के लिए किए गए प्रयासों में एमएसएमई सचिव द्वारा कई बार भारत सरकार के मंत्रालयों तथा सीपीएसई को पत्र लिखना, व्यक्तिगत विचार-विमर्श शामिल हैं. एमएसएमई मंत्रालय को सबसे मजबूत समर्थन प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कैबिनेट सचिव से मिला, जिन्होंने सीपीएसई तथा सरकारी एजेंसियों को पत्र लिखा. सीपीएसई तथा भारत सरकार के मंत्रालय द्वारा एक पंक्ति की रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित की गई है ताकि कुल लेन-देन, कुल भुगतान के साथ-साथ प्रत्येक महीने के अंत में लंबित बकायों की रिपोर्ट की जा सके.
एमएसएमई मंत्रालय ने भारत सरकार के मंत्रालयों, विभागों तथा सीपीएसई द्वारा एमएसएमई समर्थन के लिए सराहना की. यह समर्थन सितंबर और अक्टूबर महीने में विशेषकर महत्वपूर्ण है. इन नकदी प्रवाहों के कारण एमएसएमई को सामग्री उत्पादन करने और सेवा देनी थी क्योंकि त्योहारों के समय विशेष रूप से उत्पाद बेचे जा सकें. एमएसएमई मंत्रालय ने त्योहारी सीजन के दौरान एमएसएमई को मदद देने के लिए कार्पोरेट क्षेत्र से अनुरोध किया था क्योंकि त्योहारों के दौरान हुई आमदनी से एमएसएमई को पूरे वर्ष स्थिरता मिलेगी. यह समर्थन अनेक एमएसएमई तथा ग्राम उद्योगों को पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर कारोबार करने में सहायक रहा है.