आंध्र प्रदेश के पुलिस कॉन्स्टेबल से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करना, उदय कृष्ण रेड्डी के जीवन का एक नया पृष्ठ है। कड़ी मेहनत और संघर्ष से भरी उनकी सफलता की कहानी अब हर तरफ मिसाल के तौर पर इस्तेमाल की जा रही है।

प्रेरणा का स्रोत

उदय कृष्ण रेड्डी की कहानी हमें एक महान प्रेरणा स्रोत प्रदान करती है। हालांकि, उनके जीवन में कई ऐसे मोड़ आए, जिनमें इंसान हताश और हार जाता है, लेकिन रेड्डी ने लाईफ में आने वाली हर चुनौती को बड़ी बेबाकी से स्वीकार किया। उन्होंने अपमान को अपने पक्ष में बदला और आगे बढ़ने का साहस दिखाया।

छोटी उम्र में माॅं-बाप को खोया, दादी ने की परवरिश 

उदय कृष्ण रेड्डी मूलरूप से आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के सिंगरायकोंडा मंडल के उल्लापलेम गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, जिसके बाद दादी ने उनका पालन-पोषण किया। साल 2013 में उन्होंने कांस्टेबल की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपनी करियर की शुरुआत की। 

60 पुलिसकर्मियों के सामने हुई बेइज्जती, तो छोड़ दी नौकरी?

उदय कृष्ण रेड्डी ने पांच साल की सेवा के बाद इस्तीफा दे दिया। दरअसल, 2013 से 2018 तक उदय कृष्णा रेड्डी आंध्र प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर थे। बताया जा रहा है कि साल 2018 में सर्किल इंस्पेक्टर (सीआई) ने करीब 60 साथी पुलिसकर्मियों के सामने उदय का अपमान किया था। बताया जाता है कि इस अपमान से आहत होकर उदय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और ठान लिया कि वह एक दिन अधिकारी बनेगा।

सिविल सेवा में प्रवेश

पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद उदय कृष्ण रेड्डी ने अपना दिल और दिमाग यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी में लगा दिया। जीवन में अनगिनत उतार-चढ़ावों का सामना करने के बावजूद उन्होंने अपने सपनों को जीने के लिए लगातार प्रयास किया।

सफलता का दर्पण

उदय कृष्ण रेड्डी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 780वीं रैंक हासिल की है। उनकी सफलता उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का परिणाम है। वे अब अपने सपनों की ओर बढ़ रहे हैं, जहां उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में योगदान देने का सुनहरा अवसर मिलेगा।

उदय कृष्ण रेड्डी की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के लिए केवल इच्छा ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए कड़ी मेहनत, उत्साह और संघर्ष की आवश्यकता होती है। उनकी कहानी एक प्रेरणा है जो हर व्यक्ति को अपने सपने पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।


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