कौन कहता है आसमां में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों। इस कहावत को सच कर दिखाया है बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले विशाल कुमार ने। जिन्होंने सुविधाओं के अभाव में कभी हार नहीं मानी और यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर अपनी सफलता की प्रेरक कहानी लिखी है। अक्सर कई युवा यूपीएससी जैसी परीक्षा को पास न करने के लिए अपने हालातों को दोष देते हैं लेकिन विशाल कुमार ने इन सबसे ऊपर उठकर एक नई मिसाल कायम की है। बहुत ही कम उम्र में ही विशाल के सिर से पिता का साया उठ गया लेकिन उनकी मां ने अकेले ही हिम्मत कर घर चलाया। उन्होंने बकरी और भैंस पालकर दूध बेचा और उन पैसों से घर का खर्च चलाया। विशाल की प्रतिभा को देखते हुए उनके टीचर ने उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया और विशाल ने अपनी मेहनत के बल पर यूपीएससी की परीक्षा को पास कर सफलता की कहानी लिख दी। आइए जानते हैं कैसे कठिनाइयों को पार करते हुए विशाल कुमार ने सफलता का यह सफर तय किया है।
बचपन से ही पढ़ाई में थे तेज़
बिहार के मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव के रहने वाले विशाल कुमार बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थे। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में पूरे जिले में पहला स्थान हासिल किया। लेकिन उन्हें बचपन से ही काफी संघर्ष करना पड़ा। बहुत कम उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया। पिता की मृत्यु के बाद विशाल और उनके भाई का लालन-पालन करने के लिए मां रीना देवी ने काफी संघर्ष किया। उन्होंने बकरी और भैंस को पालकर जैसे-तैसे बच्चों का लालन-पालन किया।
शिक्षक ने उठाया पढ़ाई का पूरा खर्च
विशाल की मां बकरी पाल कर भी इतना नहीं कमा पाती थीं कि वो विशाल की पढ़ाई का खर्च उठा पाएं। ऐसे में विशाल के अंदर छिपी प्रतिभा को देखते हुए उनके शिक्षक ने उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। विशाल ने मैट्रिक की परीक्षा में अपने जिले में टॉप किया। इसके बाद IIT कानपुर में दाखिला लिया और साथ ही पैसों की कमी को पूरा करने के लिए नौकरी भी की। जिसके बाद गांव के शिक्षक गौरीशंकर ने विशाल को UPSC की परिक्षा के लिए प्रेरित किया। इनके मार्गदर्शन में विशाल ने दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर UPSC की तैयारी की।
एलेन इंस्टीट्यूट में बतौर शिक्षक किया काम
विशाल का एडमिशन IIT कानपुर में हुआ और उन्होंने वहां से अपनी बीटेक की डिग्री हासिल की। विशाल कुमार ने बीटेक करने के बाद रिलायंस कंपनी में नौकरी की और बाद में एलेन इंस्टीट्यूट में बतौर शिक्षक पढ़ाने लगे। यही वो समय था जब उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा देने का निश्चय किया। विशाल कुमार के यूपीएससी की सफलता में उनके शिक्षक का बहुत योगदान रहा है जिन्होंने आर्थिक और मानसिक रूप से सहयोग देते हुए उन्हें हर समय यूपीएससी की तैयारी करने को प्रेरित किया।
ऐसे पास की यूपीएससी परीक्षा
विशाल कुमार ने अपने शिक्षक के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत की और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी पूरी की। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लायी और विशाल ने UPSC के द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2021 में 484वां स्थान प्राप्त किया।
विशाल कुमार ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है कि अगर हौसला बुलंद हो तो अपनी मंजिल को हासिल करना मुश्किल नहीं है। आज विशाल करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों के आगे कभी घुटने नहीं टेके और लगातार मेहनत कर के सफलता की नई कहानी लिख दी।
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