कहते हैं सफलता उन्हीं को मिलती हैं जो असफलताओं से नहीं घबराते। किसी भी सफल व्यक्ति को रातों-रात सफलता नहीं मिल जाती है। इसके पीछे रात-दिन की कड़ी मेहनत होती है। इस बात को सही साबित करने का काम किया है उत्तर प्रदेश के रहने वाले जुनैद अहमद ने जिन्हें कभी 60 प्रतिशत अंक लाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। स्कूल में सामान्य विद्यार्थी होने के कारण भी उन्होंने आत्मविश्वास कभी खोया नहीं। उन्होंने रोज़ाना सिर्फ 4 घंटे की पढ़ाई करके यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास किया और तीसरी रैंक लाकर इतिहास रच दिया। जुनैद के लिए इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसन नहीं था। इस सफर में उन्हें तीन बार इस परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपनी गलतियों से सीख ली और आगे बढ़ते रहे। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखते हुए अपनी मेहनत के दम पर आईएएस ऑफिसर बनने का यह सफर तय किया है। तो आइए जानते हैं उनके जीवन की प्रेरक कहानी के बारे में।

शुरू से ही थे एवरेज स्टूडेंट

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक कस्बे के रहने वाले जुनैद अहमद शुरू से ही पढ़ाई में तेज़ नहीं थे। वो एक एवरेज स्टूडेंट माने जाते थे। उनके पिता जावेद हुसैन पेशे से वकील हैं और मां आयश रज़ा एक हाउस मेकर हैं। जुनैद की शुरूआती पढ़ाई बिजनौर के नगीना कस्बे से ही हुई। उनके स्कूल और कॉलेज में कभी 60 प्रतिशत से अधिक अंक नहीं आए। उन्हें 60 प्रतिशत अंक लाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन जुनैद के सपने शुरू से ही काफी बड़े थे। जुनैद ने कक्षा 12वीं पास करने के बाद नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद जुनैद के मन में IAS अधिकारी बनने का ख्याल आया।

तीन बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार

जुनैद आईएएस ऑफिसर बनना तो चाहते थे लेकिन उन्होंने सच से कभी मुंह नहीं मोड़ा, वो जानते थे कि वो एक एवरेज स्टूडेंट हैं। आईएएस बनने के लिए काफी पढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन उनके हौसले बुलंद थे। साल 2013 से उन्होंने खुद को अपने सपने के आगे झोंक दिया। इसमें उनके परिवार का भी उन्हें पूरा सपोर्ट मिला। उन्होंने पहले UPSC से जुड़ी जानकारियों के बारे में रिसर्च किया। इसके बाद जुनैद ने जामिया मिलिया इस्लामिया स्थित जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी में दाखिला पा लिया जो मुफ्त में सिविल सर्विसेज के छात्रों को तैयारी करवाती है। इसमें छात्रों की कोचिंग से लेकर रहने खाने की सुविधा फ्री होती है। जुनैद शुरुआत में 8 से 9 घंटे रोज़ाना पढ़ाई करते थे। लेकिन एक बार बेसिक क्लीयर होने के वाद वो सिर्फ 4 घंटे ही पढ़ाई करते थे। वे बीच-बीच में खुद को रिफ्रेश रखने के लिए मूवी, खेल और जिम आदि का सहारा लेते रहते थे। जुनैद पहले तीन प्रयास में लगातार असफल होते रहे। लेकिन लगातार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत के साथ अपने सपने को पूरा करने में डटे रहे।

ऐसे बनें IAS ऑफिसर

जुनैद को खुद पर पूरा भरोसा था इसलिए उन्होंने अपनी गलतियों से सीखते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया। चौथे प्रयास में जुनैद ने UPSC की परीक्षा में 352वां रैंक हासिल किया। उनका सेलेक्शन भारतीय राजस्व विभाग में हो रहा था, जो उन्हें मंजूर नहीं था। वो भारतीय प्रशासनिक सेवा में पद पाना चाहते थे। जिसके लिए जुनैद एक बार फिर से तैयारी में जुट गए और आखिरकार अपने पांचवे प्रयास में जुनैद ने UPSC 2018 की परीक्षा में न सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि ऑल इंडिया तीसरा स्थान हासिल करके अपना सपना पूरा कर लिया। आज जुनैद IAS ऑफिसर के पद पर तैनात हैं।

जुनैद ने जब अपनी सफलता की बात अपने परिवार को बताई तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। जुनैद ने अपने नामुमकिन से सपने को मुमकिन कर दिखाया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखी है। आज वो लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने सबको यह बता दिया कि एक औसत छात्र भी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में टॉप कर सकता है और आगे बढ़ सकता है।

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