इंसान अपनी कामयाबी की कहानी खुद लिखता हैं। इस बात के गवाह है बायजू एप के संस्थापक बायजू रवींद्रन। बायूज रवींद्रन का जन्म केरल के कन्नूर जिले अझीकोड़े गाँव में 1980 में हुआ था। उनके माता पिता दोनों ही अध्यापक थे | रवींद्रन की प्राथमिक शिक्षा अपने गाँव के ही स्कूल में हुई थी | उनकी रुचि पढाई से ज्यादा क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलो में थी। इसलिए उन्होंने कभी भी अपने करियर पर ज्यादा फोकस नहीं किया। गणित में अच्छे होने के कारण उन्होने इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया। और एक सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी में 2 वर्ष तक नौकरी की।
लेकिन उनकी किस्मत में नौकरी के अलावा कुछ नया करना था। इस दौरान वो कंपनी के काम से मंगलोर आए। यहां उनके कुछ दोस्त CAT की तैयारी कर रहे थे। उनके दोस्तों ने गणित में उनकी मदद मांगी। वो गणित में तो अच्छे थे ही, तो उन्होंने अपने दोस्तों की मदद की और खुद भी परीक्षा देने लगे, आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने 100 प्रतिशत अंक हासिल किए। फिर वो अपनी नौकरी करने चले गए और 2005 में फिर वापस आकर अपने दोस्तों को परीक्षा की तैयारी कराई। इस तरह उनकी शिक्षा के जगत में शुरुआत हो गई।
शुरुआत में वो बालकनी में बैठा कर ट्यूशन देने लगे। लेकिन छात्रों की संख्या बढ़ते देख उन्होंने वर्कशॉप खोला। लोग उनके पढ़ाने के तरीके से काफी प्रभावित होते थे। शुरुआत में वर्कशॉप फ्री देने के बाद बच्चे उन्हें पैसे देने लगे। कोचिंग की इस अपार सफलता को देखते हुए उन्होंने नौकरी छोड़ कर इसी पर अपना ध्यान लगाया।
रविन्द्रन ने अपने नाम पर ही क्लास का नाम Byju’s Classes रख दिया। धीरे-धीरे वो बड़ी क्लास के बच्चों को भी पढ़ाने लग गए। 2011 में उन्होंने THINK AND LEARN नामक कंपनी शुरू की और साल 2015 में अपना खुद का BYJU’S Learning App लॉंच कर दिया जिसके तहत वो सिर्फ थ्योरी पर केंद्रित ना होकर टेक्नोलजी के जरिए विसुअल लर्निंग पर फोकस करने लगे। इस एप्प की मदद से क्लास 6 से 12 तक के छात्र शुरुआत की कुछ क्लासेज फ्री लेकर आगे की क्लासेज के लिए पैसे देते हैं। आप इसकी प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि आज इसे 55 लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। यही नहीं बायजू आज भारतीय क्रिकेट टीम का स्पांसर पार्टनर भी है। Byju’s आज सरकारी परीक्षाओं जैसे CAT, UPSC, IIT-JEE, NEET की भी तैयारी करता है। बायजू रविन्द्रन ने अपनी काबिलियत की बदौलत एक स्कूल टीचर से भारत के नए अरबपति बनने तक का सफर तय किया है। उनकी यह कहानी सभी के लिए मोटिवेशन (motivation) है।
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