रानी रामपाल की सफलता की प्रेरणादायक कहानी
"जिसके हौसलों में जान हो, वही आसमान छूता है।" यह बात रानी रामपाल ने सच कर दिखाई। हरियाणा के शाहबाद मारकंडा में जन्मी रानी का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। उनके पिता तांगा चलाते थे, लेकिन रानी ने हालातों से हार नहीं मानी। महज 6 साल की उम्र में हॉकी थामी और 14 साल की उम्र में भारतीय महिला सीनियर टीम में शामिल हो गईं।
रानी की मेहनत और लगन ने उन्हें सिर्फ टीम का हिस्सा नहीं, बल्कि कप्तान बना दिया। उन्होंने साबित किया कि अगर जज्बा हो तो कोई भी सपना सच हो सकता है। आज रानी रामपाल देश की महिला हॉकी टीम की लीडर हैं और लाखों युवाओं के लिए एक सच्ची प्रेरणा बन चुकी हैं।
रानी कहती हैं कि उन्होंने हॉकी की प्रैक्टिस नंगे पैर भी की है। भारतीय हॉकी टीम के लिए चयन होना इनता आसान नही था। लेकिन मैने अपनी मेहनत पर विश्वास रखा और दिन रात एक करते हुए हॉकी की ट्रेनिंग करती रही। रानी कोच बलदेव सिंह का आभार व्यक्त करती हैं जिन्होंने उन्हें ट्रेनिंग दी।
रानी की कप्तानी में कमजोर समझी जाने वाली भारतीय महिला हॉकी ने स्पेन आयरलैंड जैसी मजबूत टीमों को भी हराया है। यही नहीं भारतीय महिला हॉकी टीम ने रानी के नेतृत्व में 2016 समर ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
रानी को अपने इस अद्भुत प्रदर्शन के लिए खई खेलों से भी सम्मानित किया गया है। उन्हें “ चैपियन चैलेंज टूर्नामेंट” में “ यंग प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट " का अवार्ड मिला। साल 2010 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलो में एफआईएच की “यंग वुमन प्लेयर ऑफ द इयर” का अवार्ड भी दिया गया था।
आज रानी की सफलता कने पूरी दुनिया में रानी का लोहा मनवाया है, जो समाज कभी ताने मारते थे आज उसी समाज को अपनी बेटी पर गर्व हैं। रानी की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत (Inspirational story) है। यदि आप भी रानी की तरह अपनी पहचान बनाना चाहते हैं एवं अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारी लाईफ टाईम मेंबरशिप कों ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको करियर और बिज़नेस से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://www.badabusiness.com/life-time-membership?ref_code=ArticlesLeads पर Visit करें।