पूरे देश में कोरोना वायरस के भयंकर दूसरी लहर के बीच मरीजों का बुरा हाल है. रोजाना लाखों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. जिस वजह से सही समय पर सभी मरीजों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों को निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है. इस बीच एक स्टार्टअप ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ को कम करने के लिए अनोखा काम किया है. Startup India Seed Fund Scheme: स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना क्या है? कैसे होगा उद्यमियों को फायदा?

आईआईटी मद्रास इनक्यूबेटेड स्टार्टअप 'मोड्यूल्स हाउसिंग' (Modulus Housing) ने कोरोना रोगियों के इलाज के लिए मेडिकेयर नामक एक पोर्टेबल अस्पताल इकाई विकसित की है. इस पोर्टेबल अस्पताल को चार आदमी मिलकर मात्र 2 घंटे में कहीं भी स्थापित कर सकते हैं. इसे 'मेडिकेब' नाम दिया गया है.

'मेडिकेब' नामक इस पोर्टेबल माइक्रो स्ट्रक्चर के जरिए लोकल लेवल पर कोविड-19 संक्रमितों की पहचान, जांच, आइसोलेशन और इलाज आसानी से किया जा सकेगा. मॉड्यूल हाउसिंग ऐसे कई माइक्रो अस्पताल विकसित कर रहा है, जिन्हें देशभर में तेजी से स्थापित किया जा सकता है. मेडिकेयर को हाल ही में केरल के वायनाड जिले में लॉन्च किया गया था.

इसके साथ ही प्रोजेक्ट के सर्टीफिकेशन और बेहतर परिचालन के लिए स्टार्टअप ने श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी भी की है. आईआईटी के दो पूर्व छात्रों श्री राम रविचंद्रन और डॉ. तमस्वती घोष द्वारा 2018 में शुरू किए गए स्टार्टअप को आईआईटी मद्रास के इंक्यूबेशन सेल का सहयोग रहा है.