IAS अंकिता चौधरी ने UPSC की तैयारी के लिए सोशल मीडिया से बनाई दूरी, फिर 14वीं रैंक हासिल कर बनीं असिस्टेंट डिप्टी कमिश्नर
कहते हैं, अगर इंसान अगर ठान ले, तो वो किसी भी परेशानी का सामना कर सफलता का मुकाम हासिल कर सकता है। इस बात को साबित कर दिखाया है रोहतक हरियाणा की रहने वाली IAS अंकिता चौधरी ने।
अंकिता हरियाणा में रोहतक के एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता एक चीनी मिल के अकाउंटेंट हैं। वहीं उनकी माता एक गृहणी थी, जिनकी एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो चुकी है।
माँ की मृत्यु ने अंकिता को अंदर तक झकझोर कर रख दिया। अंकिता पूरी तरह टूट चुकी थीं। लेकिन, इस बुरे दौर में उनके पिता ने हौसलाफजायी की और जीवन का मकसद और खुद को साबित करने का एक रास्ता दिखाया।
जन्म: | 25 दिसंबर 1994, रोहतक, हरियाणा |
पिता: | सत्यवान चौधरी |
Exam Cleared: | UPSC 2018, AIR 14th |
वर्तमान पद: | असिस्टेंट डिप्टी कमिश्नर, सोनीपत |
एक बार असफल होने के बाद 2018 में अंकिता ने UPSC में अच्छी रैंक प्राप्त की। आज वो असिस्टेंट डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।
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कौन हैं अंकिता चौधरी?
अंकिता का जन्म 25 दिसंबर 1994 को हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम सत्यवान है, जो कि एक चीनी मिल के अकाउंटेंट हैं और उनकी माँ एक गृहिणी थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रोहतक से ही पूरी की थी। जब आगे की पढ़ाई का समय आया, तो वे दिल्ली आ गयी। उन्होंने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया और आईआईटी दिल्ली से अंकिता ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
कैसे की UPSC की तैयारी शुरू
अंकिता के मन में हमेशा से ही समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा था, इसके लिए उन्होंने UPSC का रास्ता चुना, क्योंकि उनके अनुसार इस परीक्षा को पास कर वे समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकती हैं । जब वो दिल्ली आयीं तो उन्होंने UPSC करने का मन बनाया। जब वो UPSC की तैयारी कर रही थीं कि तभी अचानक एक दिन उनकी माँ का एक्सीडेंट हो गया, गंभीर हालत होने के कारण उनका निधन हो गया था, जिससे वो पूरी तरह से टूट गयी।
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ऐसे में उनके पिता ने उन्हें प्रोत्साहित किया, तब उन्होंने UPSC की तैयारी फिर से शुरू की। उन्होंने पहली बार परीक्षा दी, उसमें असफल होने पर अंकिता ने अपनी गलतियों और कमियों को खोजकर उन्हें एनालाइज़ किया।
ऐसे मिली UPSC में सफलता
अपनी खामियों को एनालाइज़ करने के बाद अंकिता ने UPSC के लिए फिर से मजबूत रणनीति बनाकर और ज्यादा जोश के साथ अपनी तैयारी शुरू की। यह रणनीति अंकिता के लिए कारगर साबित हुई। जब 2018 में UPSC का रिजल्ट आया, तो उसमें अंकिता को 14वीं रैंक मिली। अंकिता अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता को और अपनी कड़ी मेहनत को देती हैं। आज अंकिता सोनीपत में असिस्टेंट डिप्टी कमिश्नर के पद पर हैं।
अंकिता ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई चीज़ों को छोड़ा भी है। अपनी तैयारी के दौरान अंकिता ने ना सिर्फ सोशल मीडिया से दूरी बनाये रखी, बल्कि अपने पिता से भी बहुत कम बात करती थी, यही कारण है कि उन्होंने अच्छी रैंक से UPSC की परीक्षा पास की।
आज अंकिता ना सिर्फ देश की लड़कियों के लिए अपितु सभी युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी है।
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