ट्रेडिंग में मार्केट सेगमेंट बड़े वित्तीय बाजार के अलग अलग ख़ास हिस्से होते हैं। इन बाजारों को अलग-अलग विशेषताओं के आधार पर छोटे समूहों में बांट दिया जाता है। जिससे व्यापारियों और निवेशकों को उनके बिजनेस को फायदा पहुंचाने वाले क्षेत्रों में फोकस करने में मदद मिलती है।
मार्केट के कई सेगमेंट होते हैं, जिन्हें समझकर निवेश करना चाहिए।
ट्रेडिंग के चार प्रमुख सेगमेंट होते हैं:
- प्राइमरी मार्केट (Primary Market)
- सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market)
- ओवर द काउंटर मार्केट (Over the Counter Market)
- एक्सचेंज ट्रेडेड मार्केट (Exchange Traded Market)
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने से पहले मार्केट की पूरी जानकारी होना बेहद ज़रूरी है।
प्राइमरी मार्केट:
शेयर मार्केट में प्राइमरी मार्केट वो जगह होती है जहां कंपनियां अपनी नई सिक्योरिटीज जैसे शेयर्स या बॉन्ड्स को पहली बार इश्यू करती हैं। इसके बाद इन्हें पहली बार मार्केट में बेचा जाता है। इसे “न्यू इश्यू मार्केट” भी कहा जाता है।
प्राइमरी मार्केट में ही कंपनियां शेयर की कीमतें मार्केट की डिमांड और स्थिति के हिसाब से जारी करती हैं। कंपनी सिक्योरिटीज जारी करने की इस प्रक्रिया को “इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग” (IPO) कहा जाता है। आम आदमी भी इन शेयर्स को आसानी से खरीद सकता है।
सेकेंडरी मार्केट:
सेकेंडरी मार्केट वो जगह होती है जहां पहले से ही जारी की जा चुकी सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग की जाती है। ये वो मार्केट है जहां इन्वेस्टर्स किसी कंपनी से नहीं बल्कि एक दूसरे सिक्योरिटीज को खरीदते और बेचते हैं। सेकेंडरी मार्केट इन्वेस्टर्स को एक लिक्विडिटी प्रदान करते हैं। यहां ये परमीशन भी इंवेस्टर को मिलती है कि जब भी उन्हें ज़रूरत हो वो अपनी सिक्योरिटीज को बेचकर उन्हें कैश में कन्वर्ट कर सकते हैं और उस पैसे को किसी दूसरी जगह पर इंवेस्ट कर सकते हैं।
ओवर द काउंटर मार्केट:
ओवर द काउंटर मार्केट एक ऐसा मार्केट है जहां ट्रेडिंग एक्सचेंज के बजाय दो अलग-अलग ब्रोकरों के बीच होती है। इसमें कंपनी के वे शेयर्स, बॉन्ड्स और डेरिवेटिव्स शामिल होते हैं जो एक्सचेंज पर लिस्टेड नहीं होते। यहां नियमों में लचीलापन होता है, लेकिन इसके साथ ही ट्रेडिंग करना काफी जोखिमपूर्ण भी होता है, क्योंकि इसमें एक्सचेंज और ट्रेडेड मार्केट की तुलना में कम पारदर्शिता होती है।
एक्सचेंज ट्रेडेड मार्केट:
एक्सचेंज ट्रेडेड मार्केट वह जगह है जहां सिक्योरिटीज, डेरिवेटिव्स और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग रेगुलेटेड स्टॉक एक्सचेंज पर की जाती है। इसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह अधिक रेगुलेटेड और पारदर्शी होता है।
ये हैं शेयर मार्केट के कुछ मार्केट सेगमेंट्स, जिनके बारे में जानकर ही आपको अपने ट्रेडिंग और निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए।