कोरोना महामारी के बीच देश में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है. देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) मई में सालाना आधार पर 29.3 प्रतिशत बढ़ा है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मई महीने में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 34.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. कोरोना काल में देश के विनिर्माण क्षेत्र का कामकाज मंद रहने के कारण औद्योगिक उत्पादन चरमरा गया था. चौथी तिमाही में अनुमान से बेहतर हो सकती है देश की GDP; विदेशी इन्वेस्टर्स जमकर कर रहे निवेश

सोमवार को जारी हुए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आईआईपी (Index of Industrial Production) में इजाफे का मुख्य कारण निम्न तुलनात्मक आधार और विनिर्माण, खनन तथा बिजली क्षेत्रों का बेहतर प्रदर्शन है. हालांकि आईआईपी का यह आंकड़ा महामारी पूर्व स्तर से नीचे है. मई महीने में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 34.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा 77.63 प्रतिशत है. इसी तरह खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.3 प्रतिशत तथा बिजली का 7.5 प्रतिशत बढ़ा.

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एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, मई, 2021 में आईआईपी 116.6 अंक पर रहा. पिछले साल इसी महीने में यह 90.2 पर था. मई 2019 में आईआईपी 135.4 अंक था. आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन में सुधार हुआ है, लेकिन यह अब भी मई, 2019 के महामारी पूर्व के स्तर से नीचे है. इस साल जनवरी में आईआईपी में 0.6 प्रतिशत तथा फरवरी में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई. मार्च में यह 24.1 प्रतिशत बढ़ा था.

औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल मार्च में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. और अगस्त 2020 तक नकारात्मक दायरे में रहा था. मई 2020 में औद्योगिक उत्पादन में 33.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी. जबकि अप्रैल 2020 में औद्योगिक उत्पादन 57.3 प्रतिशत घटा था. पिछले साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही थी.