नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी की दूसरी और घातक लहर से बाहर आने की दिशा में आगे बढ़ रहे भारत के लिए आर्थिक मोर्चे पर दो अच्छी खबरे हैं. पहली खबर यह है कि देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2021 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान जताई गई उम्मीद की अपेक्षा तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि लुप्त होती महामारी की अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था गतिविधि में तेजी के परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों से अपेक्षित उत्पादन कहीं अधिक देखा गया है. जबकि दूसरी यह है कि विदेशी इन्वेस्टर्स के लिए भारत पसंदीदा निवेश गंतव्य बन गया है. कोरोना की दूसरी लहर के बीच किस रफ्तार से होगी भारत की GDP ग्रोथ? ADB ने लगाया ये अनुमान

बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष की अध्यक्षता में एसबीआई की एक शोध टीम द्वारा तैयार एक इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि लगभग 1.3 प्रतिशत (नीचे की ओर पूर्वाग्रह के साथ) होगी। यह एनएसओ के माइनस 1 प्रतिशत अनुमान के मुकाबले बेहतर स्थिति है. इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि पूरे वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट अब लगभग 7.3 प्रतिशत होगी। यह पहले के अनुमान माइनस 7.4 प्रतिशत की तुलना में काफी अच्छी स्थिति दर्शाता है.

वहीं, उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मंगलवार को कहा कि देश में भारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह से वैश्विक निवेशकों के बीच भारत के पसंदीदा निवेश गंतव्य होने की पुष्टि हुई है. देश में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 19 प्रतिशत बढ़कर 59.64 अरब डॉलर हो गया. इस दौरान इक्विटी, पुनर्निवेश आय और पूंजी सहित कुल एफडीआई 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया.

सीआईआई ने कहा, ‘‘बीते साल की बेहद चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि के बावजूद एफडीआई प्रवाह का मजबूत प्रदर्शन वैश्विक निवेशकों के बीच एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करता है.’’

उद्योग मंडल ने आगे कहा कि पिछले साल कई और क्षेत्रों में एफडीआई मानकों को उदार बनाने, व्यापार करने में आसानी और महत्वपूर्ण नीतिगत उपायों के जरिये सुधारों की गति को बरकरार रखने पर सरकार के लगातार जोर देने से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ.