आज के समय में ज्यादातर लोग अपने बिज़नेस और काम को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसे में बाहर के साथ घर और परिवार को संभलना दूसरी नौकरी करने जैसा हो जाता है। जिस कारण बहुत से माता-पिता अपने बच्चों कों भरपूर समय नहीं दे पाते हैं। इस वजह से बच्चों की पेरेंटिंग सही तरह से नहीं हो पाती है और कई बार ऐसा भी देखा गया है कि वह गलत दिशा में चले जाते हैं। अपने बच्चों को सही मार्गदर्श देने में, उन्हें निखारने और बिगाड़ने में माता-पिता का बहुत बड़ा हाथ होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई माता पिता बच्चों को जिम्मेदारी देने की बजाय खुद उनके सारे काम करने लग जाते हैं। ताकि कम समय में वो बच्चों का काम कर खुद फ्री हो जाएं। लेकिन ऐसा करने से बच्चे का पूरा विकास नहीं हो पाता है। किसी भी काम के लिए उन्हें दूसरे लोगों की जरूरत होती है। इतना ही नहीं, कई बार ऐसा भी देखा गया है कि अपने ऑफिस और बिज़नेस (Business) के चलते माता-पिता अपने बच्चों की जिम्मेदारी दूसरे लोगों पर छोड़ देते हैं जिसके कारण बच्चे अपने ही माता-पिता से दूर हो जाते हैं और गलत आदतों का शिकार हो जाते हैं। अच्छे  पेरेंट्स बनने का यह मतलब यह नहीं है कि आप अपने बच्चों की हर ख्वाइश को  पूरा करते रहें  और उनके लिए बस पैसे कमाते रहें। अच्छे  पेरेंट्स होने के नाते आपको अपने बिज़नेस और कार्य के बीच उनकी परवरिश के लिए पूरा समय देना होगा। अगर आप चाहते हैं कि आपका भी अपने व्यवसाय के साथ साथ अच्छे पैरेंट्स बन सकें तो आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप एक बिज़नेसमैन होने के साथ-साथ अभिवावक होने की पूरी जिम्मेदारी भी आसानी से निभा सकते हैं।

1. बच्चों के साथ खुद के लिए भी रूटिन सेट करें

एक उद्यमी होने के साथ अच्छे पेंरेंट्स  बनने के लिए आपको कुछ बेसिक रूल्स को आपनाना होगा। आपको बच्चों के साथ-साथ अपने लिए भी रूटीन  सेट (Art of Parenting) करने होंगे। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप इस दौरान बच्चे के साथ ज्यादा सख्त ना हो जाएं। वरना बच्चे पर इसका खराब असर पड़ सकता है। इस कारण बच्चे जिद्दी भी हो सकते हैं। बच्चों के लिए आपको उनका एक रूटीन बनाना होगा जिसमें आपको कुछ चीज़ें डालनी होगी कि कब उसे जगाना है, खिलाना है, सोना है जैसे कई चीज़ों का समय भी सेट करना होगा। हालांकि आपको बच्चों के लिए कोई अलग रूल्स सेट नहीं करने चाहिए, बल्कि घर में जिस रूटीन को आप फॉलो करते हैं उसे ही फॉलो करें।  आप अपने बिज़नेस और घर को अलग-अलग रखें और दोनों के लिए अलग रूटीन  सेट करें।

2. फटकार की बजाय बच्चों को प्यार से समझाएं

ज्यादातर माता-पिता को लगता है कि अपने बच्चों को डांटकर वो सही से समझा सकते हैं। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। बच्चों को डांट नहीं बल्कि प्यार चाहिए होता है। उन्हें सभी के सामने डांटना नहीं चाहिए। इससे उनके अंदर नकारात्मकता आ जाती है। बच्चे अगर गलतियां करते हैं तो उन्हें सभी के सामने डांटना नहीं चाहिए। बल्कि प्यार से समझाना चाहिए। अक्सर माता-पिता काम के प्रेशर के चलते बच्चों को बात-बात पर डांटते रहते हैं। उनके हुनर और रूचि को नहीं समझते बल्कि अपने विचार उन पर थोप देते हैं। आप ऐसा करने से बचें और यह न सोचें की अगर आप बिज़नेस कर रहे हैं या कोई और प्रोफेशनल करियर में हैं तो आपका बच्चा भी वही करे। बच्चों को अपने अनुसार करियर चुनने दें| उन्हें प्यार से सही-गलत का फर्क बताएं।

3. मोबाइल, लैपटॉप का कम प्रयोग करें

आज के दौर में लोगों के पारिवारिक जीवन पर मोबाइल और इंटरनेट का असर हावी होता जा रहा है। लोग अपने घर में आकर भी टीवी ऑन करके मोबाइल, लैपटॉप चलाते रहते हैं या घर आते ही अपने-अपने रूम में चले जाते हैं। जिसके कारण न पैरेंट्स बच्चों से कनेक्ट हो पाते हैं न बच्चें माता-पिता से जुड़ पाते हैं। मोबाइल के साथ ज्यादा समय बिताने की वजह से इसका असर आपकी दिनचर्या, प्रोफेशनल लाइफ और रिश्तों पर भी पड़ता है। इससे आपके रिश्तों में नकारात्मकता आ जाती है। बच्चे भी आपको देखकर मोबाइल, टीवी में लग जाते हैं।  पहले के समय पैरेंट्स रात में अपने बच्चों को कहानियां सुनाते थे, अपने अनुभव उनके साथ साझा करते थे। लेकिन आज घर आते ही पेरेंटेस खुद मोबाइल फोन में लग जाते हैं। क्लाइंट कॉल करने लग जाते हैं। आपको अपने बच्चों में अच्छी आदतों (Parenting Skills) को विकसित करने के लिए खुद भी इनसे दूर होना होगा। घर आते ही अपना मोबाइल साइड में रख दें। अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करें। बात करने से हर परेशानी दूर होती है । आप बात कर के अपने बच्चों के मन की बातों को समझ सकते हैं।

4. बिज़नेस और परिवार को अलग रखें

बहुत से लोगों की आदत होती है कि वो अपने ऑफिस का काम भी घर पर ही करते हैं। चाहे वो क्लाइंट के साथ मीटिंग हो या कोई प्रजेंटेशन फाइल बनानी हो। ऐसे में बच्चों के साथ समय बिताने का पल ही नहीं मिलता है। आपको बच्चों और बिज़नेस के लिए अलग-अलग रणनीति (Parenting Strategy In Business) बनानी चाहिए।  इस बात का ध्यान रखें कि अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देना आपका कर्तव्य है। वो आपके क्लाइंट नहीं है जिन्हें कुछ समय देना आपके लिए जरूरी है क्योंकि अक्सर बहुत से लोग यह कहते हैं कि वो अपने घर पर कुछ समय अपने परिवार को देते हैं उनके लिए एक घंटा, एक दिन निर्धारित करते हैं। लेकिन यह गलत है। आपके बच्चे केवल उतने ही समय तक आपसे जुड़ पाते हैं और उसके अलावा नहीं। आप यह कोशिश करिए कि  ऑफिस का काम कभी आपको घर पर ले जाना न पड़े और अगर ऐसा होता भी है तो उसे जल्दी खत्म कर आप अपने पूरिवार और बच्चों को पूरा समय दें । तभी बच्चों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

5. एक सपोर्ट सिस्टम बनाएं

एक अच्छे उद्यमी और पैरेंट्स होने के नाते आपको अपनी दोनों भूमिकाओं  को बखूबी निभाना आना चाहिए। दोनों भूमिकाओं के लिए अनुशासन, नेतृत्व और लचीलेपन की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको एक सपोर्ट सिस्टम बनाना चाहिए। जिससे आपके निराश-हताश होने पर आपको मोटिवेट करे क्योंकि जब आप उत्साहित रहेंगे, प्रेरित रहेंगे तो बच्चे भी आपको देखकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते रहेंगे। अगर आप अपने ऑफिस और बिज़नेस की थकान लेकर घर आएंगे तो बच्चों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए आप खुद को मोटिवेट करने के लिए एक सपोर्ट सिस्टम का निर्माण करें।

बच्चों को अनुशासित व्यवहार सिखाना बहुत ज़रूरी है पर इसके लिए पेरेंट्स को संयमित और मर्यादित तरीका अपनाना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों की अपेक्षाओं को सही ढंग से समझने की कोशिश करेंगे तो इससे न केवल उन्हें अच्छी परवरिश मिलेगी, बल्कि आपके साथ उनका भावनात्मक बंधन भी मज़बूत होगा। बच्चों के लिए और अच्छी पेरेंटिग स्किल सीखने के लिए आप 10 जुलाई को मोटिवेशनल स्पीकर (Motivational Speaker) डॉ विवेक बिंद्रा के द्वारा आयोजित होने वाले वेबिनार का हिस्सा बन सकते हैं। इस वेबिनार की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से Free है। यहां आपको बेहतरीन पेरेंटिंग टिप्स सिखाए  जाएंगे जो भविष्य में आपको और आपके बच्चों को एक अच्छा इंसान बनने में मदद करेंगे। इस वेबिनार को Attend करने के लिए आप इस लिंक पर रजिस्टर कर सकते हैं- https://www.badabusiness.com/art-of-parenting/?pp_code=BHBB000078&ref_code=SocialMedia