MSME Scheme For Startup Business: स्टार्ट-अप बिज़नेस में सरकार की इन चार एमएसएमई स्कीम का उठाया जा सकता है लाभ
आपका स्टार्ट-अप बिज़नेस केवल आपके लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है वह सरकार के लिए भी उतना ही खास है, जितना कि आपके लिए. यही कारण है कि जब भी स्टार्ट-अप बिज़नेस, माइक्रो एंड स्माल बिज़नेस या फिर मीडियम एंटरप्राइजेज की बात की जाती है तो सरकार का रुख साफ हो जाता है, क्योंकि स्टार्टअप बिज़नेस से भारत की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है. सरकार का मानना कि एमएसएमई सेक्टर से भारतीय अर्थव्यस्था को 2024 तक 50% की बढ़ोतरी मिले जो कि अभी 29% है और साथ ही 15 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो जाए, जिसकी संख्या अभी 11 करोड़ है. आकड़ो से साफ पता चलता है एमएसएमई सेक्टर की बेहतरी के लिए लगातार काम किया जा रहा है. इसलिए ही आज हम स्टार्ट-अप बिज़नेस के लिए एमएसएमई स्कीमों (MSME Scheme for Startup Business) के बारे में बात करेंगे, जो बिज़नेस को आगे बढ़ाने और उसे सफल बनाने का काम करती हैं.
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana)
सरकार आत्मनिर्भर भारत मिशन को स्टार्ट-अप और एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से सफल बनाने के लिए काम कर रही है. जिसके माध्यम से रोजगार के अवसर, प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट और लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड बेहतर बनाया जा सके. एमएसएमई बिज़नेस प्लान (MSME Business Plan) के लिए यह सरकारी स्कीम बेहद अच्छी स्कीमों में से एक हैं. जिसकी मदद से स्टार्ट-अप बिज़नेस को शुरू किया जा सकता है और ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है. मुद्रा स्कीम के माध्यम से दस लाख तक की राशि लोन के जरिए बिज़नेस को शुरू करने के लिए जुटायी जा सकती है. इस योजना को शिशु, किशोर और तरुण, तीन नाम देकर तीन चरणों में बांटा गया है.
- शिशुः- शिशु कैटेगिरी के जरिए बिज़नेस को शुरू करने के लिए 50 हजार तक की रकम लोन लेकर जुटायी जा सकती है.
- किशोरः- इस कैटेगिरी में किसी चालू बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख तक का लोन लिया जा सकता है.
- तरुणः- इस कैटेगिरी में उन व्यापारियों को रखा गया है, जिनका बिज़नेस अच्छी अवस्था में है और उन्हें अपने फील्ड की अच्छी जानकारी भी है, लेकिन बिज़नेस को विस्तार देने के लिए फंड की मदद चाहते हैं. इस कैटेगिरी के तहत 10 लाख तक का लोन लिया जा सकता है.
इस स्कीम का लाभ छोटे स्तर पर किसी प्रोडक्ट का निर्माण करने वाले व्यापारी, रिटेलर्स और थोक विक्रेता (Wholesalers) उठा सकते हैं.
- क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (Credit Guarantee Trust Fund for Micro & Small Enterprises)
जब आप बिज़नेस करने का प्लान कर लेते हैं तो उसे चलाने के लिए आपको कई स्कीमों का साथ जरूर मिल जाता है. एमएसएमई स्टार्ट-अप आइडियाज़ (MSME Startup Ideas) के लिए आपको क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज की मदद भी मिल सकती है. एमएसएमई मंत्रालय की ओर से लांच की गई यह स्कीम अब तक की सबसे बड़ी स्कीमों में से एक है. इस स्कीम के अंतर्गत कोई भी एमएसएमई सेक्टर या स्टार्ट-अप एक करोड़ तक का लोन पा सकता है. इस लोन को कोई भी माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट से पा सकता है. क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट को एमएसएमई मंत्रालय और स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवेलेप्मेंट बैंक ऑफ इंडिया के अधीन रखा गया है. कोई भी स्मॉल बिज़नेस इस ट्रस्ट से लोन के लिए आवेदन कर सकता है.
- ज़ेड सर्टीफिकेशन स्कीम (ZED Certification Scheme for MSME)
ज़ेड सर्टीफिकेशन स्कीम का पूरा नाम ज़ीरो डिफेक्ट और ज़ीरो इफेक्ट मिशन है. इस स्कीम का एक खास उद्देश्य है. इस स्कीम के ज़रिए ऐसे निर्माताओं या नए निर्माताओं को बढ़ावा देने का काम किया जाता है, जो किसी प्रोडक्ट का निर्माण करते हैं. किसी भी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को उत्तम किस्म की क्वालिटी से बने प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. क्वालिटी के साथ ही ध्यान दिया जाता है कि प्रोडक्ट में ज़ीरो डिफेक्ट हो यानि की प्रोडक्ट में गलतियाँ बिल्कुल न के बराबर हो. इस स्कीम के जरिए फाईनैंशियल सपोर्ट के साथ ही तकनीकि मदद भी व्यापारी को दी जाती है. प्रोडक्ट के निर्माण में उपयोग की जाने वाली तकनीक, जरूरी टूल्स और फाईनैंशियल जरूरतों को पूरा करना इस स्कीम के अंदर शामिल किया गया है.
- क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सबसिडी फॉर टैक्ननालॉजी अपग्रेडेशन (CLCSS – Credit Linked Capital Subsidy for Technology Up-gradation)
हर व्यापारी के साथ ही इस बात की समझ सरकार भी रखती है कि अच्छी तकनीक के बिना व्यापार को आगे बढ़ाना बेहद मुश्किल है. किसी भी व्यापारी का बिज़नेस तकनीक के अभाव में पीछे न रहे इसलिए ही सरकार की यह स्कीम काम करती है. इस स्कीम के माध्यम से बिज़नेस में उपयोग आने वाली सभी तकनीको को अपडेट किया जाने का काम किया जाता है. तकनीकों के बदलाव और अपग्रेडेशन में जितने भी फंड की जरूरत आती उसे इस स्कीम के ज़रिए पूरा किया जा सकता है. अगर टैक्नालॉजी के बदलाव में एक करोड़ से ज्यादा के फंड की जरूरत होती है तो उस एक करोड़ के लोन पर सरकार की ओर से 15% की सब्सिड़ी देने का प्रावधान किया गया है. अभी तक इस स्कीम में 7500 से भी ज्यादा प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को शामिल किए जा चुके हैं.
अपने स्टार्ट-अप बिज़नेस प्लान को इन स्कीमों की मदद से आगे भी बढ़ाया जा सकता है और जल्दी ही सफलता भी दिलायी जा सकती है. यहाँ पर जरूरी बात यह भी है कि आपके पास अपने स्टार्ट-अप का एक बेहतरीन मॉडल तैयार होना चाहिए और साथ ही किसी भी योजना का लाभ लेने से पहले उस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी भी प्राप्त जरूर करनी चाहिए. इसके बाद इनमें से किसी भी एमएसएमई स्कीम (MSME Schemes) का फायदा उठाया जा सकता है और बिज़नेस को विस्तार दिया जा सकता है.
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