बाबा नीमकरोली के चमत्कारों की चर्चा आज सोशल मीडिया पर चारों तरफ सुनाई देती है लेकिन उनके इन चमत्कारों का सिलसिला सालों से चलता आ रहा है। उनके शब्दों की शक्ति का प्रभाव इतना प्रबल था कि “Apple” कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के जन्मदाता मार्क जुकरबर्ग का जीवन ही बदल गया।

बाबा नीमकरोली की कृपा ने आम लोगों के जीवन के कष्ट तो उबारे ही साथ ही बड़े बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटीज को भी राह दिखाई है।

नीमकरोली बाबा की कृपा से स्टीव जॉब्स शुरू कर सके Apple कंपनी

दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी में से एक “Apple” कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स को ये कंपनी बनाने का आइडिया नीमकरोली बाबा के आश्रम में ही आया था। स्टीव जॉब्स साल 1974 से 1976 तक भारत में घूमने आए थे, तब तक उन्होंने एपल की शुरुआत नहीं की थी। उनका भारत आने का मकसद सिर्फ भारत भ्रमण नहीं बल्कि आध्यात्म की खोज करना था। इसी खोज में वो नीमकरोली बाबा के आश्रम में पहुंचे, लेकिन वहाँ पहुंचकर स्टीव जॉब्स को पता चला कि एक साल पहले 1973 में बाबा नीमकरोली ने महासमाधि ले ली। वो बाबा नीमकरोली से तो नहीं मिल पाए लेकिन उनके चमत्कार का आशीर्वाद स्टीव जॉब्स को मिल गया। बाबा नीमकरोली में स्टीव जॉब्स को अपने आध्यात्मिक गुरु मिले।

Facebook के मार्क जुकरबर्ग को भी मिली इन्हीं से प्रेरणा

स्टीव जॉब्स के कहने पर ही फेसबुक को शुरू करने वाले मार्क जुकरबर्ग भी बाबा नीमकरोली के आश्रम पहुंचे। मार्क लंबे समय से इस बात को लेकर परेशान थे कि वो फेसबुक कंपनी को बचाने की एक आखिरी कोशिश करें या फिर उसे बेच दें। इसकी सलाह लेने जब वो स्टीव जॉब्स के पास गए तो स्टीव जॉब्स ने ही उन्हें नीमकरोली बाबा की शरण में जाने को कहा। तब मार्क जुकरबर्ग भारत आए उन्होंने कुछ समय बाबा नीमकरोली के आश्रम में बिताया जिससे उन्हें नई ऊर्जा की प्राप्ति हुई। जिसके बाद अमेरिका लौटकर उन्होंने अपनी सारी परेशानियों को सुलझा लिया, आज वही फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन चुका है।

विराट कोहली भी हैं नीमकरोली बाबा के परम भक्त

नीमकरोली बाबा के आश्रम पर आज के समय के बड़े सिलेब्रिटी भी अक्सर नज़र आते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के चमकते सितारे विराट कोहली अक्सर अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ नीमकरोली बाबा के यहां जाते हैं। इसके अलावा ऑस्कर अवॉर्ड को जीत चुकी हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स ने तो नीमकरोली बाबा से प्रभावित होकर हिंदू धर्म को अपना लिया था। जूलिया कभी बाबा नीमकरोली से मिली नहीं लेकिन वो उनकी तस्वीर को देख और उनके वचनों को सुनकर इतनी ज्यादा प्रभावित हुई कि साल 2009 में उन्होंने हिंदू धर्म को स्वीकार लिया और आज तक उसी का पालन करती हैं।

दुनियाभर के लोगों को प्रभावित कर देने वाले नीमकरोली बाबा भगवान हनुमान के परम भक्त थे और उन्हें इस सदी का सबसे महान संत कहा जाता है। उनका जन्म साल 1900 में उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था। उनका असली नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था, 11 साल की उम्र में ही उनके ज्ञान की चर्चा चारों तरफ होने लगी थी। वो संन्यासी ना बन जाएं इसीलिए घरवालों ने उनकी शादी भी करवाई लेकिन उसके बाद भी वो ज्ञान प्राप्ति के लिए घर से निकल गए और गुजरात के बबनिया में सात साल तक तपस्या कर कई सिद्धियां हासिल की। 1961 में वो नैनीताल के पास कैंची धाम पहुंचे और बाद में यहीं पर उन्होंने अपना आश्रम स्थापित किया जहां आज दुनियाभर से लोग उनकी कृपा प्राप्त करने आते हैं।


LFP Plus by Dr Vivek Bindra